क्या रमजान के दौरान ब्रश करने से टूट जाता है रोजा, जानें Ramadan से जुड़े ये मिथक

Ramadan Myth: रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है जिसमें दुनियाभर के मुसलमान रोजा रखते हैं। इसे लेकर हर किसी के मन में कोई ना कोई सवाल रहता ही है कि रोजे में क्या करना चाहिए क्या नहीं। आइये जानते हैं कुछ ऐसी ही बातें जिनको लेकर बहुत से सवाल उठते रहते हैं—

इस्लाम को मानने वाले लोग रमजान को अल्लाह या खुदा की इबादत का महीना कहते हैं। इस्लाम में इसे सबसे पवित्र महीना माना गया है लेकिन बहुत से लोग इसे केवल खाना-पीना छोड़ देना ही समझते हैं। रोजा का मतलब केवल खाना-पीना छोड़ना भर नहीं है। इस्लाम को जानने वाले लोग बताते हैं कि रमजान का पूरा महीना एक बेहतर इंसान बनने का लगातार अभ्यास है। रमजान के महीने में रोजा दिन के पहले पहर (सहरी) से शुरू हो जाता है और दिन के अंतिम पहर सूर्यास्त (इफ्तार) पर खत्म होता है। इस दौरान रोजेदार अन्न-जल ग्रहण नहीं करते हैं। रोजा को लेकर हमारे सामने कई तरह के भ्रम आते रहते हैं। कई ऐसे मिथक और धारणाएं हैं जिन पर लोगों की राय अलग-अलग दिखाई पड़ती है। ऐसे ही एक मिथक के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं—

क्या रमजान में ब्रश करने से रोजा टूट जाता है?

अधिकांश इस्लाम के जानकार इस बात से असहमत रहते हैं कि रोजा के दौरान दांतों को ब्रश करने से रोजा टूट जाता है। वे इसके साथ ही कहते हैं कि रोजे के दौरान हमें ब्रश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए कि कोई टूटपेस्ट का टुकड़ा हम निगल ना जाएं। यदि आप सावधानी से टूथपेस्ट करते हैं और ब्रश करने के बाद अच्छे से कुल्ला कर लेते हैं तो रोजे के दौरान ब्रश करना एकदम सही है। यदि आप रोजे के दौरान अपने दांतों की सफाई को लेकर चिंता में हैं तो इन तरीकों को फॉलो कर अपने दांतों को रख सकते हैं साफ और मजबूत।

मिस्वाक की दांतुन

दुनिया भर के लोग हजारों सालों से अपने दांतों की सफाई के लिए ‘मिस्वाक’ पौधे की जड़ तथा टहनियों का प्रयोग करते आ रहे हैं। इसकी जड़ और टहनियों को दांतुन की तरह चबाकर प्रयोग किया जाता है। कई वैज्ञानिक शोध में सामने आया है कि मिस्वाक में एंटीवैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीप्लांक जैसे गुण होते हैं जो हमारे दांतो की सफाई का काम टूथब्रश से भी बेहतर तरीके से करता है।

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