Parakram Diwas 2024: 23 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है पराक्रम दिवस? जानिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती का इतिहास और महत्व

Parakram Diwas 2024: पराक्रम दिवस का नाता भारत के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस है। इस दिन सुभाष चंद्र बोस को नमन किया जाता है और उनके योगदान को याद किया जाता है। सुभाष चंद्र बोस ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

Parakram Diwas

Parakram Diwas 2024: हर साल 23 जनवरी को देशभर में पराक्रम दिवस मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में पराक्रम दिवस को मनाने की घोषणा की थी। पराक्रम दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके जरिए इस दिन को सेलिब्रेट करने के महत्व के बारे में लोगों को बताया जाता है। यह दिन साहस को सलाम करने के लिए होता है। पराक्रम दिवस का नाता भारत के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस है। इस दिन सुभाष चंद्र बोस को नमन किया जाता है और उनके योगदान को याद किया जाता है। सुभाष चंद्र बोस ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अंग्रेजों को धूल चटा दिया था। उन्होंने नारा भी दिया था तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।' उनके इसी साहस को सलाम करने के लिए 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' मनाया जाता है।

पराक्रम दिवस का इतिहास

पराक्रम दिवस प्रतिवर्ष 23 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में की थी। उसके बाद से हर साल 23 जनवरी यानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। इनके पिता की नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोल कटक के मशहूर वकील थे। सुभाष चंद्र बोस पढ़ने में अच्छे थे। उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा में चौथा स्थान हासिल किया था।

पराक्रम दिवस 2024 थीम

पराक्रम दिवस 2024 का थीम "नेताजी: नए भारत के लिए प्रेरणा" है।

End Of Feed