Panchayat 3: सोना बेचकर कोई ईंट पत्थर खरीदता है क्या..? खुशहाल जिंदगी का पाठ पढ़ाती हैं पंचायत 3 की ये 7 बातें, हर कोई सीख सकता है सबक

Panchayat 3: ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी पंचायत 3 ना सिर्फ हमारा मनोरंजन करती है बल्कि हमें जिंदगी जीने के कई सबक भी सिखाती है। हम इस सीरीज से कई सारी ऐसी बातें सीख सकते हैं जो शायद ही हमें कोई बताए।

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Panchayat 3 Dialogues

Panchayat 3 Dialogues: हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो पर मशहूर वेब सीरीज पंचायत का सीजन 3 रिलीज हुआ है। पहले के दो सीजन की तरह ही इस सीजन को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। मीडिया से सोशल मीडिया तक में इस वेब सीरीज की चर्चा जोरों पर है। हर कोई इस सीजन की तारीफ कर रहा है। ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी पंचायत 3 ना सिर्फ हमारा मनोरंजन करती है बल्कि हमें जिंदगी जीने के कई सबक भी सिखाती है। हम इस सीरीज से कई सारी ऐसी बातें सीख सकते हैं जो शायद ही हमें कोई बताए। आइए डालते हैं एक नजर इस सीरीज की उन बातों पर जो हमें काफी कुछ सिखाती हैं।
1. अपनों के लिए अड़े रहना:
सीरीज में जिस तरह से प्रधान जी, विकास और प्रह्लाद अपने पुराने सचिव जी के लिए नए सचिव से भिड़ जाते हैं वो हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियां चाहे जो भी हो, हमें अपनों के लिए लड़ना चाहिए।
2. सोना बेचकर कोई ईंट पत्थर खरीदता है क्या:
पंचायत 3 में दिखाया गया है कि कैसे मुफ्त सरकारी आवास के लिए एक बुजुर्ग महिला अपने बेटे से अलग रहने लगती है। उसके बाद प्रह्लाद उन्हें अपना वीरान पड़ा घर दिखाता है और बताता है कि क्यों एक मकान के लिए अपने परिवार से दूर हो रही हैं। यहां हमें सीख मिलती है कि सही मायने में घर वही होता है जहां परिवार रहे। सच बात है कोई सोना बेचकर ईंट पत्थर थोड़ी खरीदता है।
3. पुरानी कड़वाहट भूलकर आगे बढ़ना:
सीरीज में फुलेरा गांव के दामाद गणेश अपने ससुराल के लोगों, खासतौर पर सचिव जी से काफी नाराज रहते हैं। लेकिन जब बात गांव के सम्मान की आती है तो वह पुरानी कड़वाहट भूलकर साथ खड़े हो जाता है। यहां हमें सीख मिलती है कि आपसी कड़वाहट अलग जगह लेकिन जब बात पूरे गांव के सम्मान की हो तो हमें साथ देना चाहिए।
4. दोस्ती का फर्ज:
सीरीज में प्रधान जी, विकास और प्रह्लाद अपने ऊपर हमले के बाद भी अपने साथी सचिव जी से कहते हैं कि यहां सब ठीक है आप परीक्षा अच्छे से दीजिएगा। यहां हमें सीख मिलती है कि अपनी मुश्किलों का दबाव अपने साथी पर नहीं डालना चाहिए। सही मायने में यही दोस्ती है।
5. एकजुटता:
सीरीज में एक सीन है जब विधायक के गुंडे गांव के बम बहादुर पर हाथ उठाने वाले होते हैं। तभी गांव के सारे लोग एक साथ उसके विरोध में खड़े हो जाते हैं। यहां हमें सीखना चाहिए कि जब कोई बाहरी हमारे किसी अपने के खिलाफ हो तो पूरी एकता के साथ उसका विरोध करना चाहिए।
6. सम्मान के लिए त्याग:
गांव के सम्मान के लिए जब बात विधायक का घोड़ा खरीदने की आती है तो प्रह्लाद अपने पास से 5 लाख रुपये दे देता है। यह सीन हमें सीख देती है कि जब बात अपनों और अपने समाज के सम्मान की हो तो हमें त्याग करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
7. सच के लिए लड़ना:
सीरीज में जिस तरह से पूरा फुलेरा गांव अन्याय के खिलाफ ताकतवर विधायक से भिड़ जाता है वो हमें सिखाता है कि हमेशा सच के साथ मजबूती से खड़े होना चाहिए। हमें इस बात से नहीं डरना चाहिए कि नतीजा क्या होगा।
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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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