नौ घंटे से कम की नींद से ब्रेन की समस्या बढ़ने की आशंका
तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
- बच्चों को समय पर सुलाना पेरेंट्स के लिए चुनौती
- अकसर पेरेंट्स की होती है शिकायत, बच्चा समय पर सोता नहीं
- स्टडी में सामने आए है चौका देने वाले तथ्य
Parenting Tips : आजकल लगभग हर पेरेंट्स की एक ही शिकायत होती है कि उनका बच्चा समय पर सोता नहीं है। बच्चा तब तक जागता है, जब तक माता—पिता जागते हैं। हम भले ही इस बात को छोटा मानें लेकिन वैज्ञानिक इसे बेहद गंभीर स्थिति मान रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार दो साल से बड़े बच्चों का स्लीप रूटीन होना बेहद जरूरी है। अगर बच्चे का यह रूटीन तय नहीं है तो इसमें कहीं न कहीं पेरेंट्स की भी गलती है, क्योंकि वह बच्चे को इसके लिए तैयार नहीं करते हैं।
बच्चे के लिए बनाए बेड टाइम जोन
स्लीप गुरु का मानना है कि बच्चे को सुलाने के लिए आपको बेड टाइम जोन बनाना चाहिए। सबसे पहले बिस्तर एकदम साफ होना चाहिए। उस पर बेडशीट ऐसी बिछी होनी चाहिए जो बच्चे को आराम दे। कमरे में हल्की लाइट जलाएं। बच्चे के पसंदीदा टॉय से खेलें, उसे कहानियां सुनाएं और धीरे—धीरे बच्चा खुद ही सो जाएगा। पेरेंट्स बच्चों को फोर्सफुली या जबरदस्ती सुलाने की कोशिश करते हैं, जो गलत है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप चाहते हैं कि बच्चा अच्छी नींद ले तो एक बेहद जरूरी बात ध्यान में रखनी चाहिए, वो है बाथ टाइम जोड़ना। जी हां, विशेषज्ञों के अनुसार जब हम रात में बच्चे को नहलाते हैं तो उसकी बॉडी रिलेक्स हो जाती है और वह अच्छी नींद ले पाता है। हालांकि ऐसा नियमित तौर पर करने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञों ने स्टडी में पाया कि बच्चों की अच्छी नींद का असर पेरेंट्स पर भी पॉजिटिव पड़ता है। पेरेंट्स का मूड अगले दिन अच्छा रहता है और वे रिलेक्स रहते हैं।
उम्र के हिसाब से इतनी नींद है जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों के लिए नौ घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। इसका सीधा कनेक्शन उनके ब्रेन से जुड़ा है। वेस्ट सफोक एनएचएस फाउंडेशन के अनुसार दो साल के बच्चे को रात में 11 से 13 घंटे की नींद लेने की जरूरत होती है। साथ ही दिन में भी उसे एक से दो बार कुछ घंटों के लिए सुलाना चाहिए। वहीं 3 से 5 साल के बच्चों को दिन में 11 से 13 घंटे की नींद लेनी चाहिए। 5 से 9 साल के बच्चों को कम से कम 10 से 11 घंटे सोना चाहिए। वहीं 10 से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए 9 से 9.75 घंटे की नींद जरूरी है।
नौ घंटे से कम की नींद से ब्रेन की समस्या बढ़ने की आशंका
बच्चों के लिए प्रॉपर नींद कितनी जरूरी है इसे लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों ने हाल ही में एक स्टडी की। स्टडी के अनुसार कम नींद लेने पर बच्चों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, डिप्रेशन जैसे लक्षण दिखते हैं। इतना ही नहीं जो बच्चे कम नींद लेते हैं उनकी मेमोरी कम हो जाती है, वे कोई भी प्रॉब्लम सॉल्व करने में परेशानी महसूस करते हैं और जल्दी निर्णय भी नहीं ले पाते हैं। स्टडी करने वाले प्रो वांग का कहना है कि जो बच्चे नौ घंटे से कम की नींद लेते हैं, वे मेमोरी में कमजोर पाए गए। वहीं जो बच्चे नौ या इससे ज्यादा घंटे सोते हैं उनकी मेमोरी तेज मिली, वे ज्यादा खुश और फ्रेश नजर आए। ऐसे में दो साल से बड़े बच्चों की नींद पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)