Parenting Tips: इस उम्र के बाद बच्चे को साथ सुलाना कर दें बंद, जानें क्या है इसकी वजह
आम लोगों के दिमाग में एक सवाल हमेशा रहता है कि बच्चे को कितनी उम्र तक माता पिता अपने साथ सुलाएं। आम भारतीय परिवारों में तो बच्चे बड़ी उम्र तक माता पिता के साथ सोते हैं। यहां जानें बच्चे को अलग सुलाने की सही उम्र क्या है।
Parenting Tips (Credit: Pixabay)
Parenting Tips: आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कहा है कि पांच साल तक की उम्र तक बच्चे को खूब दुलार करें, 10 साल की उम्र तक बच्चे को डांट फटकार से सही गलत की समझ कराएं और 16 की उम्र तक बच्चे के दोस्त बन जाएं। आजकल पैरेंट्स बच्चों को खूब प्यार करते हैं लेकिन उनके सदाचार पर कम ध्यान देते हैं। बच्चे के साथ कब क्या करना है, इसके लिए नियम हैं। यह नियम समाज ने ही बनाए हैं। आम लोगों के दिमाग में एक सवाल हमेशा रहता है कि बच्चे को कितनी उम्र तक माता पिता अपने साथ सुलाएं। आम भारतीय परिवारों में तो बच्चे बड़ी उम्र तक माता पिता के साथ सोते हैं। जानकारों का मानना इस बारे में अलग है। ऐसा कहा जाता है कि केयर के चलते अक्सर माता पिता बच्चों को अपने साथ ही सुला लेते हैं, पर ये बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक उम्र के बाद बच्चे को अलग बिस्तर या अलग कमरे में सुलाने की आदत डालें। यहां जानें बच्चे को अलग सुलाने की सही उम्र क्या है।
अध्ययन में सामने आई बात
एक अध्ययन के मुताबिक, चार-पांच की आयु के बाद बच्चे को अभिभावक से अलग सुलाना चाहिए। जब बच्चा चार साल तक का हो तो उसे अपने साथ सुलाएं। ऐसा करना बच्चे के मनोबल को बढ़ाता है। माता पिता के साथ सोने से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है। हालांकि इस उम्र के बाद जब बच्चे में शारीरिक बदलाव होने लगे तो उन्हें अलग सुलाना चाहिए।
साथ सोने के नुकसान
अध्ययन की मानें तो, बढ़ती उम्र के बच्चे का माता पिता के साथ सोना कई समस्याएं पैदा करता है। इन समस्याओं में मोटापा, थकान, कम ऊर्जा, विकास में कमी, अवसाद और याददाश्त कमजोर होना शामिल है। उम्र बढ़ने पर बच्चे में समझदारी आने लगती है। ऐसे में वह माता पिता के बीच होने वाले मनमुटाव को भांपने लगते हैं जोकि बच्चे के लिए ठीक नहीं। चार-पांच साल में ही अभिभावक से अलग लेटने की आदत उन्हें अलग सोने में मदद करती है।
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