Sare Jahan se Achcha lyrics: अल्लामा इकबाल ने भारत की शान में लिखा था गीत, यहां देखें सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा के बोल हिंदी में

Sare Jahan se Achcha lyrics: इस गीत को प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल ने 1905 में लिखा (Who Wrote the Poem Sare Jahan Se Acha) था और सबसे पहले सरकारी कालेज, लाहौर में पढ़कर सुनाया था। यह इक़बाल की रचना बंग-ए-दारा में शामिल है।

Sare Jahan Se Achcha lyrics in Hindi, 15 August Independence Day 2024

Sare Jahan se Achcha lyrics in Hindi: हिंदुस्तान अपनी सांस्कृतिक और प्राकृतिक खूबसूरती व विविधता के कारण सैकड़ों सालों से दुनिया भर की नजर में रहा है। इस मुल्क के गुणगान में ना जाने कितने ही शायरों ने अपनी कलम से कालजयी नगमें लिखे हैं। ऐसा ही एक गीत है - सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा। 15 अगस्त हो या 26 जनवरी, हिंदुस्तान की फिजाओं में चारों ओर ये गीत घुल जाता है। सारे जहां से अच्छा को औपचारिक रूप से तराना-ए-हिंद या फिर हिंदुस्तान के लोगों के गान के तौर पर जाना जाता है। यह एक उर्दू भाषा का गीत है। उर्दू शायरी की ग़ज़ल शैली में कवि अल्लामा मुहम्मद इक़बाल द्वारा लिखा गया यह गीत अमर हो गया है। आइए डालते हैं इस गीत के लिरिक्स पर एक नजर:

Sare Jaha se Achha lyrics in Hindi | Sare Jahan se Achcha Hindustan

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसितां हमारा

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