Parenting Tips For Teenagers: आनंदी की सास की सीखें बच्चों को पालने के गजब नुस्खे, टीनएज में बनेगा खास रिश्ता
Parenting Tips For Teenagers: बच्चों की अच्छी परवरिश करना बेशक ही बहुत मुश्किल काम है, खासतौर से अगर आपका बच्चा टीनएज में है। टीनएज के समय में अगर आप भी बच्चों को दोस्त बन पालना चाहते हैं। तो ये देखें बेस्ट पेरेंटिंग टिप्स, स्पेशली अगर आप बेटियों के मां-बाप हैं तो ऐसी पेरेंटिंग आपके बहुत काम की हो सकती है।
Parenting tips for teenagers
Parenting Tips For Teenagers: हर मां-बाप चाहते हैं कि, उनका बच्चों के साथ बहुत ही खास रिश्ता बना रहे। खासतौर से अगर बच्चा टीनएज में है, तो आप उनके दोस्त बनकर ही रहना चाहते हैं और अपना बॉन्ट मजबूत करना चाहते हैं। लेकिन अच्छी परवरिश का सपना पूरा करने के लिए टीनएज का समय बहुत ही कठीन भी हो सकता है, इस दौर को अच्छा बनाने के लिए पेरेंट्स और बच्चों दोनों को ही खूब मेहनत करनी पड़ती है।
How to Raise Kids
टीनएज एक ऐसा दौर होता है, जिसमें बच्चे खुद को एक्सप्लोर करने की दौड़ में अक्सर गलत रास्तों पर चल पड़ते हैं। और मां-बाप उन्हें सही रास्ता दिखाने के चक्कर में बहुत शकी तो रोक टोक लगाने वाले बन जाते हैं। ऐसे में बेहतरीन टीनएज पेरेंटिंग के लिए बालिका वधु वाली स्मिता बंसल के पांच पेरेंटिंग मंत्र आपके बड़े ही काम के हो सकते हैं।
टीनएज बच्चे कैसे पाले, Parenting Style for Teenage Kids
बच्चों को समझे
टीनएज दौर में हर बच्चा अपने आप को खोज रहा होता है। ऐसे में अगर आपको किसी चीज में दूसरों से अलग है, तो अच्छे मां-बाप के तौर पर आपको उन्हें सपोर्ट करना चाहिए, उन्हें समझना चाहिए और उनकी सराहना करनी चाहिए।
खुलकर बात करें
टीनएज समय में बच्चों से खुलकर हर चीज पर बात करना अच्छी पेरेंटिंग का सबसे मुख्य हिस्सा है। बच्चों से आप इस समय मे जितना खुलकर और सपोर्टिव अंदाज में बात करेंगे, वे उतना ही आपको अपना दोस्त मानेंगे और अपनी जिंदगी में शामिल करेंगे।
उदाहरण बने
टीनएज के बच्चे जैसा देखते हैं वैसे ही बनते हैं, अगर आपके घर का माहौल या बच्चों के प्रति आपका रवैया सही नहीं है। तो आपका बच्चा भी वैसा ही बन जाएगा, अगर आप चाहते हैं बच्चे में सम्मान, दया आदि की भावनाएं हो तो आपको उनके लिए अच्छा उदाहरण बनना पड़ेगा।
आजादी दें
बच्चों को आजादी देना इस दौर में बहुत जरूरी है, उन्हें खुद को एक्सप्लोर करने का अपने लिए सपने देखने और उन्हें पूरा करने का प्रयास करने देना ही चाहिए। हालांकि इसका ये मलतब नहीं है कि, आप उन्हें जरूरत से ज्यादा छुट दें और वे उससे गलत फायदा उठाएं। लेकिन उन्हें बांधकर रखना और अपनी उम्मीदों के बोझ तले दबाना बिल्कुल गलत है।
हिस्सा बने
आपको बच्चे की जिंदगी को चलाना नहीं है, बल्कि उसका हिस्सा बनना है। उसे सही गलत और अच्छे बुरे के बीच का फर्क बताना है और उसके फैसले खुद लेने के लिए विश्वास के साथ छोड़ देना है।
इन चीजों को फॉलो कर बेशक ही आप अपने बच्चों की जिंदगी भी बना देंगे और हमेशा ही उनके साथ दोस्ती का रिश्ता निभा सकेंगे।
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अवनी बागरोला author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की...और देखें
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