राहुल गांधी के कमरे में हमेशा रहती है शिव की तस्वीरः खाने में ये चीजें हैं पसंद, जानें 52 बरस के होकर भी खुद को कैसे रखते हैं फिट?
Rahul Gandhi with Curly Tales Kamiya Jani: राहुल गुस्सा होने पर चुप हो जाते हैं या फिर सामने वाले से कहते हैं कि ऐसा मत करिए...। अपने ताजा दाढ़ी वाले लुक को लेकर बोले कि यात्रा पर मैंने इसे नहीं कटवाया। यह बदलाव का हिस्सा है। मेरी पार्टी वालों की ओर से मुझ पर काफी दवाब था कि इसे कटवाइए...।



तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः प्रिंस डोगरा)
Rahul Gandhi with Curly Tales Kamiya Jani: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (52 साल) के कमरे में हमेशा भगवान शिव की तस्वीर और रुद्राक्ष की माला रहती है। ये दोनों चीजें उनके बिस्तर के बगल की मेज के भीतर होती हैं, जबकि नॉन वेज खाना अधिक पसंद करते हैं। चिकन, मटन और सीफूड को वह बड़े चाव से खाते हैं। रोचक बात है कि वह 52 बरस के हो चुके हैं, फिर भी खुद को फिट रखते हैं। ऐसा वह एक्सरसाइज, मार्शल आर्ट्स और अन्य एक्टिविटीज के जरिए कर पाते हैं।
ये सारी बातें खुद गांधी ने 'कर्ली टेल्स' की कामिया जानी को दिए इंटरव्यू में बताईं। राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने जानी के साथ डिनर पर अपनी निजी जिंदगी के उन पन्नों को पलटा, जिन पर वह अक्सर बात नहीं करते। राहुल के मुताबिक, उन्हें जो मिल जाता है, वह खा लेते हैं। खाने-पीने को लेकर उनकी बहुत प्राथमिकताएं नहीं रहती हैं, पर उन्हें मटर और कटहल नहीं पसंद हैं। घर पर रहते हैं, तब सब कुछ नहीं खाते। पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वह इस मामले में चूजी (पसंद की चीजें अधिक खाना) नहीं रहे।
वह यह भी बोले- तेलंगाना मेरे लिए खाने के मामले में थोड़ा तीखा (स्पाइसी खाने के संदर्भ में) रहा। आमतौर पर मैं घर पर लंच में देसी खाना खाता हूं, पर हमारे यहां डिनर में कॉन्टिनेंटल स्टफ बनता है। मैंने अपने खाने पर काफी नियंत्रण रखा है, इस वजह से मेरा खाना काफी बोरिंग रहता है। मैं मीठा खाने से बचता हूं। राहुल ने आगे बताया कि वह अधिक कार्बोहाइड्रेट नहीं खाते हैं। पर अगर रोटी और चावल में च्वॉइस होगी, तब रोटी चुनेंगे। सुबह में कॉफी, शाम में चाय पीना पसंद करेंगे। तीन पसंदीदा डिश - चिकन टिक्का, सीक कबाब और ऑमलेट।
यह पूछे जाने पर कि क्या आप एक बार में आठ-10 आइस्क्रीम खा सकते हैं? जवाब आया, "एक-दो आइसक्रीम खा सकता हूं, पर आठ 10 नहीं। नॉन वेज हूं। चिकन, मटन और सीफूड...मुझे पसंद है। पहले पुरानी दिल्ली जाता था, पर अब मोती महल जाता हूं। सागर रत्ना, स्वागत और सर्वना भवन...ये कुछ ऐसी जगहें, जहां मुझे खाना पसंद है।"
इंटरव्यू के दौरान उन्होंने आगे बताया कि वह डाइविंग भी कर लेते हैं। खासकर फ्री डाइविंग भी कर लेते हैं, जिसमें बिना स्कूबा गेयर के सांस को रोका जाता है। उनके मुताबिक, अगर ट्रेनिंग हुई होती है तब वह थोड़ी देर तक सांस रोक सकते हैं। पर ट्रेन्ड नहीं हैं तब वह ज्यादा देर तक नहीं रोक सकेंगे। आइकिडो (एक किस्म का मार्शल आर्ट) भी जानते हैं, जबकि मार्शल आर्ट क्लास भी करते हैं।
बकौल राहुल, "मेरे कमरे में बिस्तर किनारे दराज है, जिसमें पासपोर्ट और अन्य आईडी के साथ रुद्राक्ष और तस्वीरें (बुद्ध और शिवा की), वॉलेट, फोन रहते हैं। सोते समय मैं फोन अलग रख देता हूं। सोशल मीडिया पर भी अधिक समय नहीं देता।" उन्होंने कहा कि अगर मुझे देश के लिए तीन काम करने होंगे तब मैं एजुकेशन सिस्टम बदलूंगा। प्रोडक्शन (छोटा काम-धंधे) करने वालों की मदद करूंगा और लोगों की रक्षा करूंगा मसलन किसान, मजदूर और अन्य लोग।
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