Gantantra Diwas Par Kavita: गणतंत्र दिवस पर इन देशभक्ति कविताओं का करें पाठ, देखें हिंदी में कविता और Speech

Gantantra Diwas par kavita (गणतंत्र दिवस कविता इन हिंदी): हर भारतीय के लिए गणतंत्र दिवस का दिन किसी त्योहार से कम नहीं होता है। आज गणतंत्र दिवस पर पढ़ें देशभक्ति वाली ये शानदार कविताएं, देखें गणतंत्र दिवस की कविता, गणतंत्र दिवस स्पीच, हिंदी में कविता।

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Gantantra Diwas par kavita (गणतंत्र दिवस कविता इन हिंदी): भारत में हर साल 26 जनवरी (Republic Day 2024) के दिन को राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है। 75 वर्ष पहले इसी दिन आजाद भारत को अपना संविधान लागू हुआ था और तब से लेकर आज तक ये दिन हर भारतवासी के लिए बेहद खास है। अगर आप आज 26 जनवरी (Republic Day) के दिन गणतंत्र दिवस के उत्सव में चार चांद लगाने के लिए कुछ खास करना चाहते हैं तो स्कूल-ऑफिस में देशभक्ति वाली इन शानदार कविताओं का पाठ कर सकते हैं। देखें गणतंत्र दिवस की कविता (Gantantra Diwas par kavita), हिंदी में रिपबल्कि डे पोयम, गणतंत्र दिवस की स्पीच आदि।

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1. एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बंधाए,

कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,

इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,

और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गंवाए!

किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

जय बोलो उस धीर व्रती की जिसने सोता देश जगाया,

जिसने मिट्टी के पुतलों को वीरों का बाना पहनाया,

जिसने आजादी लेने की एक निराली राह निकाली,

और स्वयं उसपर चलने में जिसने अपना शीश चढ़ाया,

घृणा मिटाने को दुनियाँ से लिखा लहू से जिसने अपने,

'जो कि तुम्हारे हित विष घोले, तुम उसके हित अमृत घोलो।'

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

कठिन नहीं होता है बाहर की बाधा को दूर भगाना,

कठिन नहीं होता है बाहर के बंधन को काट हटाना,

गैरों से कहना क्या मुश्किल अपने घर की राह सिधारें,

किंतु नहीं पहचाना जाता अपनों में बैठा बेगाना,

बाहर जब बेड़ी पड़ती है भीतर भी गांठें लग जातीं,

बाहर के सब बंधन टूटे, भीतर के अब बंधन खोलो।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

कटीं बेड़ियां औ' हथकड़ियां, हर्ष मनाओ, मंगल गाओ,

किंतु यहां पर लक्ष्य नहीं है, आगे पथ पर पांव बढ़ाओ,

आजादी वह मूर्ति नहीं है जो बैठी रहती मंदिर में,

उसकी पूजा करनी है तो नक्षत्रों से होड़ लगाओ।

हल्का फूल नहीं आजादी, वह है भारी जिम्मेदारी,

उसे उठाने को कंधों के, भुजदंडों के, बल को तोलो।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

2. देखो फिर से गणतंत्र दिवस आ गया,

जो आते ही हमारे दिलो-दिमाग पर छा गया।

यह है हमारे देश का राष्ट्रीय त्यौहार,

इसलिए तो सब करते हैं इससे प्यार।

इस अवसर का हमें रहता विशेष इंतजार,

क्योंकि इस दिन मिला हमें गणतंत्र का उपहार।

आओ लोगों तक गणतंत्र दिवस का संदेश पहुचाएं,

लोगों को गणतंत्र का महत्व समझाएं।

गणतंत्र द्वारा भारत में हुआ नया सवेरा,

इसके पहले तक था देश में तानाशाही का अंधेरा।

क्योंकि बिना गणतंत्र देश में आ जाती है तानाशाही,

नहीं मिलता कोई अधिकार वादे होते हैं हवा-हवाई।

तो आओ अब इसका और ना करें इंतजार,

साथ मिलकर मनाये गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार।।

3. आओ तिरंगा लहराए, आओ तिरंगा फहराए..

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे नाचे खुशी मनाएं

अपना 75वां गणतंत्र दिवस खुशी से मनाएंगे,

देश पर कुर्बान हुए शहीदों को श्रद्धा सुमन चढ़ाएंगे।

विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है,

पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है।

इसमें बताये नियमों को अपने जीवन में अपनाये,

थाम एक दूसरे का हाथ आगे-आगे कदम बढ़ाये,

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाएं।।

होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है

हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में गंगा बहती है

मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है

ज्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुजारा होता है

बच्चों के लिये जो धरती मां, सदियों से सभी कुछ सहती है

हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में गंगा बहती है

कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं

ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं

मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज यही जो रहती है

हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में गंगा बहती है

जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने

मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने

अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है

हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं

जिस देश में गंगा बहती है..

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    TNN लाइफस्टाइल डेस्क author

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