नॉनवेज से ज्यादा प्रोटीन मिलता है इस वेस्ट फूड में, जानिए कहां से आया छिलके-गुठलियों से खाना बनाने का आइडिया

Soya Chunk Benefits: सोया चंक्स सोया आटे का उपयोग करके बनाए जाते हैं। सोया चंक्स बाजार में बहुत आसानी से उपलब्ध हैं और इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको सोया चंक्स खाने के फायदे और इसकी इतिहास के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

सोयाबीन बड़ी खाने के फायदे और नुकसान (Image: Canva)

Soya Chunks Benefits: आजादी से ठीक 4 साल पहले 1943 जब भारत का विभाजन नहीं हुआ था, तत्कालीन समय भारत में एक भीषण अकाल पड़ा था। इस दौरान 50 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। बंगाल के कलकत्ता से लेकर ढाका की सड़कों पर सिर्फ कंकाल ही कंकाल दिखाई दे रहे थे। चूंकि सड़क पर पड़े शवों को आवारा जानवर और गिद्ध नोंच खा रहे थे। उस दौर में अपनी भूख की पीड़ा को शांत करने के लिए लोग घास-फूस से लेकर सांप तक को खा जाते थे। ऐसे भीषण भयावह अकाल का दंश झेल चुके देश में अब पश्चिमी सभ्यता हावी हो चुकी है।

वर्तमान भारत में अब न ही भुखमरी है और न ही खाद्यान की कमी, लेकिन इन सबके बावजूद थाली तक भोजन पहुंचने से पहले से 40 प्रतिशत अनाज और फल-सब्जियां खराब हो जाते हैं। पश्चिमी देशों की तरह ही अब भारत में भी लोग के बीच किसी भी फल या सब्जी का एक हिस्सा खाकर बाकी को फेंक देने का चलन बढ़ गया है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि धीरे-धीरे अब छिलके और गुठलियों से ही खाना बनाने का सिस्टम शुरू हो रहा है। आइये जानते हैं कि फूड्स वेस्ट से कैसे खाना बनाया जा रहा है-

सोया चंक्स यानि सोयाबड़ी तो जानते ही होंगे ? सोया आटे का उपयोग करके सोया चंक्स बनाए जाते हैं। यह फैट और तेल को हटा देता है। पानी में भिगोने पर ये बहुत मुलायम हो जाते हैं। इसके बाद इन्हें ग्रेवी में रखा जाता है। सोया चंक्स का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन इसके पीछे का इतिहास क्या है आज हम आपको बताएंगे।

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