Radhika-Anant Mameru: क्या है मामेरू रस्म जिसके साथ शुरू हुए अनंत अंबानी और राधिका के प्रीवेडिंग फंक्शन, कौन कौन शामिल होता है इसमें
Radhika-Anant Mameru: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की 03 जुलाई को शादी की बेहद खास रस्म मामेरु निभाई गई। इस रस्म का भव्य आयोजन अंबानी के एंटीलिया रेजिडेंस पर किया गया। ऐसे में जानिए क्या होता है मामेरु।
Radhika-Anant Mameru
Radhika-Anant Mameru: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी की रस्में शुरू हो चुकी है। दोनों 12 जुलाई को सात फेरे लेने वाले हैं। अनंत और राधिका की शादी की रस्मों की शुरुआत गरीब और वंचितों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम से हुई। वहीं कल यानी 03 जुलाई को शादी की बेहद खास रस्म मामेरु निभाई गई। इस रस्म का भव्य आयोजन अंबानी के एंटीलिया रेजिडेंस पर किया गया। दरअसल आपतो बता दें कि 'मामेरू'एक गुजराती रस्म है जिसका गुजराती परिवार में बेहद खास महत्व माना जाता है। इससे ये साफ हो गया है कि अनंत और राधिका की शादी में गुजराती रस्मों का तड़का देखने को मिलने वाला है। तो चलिए जानते हैं किस तरह से गुजराती शादी में निभाई जाती हैं रस्में।
क्या होती है 'मामेरू' रस्म
मामेरू का मतलब है मामा। गुजराती परिवार में इस रस्म का बेहद खास महत्व होता है। मामेरू एक पारंपरिक गुजराती रस्म होती है जिसमें दुल्हन को उसके मामा से उपहार मिलते हैं जिसमें पारंपरिक साड़ियां,आभूषण और अन्य ज़रूरी सामान शामिल होते हैं। इसके अलावा गिफ्ट के तौर पर मिठाई और सूखे मेवे भी दिए जाते हैं। इसे विवाह अनुष्ठान की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। इस समारोह के दौरान पूरा परिवार इकठ्ठा होकर लड़का-लड़की को आशीर्वाद देता है। गुजराती शादी में कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं जिनमें मामेरू भी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गुजराती शादी में और कौन कौन सी रस्में निभाई जाती है और अनंत-राधिका शादी में और कौन कौन सी रस्में देखने को मिल सकती है।
गुजराती शादी में अंतरपाट की रस्में
गुजराती शादी में एक अनोखी रस्म होती है जिसे अंतरपाट कहा जाता है। इस रस्म का भी बेहद खास महत्व होता है। इस रस्म में जयमाला से पहले दूल्हा और दुल्हन के बीच पर्दा लगाया जाता है। अंतरपाट की रस्म को दुल्हन के मामा द्वारा निभाया जाता है। इस रस्म में दुल्हन के मामा उसे मंडप तक ले जाते हैं और फिर दूल्हा और दुल्हन के बीच फेरे शुरू होने से पहले उनके बीच पर्दे को रखा जाता है ताकि दोनों को एक दूसरे की नजर ना लगे। वहीं जयमाला से पहले पर्दे को नीचे कर दिया जाता है।
गुजराती शादी में चेरो पकरयो की रस्म
गुजराती परिवार में इस रस्म का भी बेहद खास महत्व है। चेरो पकरयो रस्म में दूल्हा अपनी सास की साड़ी पकड़कर उनसे उपहार मांगता है। जिसके बाद दुल्हे को कई तरह गिफ्ट्स दिए जाते हैं। चेरो पकरयो एक ऐसी रस्म है जिसके बिना गुजराती शादी अधूरा माना जाता है।
गुजराती शादी में गोल धना की रस्म
इस रस्म में दूल्हा अपनी होने वाली दुल्हन को रिंग पहनाता है और फिर दुल्हन अपने होने वाली पति को रिंग पहनाती है। इसके बाद दोनों पांच विवाहित महिलाओं से आशीर्वाद लेते हैं।
गुजराती शादी में वरघोड़ा की रस्म
गुजराती शादी में ये रस्म बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रस्म में दूल्हे की बहन अपने भाई की बारात के घर से निकलने से पहले उसके सिर पर से सिक्के वारती है। ताकि उसे नज़र ना लगे। इस रस्म को बहन तब तक करती हैं जब तक दूल्हा घोड़े पर सवार होकर निकल ना जाए।
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