Indian Maharajas: इन अय्याश महाराज की थीं 365 रानियां, पीरियड्स में खुले रखवाते बाल, मर्दानगी बढ़ाने के लिए खा जाते गौरैया का भेजा

Indian Maharajas: इस सीरीज में हम आपको भारतीय राजा-महाराजाओं की दिलचस्प और अजीबोगरीब जिंदगी से रूबरू करवाते हैं। कुछ राजा अपनी भव्यता के लिए दुनिया भर में जाने जाते थे तो वहीं कुछ की रंगीन मिजाजी के किस्से भी हर जुबान पर रहते। आज इस सीरीज में हम बात करेंगे पटियाला के महाराज रहे सर भूपिंदर सिंह की।

भूपिंदर सिंह 1900 से 1938 तक ब्रिटिश भारत में पटियाला रियासत के महाराजा थे।

Maharaja Bhupinder Singh: भारत राजा-रजवाड़ों का देश रहा है। यहां एक से बढ़कर एक बादशाह और शहंशाह हुए हैं। हर किसी का अपना इतिहास है। इन राजा महाराजाओं के तमाम शाही शौक थे। ऐसे ही शौकों में से ख था हरम में रानियां और दासियां रखना। अकबर के शाही हरम में हजारों औरतें थी। मुगल तो अपने शाही हरम के लिए खूब चर्चित थे। हालांकि मुगलों के बाद के भारतीय राजा महाराजाओं ने भी अपने महल में हरम बनवाए थे। ऐसे ही एक महाराज थे भूपिंदर सिंह। भूपिंदर सिंह 1900 से 1938 तक ब्रिटिश भारत में पटियाला रियासत के शासक महाराजा थे। 6 फीट 4 इंच लंबे भूपिंदर सिंह का वजन 178 किलो था।

पटियाला दरबार में मिनिस्टर रहे दीवान जरमनी दास के मुताबिक हिज हाइनेस महाराजा सर भूपिंदर सिंह दर्शन, वेदांत , राजनीति के साथ ही विभिन्न धर्मों के अच्छे ज्ञाता थे। इन विषयों से जुड़े विद्वानों का महाराजा खूब सम्मान करते थे। सुख -सुविधाओं का ख्याल रखते हुए उन्हें राज्य के अतिथिगृहों में लंबे समय तक ठहराया जाता और फिर महाराजा की इजाजत से ही उनका रियासत छोड़ना मुमकिन होता था। कई बार महाराज की इजाजत मिलने में महीनों लग जाते थे।

भूपिंदर सिंह काफी रंगीन मिजाज के महाराज थे। साल में जितने दिन होते हैं उतनी ही रानियां उनके हरम में थीं। इन 365 रानियों में से 10 प्रमुख रानियां थीं। इन रानियों से महाराज के 83 बच्चे थे। दीवान जरमनी दास की किताब 'द महाराजा' में भूपिंदर सिंह के बारे में कई रोचक बातों का जिक्र विस्तार से है। भूपिंदर सिंह अपने हरम की रानियों का जबरदस्त तरीके से ख्याल रखते थे। रानियों की साज सज्जा के लिए देश दुनिया के बेहतरीन मेकअप आर्टिस्ट रखे गए थे।

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