Shakeel Badayuni Shayari: कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई.., आज भी ओस की बूंद की तरह ताजा हैं शकील बदायूंनी के ये 21 मशहूर शेर
Shakeel Badayuni Shayari 2 line: फनकारी की दुनिया में शकील बदायूनी का नाम सुरहरे अक्षरों में दर्ज है। वह उर्दू के प्रसिद्ध शायर और गीतकार थे। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार थे। शकील बदायूनी ने अपनी रचनाओं में प्रेम, विरह और सौंदर्य के भावों का ऐसे अनोखे ढंग से पेश किया कि पढ़ने-सुनने वाला बस उसी में खो कर रह गया।
Shakeel Badayuni Songs, Shayari, Poetry in Hindi
Shakeel Badayuni Shayari in Hindi, Shakeel Badayuni Songs: फनकारी की दुनिया में शकील बदायूनी का नाम सुरहरे अक्षरों में दर्ज है। वह उर्दू के प्रसिद्ध शायर और गीतकार थे। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार थे। शकील बदायूनी ने अपनी रचनाओं में प्रेम, विरह और सौंदर्य के भावों का ऐसे अनोखे ढंग से पेश किया कि पढ़ने-सुनने वाला बस उसी में खो कर रह गया।उत्तर प्रदेश का बदायूं जिला तीन चीजों के लिए पूरे देश में विख्यात है- पीर, पेड़े और शायर। सूफी संत निजामुद्दीन औलिया जैसे पीर की यहां पैदाइश हुई तो वहीं इस्मत चुगताई, जीलानी बानो, दिलावर फिगार, आले अहमद सुरूर, अदा जाफरी, फानी बदायूंनी, बेखुद बदायूंनी और शकील बदायूंनी जैसे कई नग़मानिगार भी यहीं की मिट्टी में जन्मे। बात शकील बदायूंनी की करें तो उन्होंने अपनी कलम से ऐसे-ऐसे नग़में लिखे कि आज भी उनका जादू वैसे ही बरकरार है। आइए जालते हैं नजर शकील बदायूंनी के लिखे कुछ मशहूर शेर पर:
Shakeel Badayuni ki Shayari | Shakeel Badayuni Poetry in Hindi
- कोई दिलकश नज़ारा हो कोई दिलचस्प मंज़र हो
तबीअत ख़ुद बहल जाती है बहलाई नहीं जाती
- उन्हें अपने दिल की ख़बरें मेरे दिल से मिल रही हैं
मैं जो उनसे रूठ जाऊं तो पयाम तक न पहुंचे
- गुलशन हो निगाहों में तो जन्नत न समझना
दम-भर की इनायत को मोहब्बत न समझना
- कल रात जिंदगी से मुलाकात हो गई
लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई
- ये दाग, दाग की खातिर मिटा के छोड़ेंगे
नए अदब को फसाना बना के छोडेंगे
- वो आंख तो दिल लेने तक बस दिल की साथी होती है,
फिर लेकर रखना क्या जाने दिल लेती है और दिल खोती है
- माना वो मुझे अपनी निगाहों से गिरा दें
लेकिन मेरे एहसास को ठुकरा नहीं सकते
- लम्हे उदास उदास फजाएं घुटी घुटी
दुनिया अगर यही है तो दुनिया से बच के चल
- इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है
- न पैमाने खनकते हैं न दौर-ए-जाम चलता है
नई दुनिया के रिंदों में ख़ुदा का नाम चलता
-यूं तो हर शाम उमीदों में गुजर जाती है
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
- काफ़ी है मिरे दिल की तसल्ली को यही बात
आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया
- ऐ इश्क़ ये सब दुनिया वाले बेकार की बातें करते हैं
पायल के ग़मों का इल्म नहीं, झंकार की बातें करते हैं
- ऐ इश्क ये सब दुनिया वाले बेकार की बातें करते हैं
पायल के गमों का इल्म नहीं, झंकार की बातें करते हैं
- गुलशन हो निगाहों में तो जन्नत न समझना
दम-भर की इनायत को मोहब्बत न समझना
- कैसे कह दूं कि मुलाक़ात नहीं होती है
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है
- उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
- मुझे तो कैद-ए-मोहब्बत अजीज थी लेकिन
किसी ने मुझ को गिरफ्तार कर के छोड़ दिया
- ये ख़ुनुक ख़ुनुक हवाएं ये झुकी झुकी घटाएं
वो नज़र भी क्या नज़र है जो समझ न ले इशारा
- ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूं आज तिरे नाम पे रोना आया
- कांटों से गुज़र जाता हूं दामन को बचाकर
फूलों की सियासत से मैं बेगाना नहीं हूं
बता दें कि वह शकील बदायूंनी ही थे जिन्होंने चौदहवीं का चांद, प्यार किया तो डरना क्या, न जाओ सैंया छुड़ा के बैयां कसम तुम्हारी, हुस्नवाले तेरा जवाब नहीं और सुहानी रात ढल चुकी जैसे सदाबहार फिल्मी गाने लिखे हैं। इन गानों में ऐसा जादू है कि इन्हें जब भी सुना जाए वह ओस की बूंद की तरह ताजा ही लगते हैं।
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Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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