Non toxic cooking utensils: गलत बर्तन में बने खाने से फायदे की जगह होगा नुकसान, ये कुक वेयर हैं बेस्ट

Non toxic cooking utensils: सेहतमंद खाना सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन ताजा खाना खाने के साथ ही ये भी महत्वपूर्ण है कि आप किस धातु के बर्तन में खाना पका रहे हैं। वैसे तो इन दिनों चलन में काफी तरीके से कुक वेयर्स हैं, लेकिन सेहत के लिए इनमें से कौनसा सबसे बेस्ट है, ये हम बता रहे हैं आपको इस लेख में।

Non toxic cooking utensils

गलत बर्तन में बने खाने से फायदे की जगह होगा नुकसान

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • हर धातु का होता है अपना महत्व
  • एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बनाने से बचें
  • जानिए कौनसे धातु के बर्तन हैं आपकी सेहत के लिए बेस्ट

Non toxic cooking utensils: आजकल कुक वेयर में विकल्पों की कमी नहीं है। नॉन स्टिक के बाद टफल कोटिंग यूटेंसिल बाजार में कदम रख चुके हैं। नए रूप और आकार वाले इन बर्तनों के सुरक्षित होने और नहीं होने की बहस भी चलती रहती है। खाना किस तरह के बर्तन में पकाया गया है इसका असर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर होता है। भारतीय परंपरा में खाने के पोषक तत्वों के आधार पर पकाए जाने वाला बर्तन का चयन किया जाता है। आइए जानते हैं किस धातु के बर्तन में क्या पकाना चाहिए।

आयरन की कमी दूर करते हैं लोहे के बर्तन

लोहे के बर्तन को खाना बनाने के लिए बेहतर माना जाता है। इसमें आयरन होता है। यह एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी ठीक करने में मदद करता है। आयरन कई रोग को खत्म करता है। शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता है। लेकिन इसमें खाना खाना नहीं चाहिए। ध्यान रखें लोहे के बर्तन में कभी खाना बनाकर छोड़ना नहीं चाहिए, नहीं तो खाना काला पड़ जाता है।

सुरक्षित और किफायती स्टेनलेस स्टील

स्टेनलेस स्टील बहुत सुरक्षित और किफायती होता है। आज के समय में हर किसी के घर पर स्टील के बर्तनों में खाना पकता और खाया जाता है। हालांकि खास फायदे या नुकसान दोनों नहीं है। हालांकि क्रोमियम से पॉलिश किए गए बर्तनों से बचना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि प्रेशर कुकर भी आप स्टील का यूज करें।

इस बर्तन में पानी रखने से वो बन जाता है ‘अमृत’

पीने का पानी तांबे के बर्तन में रखना चाहिए। यह पानी शरीर को रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध करता है और स्मरण-शक्ति अच्छी रखता है। इससे लीवर संबंधी समस्या दूर होती है। यहीं नहीं पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है। लेकिन तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए, इससे शरीर को नुकसान होता है।

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पीतल के बर्तन शुद्ध

पीतल के बर्तन में खाना बनाने से 90 प्रतिशत पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। लेकिन इनमें एसिडिक या साइट्रिक चीजें नहीं पकानी चाहिए। पीतल के बर्तनों को शुद्ध माना जाता है, इसलिए पूजा पाठ में इनका उपयोग किया जाता है।

ये नहीं हैं सुरक्षित

आजकल नॉन स्टिक बर्तनों का उपयोग काफी बढ़ गया है। इनमें टेफ्लॉन की कोटिंग होती है। ये सेहत के लिए सुरक्षित नहीं हैं। लगातार उपयोग से नॉन स्टिक बर्तनों की कोटिंग उतरती रहती है। जो खाने में मिलकर सेहत को नुकसान पहुंचाती है। एल्युमीनियम के बर्तन भी खाना पकाने के लिए सही विकल्प नहीं हैं।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।

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