Rahat Indori Shayari: किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है..., पुण्यतिथि पर पढ़ें राहत इंदौरी के ये मशहूर शेर
Rahat Indori Shayari: राहत इंदौरी का जन्म राहत कुरैशी के रूप में 1 जनवरी, 1950 को इंदौर में रफतुल्लाह कुरैशी (पिता) और मकबूल उन निसा बेगम (मां) के घर हुआ था। राहत इंदौरी को शायरी करने का शौक था और वह मंचों पर ऐसे प्रस्तुति देते कि सुनने वाले खूब ठहाके लगाते। हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायरों में शुमार डॉ राहत इंदौरी की आज (11 अगस्त) पुण्यतिथि है।
Rahat Indori Shayari
Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Famous Shayari: देश-दुनिया में मशहूर हिंदुस्तान के लोकप्रिय शायरों में शुमार डॉ राहत इंदौरी की आज (11 अगस्त) पुण्यतिथि है। राहत इंदौरी का जन्म राहत कुरैशी के रूप में 1 जनवरी, 1950 को इंदौर में रफतुल्लाह कुरैशी (पिता) और मकबूल उन निसा बेगम (मां) के घर हुआ था। उनके पिता एक कपड़ा मिल मजदूर थे और उनकी मां एक गृहिणी थीं। राहत इंदौरी ने अपनी स्कूली शिक्षा नूतन स्कूल से पूरी की। साल 1973 में उन्होंने इस्लामिया करीमिया कॉलेज, इंदौर से ग्रेजुएशन किया।
वर्ष 1975 में, उन्होंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर किया। वर्ष 1985 में उनकी थीसिस 'उर्दू में मुशायरा' के लिए उन्हें मध्य प्रदेश के भोज विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया। राहत इंदौरी को शायरी करने का शौक था और वह मंचों पर ऐसे प्रस्तुति देते कि सुनने वाले खूब ठहाके लगाते। कोरोना से जंग के दौरान आज उनका निधन हो गया था। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपके लिए लाए हैं राहत इंदौरी के कुछ मशहूर शेर जिन्हें पढ़कर आप रोमांचित हो जाएंगे।
Rahat Indori Shayari in Hindi, Urdu
कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए
चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है
कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
सभी का खून है शामिल यहाँ की मिटटी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
Rahat Indori ki Shayari
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं
तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो
Rahat Indori ki Famous Shayari
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे
अपने हाकिम की फकीरी पे तरस आता है
जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे
जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे
Rahat Indori Love Shayari
फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो
इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं
किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है
आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
Rahat Indori Shayari in Hindi
उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है
बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था
मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना
मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था
अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए
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कुलदीप राघव author
कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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