Sanskrit Shlokas for Success: देखें सफलता पर संस्कृत श्लोक, जीवन में कभी हारने नहीं देगा ये प्रेरणादायक ज्ञान
Sanskrit Shlokas for Success (सफलता पर संस्कृत श्लोक): जीवन में आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए ये संस्कृत श्लोक देखें। यहां आप प्रेरणादायक संस्कृत श्लोक देख सकते हैं जो आपके मनोबल को बनाए रखेंगे। देखें Sanskrit Shlok with Meaning जो आपको सही ज्ञान देखकर अपनी मंजिल पाने में मदद करेंगे।
Sanskrit Shlokas for Success with Meaning
Sanskrit Shlokas for Success (सफलता पर संस्कृत श्लोक): जीवन में मनोबल को ऊंचा रखने के लिए यहां देखें कुछ संस्कृत श्लोक। ये आपको सफलता के रास्ते पर लगातार आगे चलने के लिए प्रेरित करेंगे। संस्कृत हमारी प्राचीन भाषा है तो जाहिर है कि इन श्लोकों में पुराना ज्ञान भी छिपा होगा। ये गूढ़ बातें आपको अपने रास्ते से भटकने नहीं देंगी और आप अपनी मंजिल पाकर ही रहेंगे। देखें सफलता को लेकर संस्कृत श्लोक अर्थ सहित।
Safalta Par Sanskrit Shlok with Meaning
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।
क्षुरासन्नधारा निशिता दुरत्यद्दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति॥
हिंदी अर्थ : इस श्लोक में बताया गया है कि सफलता कभी भी आसान रास्तों पर चल कर नहीं मिलती है। इसलिए उठो, जागो, और अपने लक्ष्य को पाने की राह चलना शुरू करो। रास्ते कठिन हैं, कई बार ये अत्यन्त दुर्गम भी होंगे। विद्वानों का कहना है कि सफलता प्राप्ति कठिन राहों पर चलकर ही होती है।
योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनंजय।
सिद्धयसिद्धयोः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते ॥
हिंदी अर्थ : भगवान कृष्ण यहां अर्जुन को कर्म पर ध्यान देने को कह रहे हैं। वह कहते हैं - धनंजय! तू आसक्तियों का त्याग कर दे, सफलता हो या विफलता - इनमें समान भाव रखो और इसी तटस्थ भाव से अपने कर्म करो। इसी समता को ही योग कहते हैं।
उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:।
हिंदी अर्थ : सपने देखने से नहीं बल्कि मेहनत करने से सफलता मिलती है। श्लोक में कहा गया है कि सिर्फ इच्छा करना ही आपको सफलता नहीं दिलाता, बल्कि इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे कोई हिरण सोये हुए शेर के मुंह में स्वयं नहीं आता, उसके शिकार के लिए शेर को परिश्रम करना पड़ता है।
न चोरहार्य न राजहार्य न भ्रतृभाज्यं न च भारकारि।
व्यये कृते वर्धति एव नित्यं विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।।
हिंदी अर्थ : इस श्लोक में विद्या को श्रेष्ठ धन बताते हुए कहा गया है कि ये एक ऐसा धन है जिसे चुराया नहीं जा सकता, इसे आपसे कोई छीन नहीं सकता, भाइयों में इसका बंटवारा नहीं किया जा सकता, इसे संभालने में कोई परेशानी नहीं होती और यह खर्च करने पर और अधिक बढ़ता है। इसी वजह से विद्या धन सर्वश्रेष्ठ है। सफलता पाने के लिए इस धन का संचय करें।
उद्योगिनं पुरुषसिंहं उपैति लक्ष्मीः
दैवं हि दैवमिति कापुरुषा वदंति।
दैवं निहत्य कुरु पौरुषं आत्मशक्त्या
यत्ने कृते यदि न सिध्यति न कोऽत्र दोषः।
हिंदी अर्थ : लक्ष्मी की प्राप्ति उद्योगी यानी मेहनती और साहसी लोगों को ही होती है। निकम्मे लोग जहां भाग्य के भरोसे रहते हैं, वहीं सफलता पाने वाले अपनी योग्यता और शक्ति पर भरोसा करते हैं। हालांकि अगर मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलती है तो इसमें अपना दोष नहीं मानना चाहिए।
काव्य-शास्त्र-विनोदेन कालो गच्छति धीमताम्।
व्यसनेन तु मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा॥
हिंदी अर्थ : इस श्लोक में बुद्धिमान और मूर्ख लोगों के बीच का फर्क बताया गया है। समझदार लोग जहां अपना समय काव्य और शास्त्र का विनोद करने में बिताते हैं, वहीं मूर्खों का समय व्यसन, नींद व कलह में बीतता है।
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TNN लाइफस्टाइल डेस्क author
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