कहानी बिरयानी की: मुमताज महल से जुड़े हैं बिरयानी के तार, रोचक है इसका हजारों साल पुराना इतिहास

बिरयानी शब्द फ़ारसी शब्द बिरियन से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'पकाने से पहले तला हुआ' होता है। वहीं चावल के लिए फ़ारसी शब्द बिरिंज लिया गया। इस स्वादिष्ट व्यंजन की उत्पत्ति को लेकर कई तरह की बातें कही जाती है। कई इतिहासकारों का मानना ​​है कि बिरयानी की उत्पत्ति ईरान से हुई थी और इसे मुगलों द्वारा भारत लाया गया था। जानें इसका इतिहास।

Story of Biryani.

जब बात दुनियाभर के जायकेदार खानों की होती है तो उसमें बिरयानी का नाम सबसे ऊपर होता है। चावल, मांस और कई मसालों से बनाई जाने वाली ये डिश स्वाद में अनोखी होती है। बिरयानी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाभर में बड़े शौक से खाई जाने वाली डिश है। इतिहासकार बिरयानी को राजसी खाने का दर्ज़ा भी दे चुके हैं। अब जरा सोचिए जिस खाने का स्वाद देश विदेश में हर किसी की जुबान पर चढ़ा हो तो उसका इतिहास कितना रोचक होगा। आज बात बिरयानी के इतिहास की करेंगे।

कहां से आया बिरयानी शब्द

Origin of Biryani

इतिहास को खंगाल कर देखें तो मालूम होता है कि भारत में कई शासक रहे जिन्होंने कई अलग अलग तरह डिशेज को भारत में पेश किया, उन्हीं में से एक बिरयानी भी थी। बिरयानी शब्द फ़ारसी शब्द बिरियन से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'पकाने से पहले तला हुआ' होता है। वहीं चावल के लिए फ़ारसी शब्द बिरिंज लिया गया। इस स्वादिष्ट व्यंजन की उत्पत्ति को लेकर कई तरह की बातें कही जाती है। कई इतिहासकारों का मानना है कि बिरयानी की उत्पत्ति ईरान से हुई थी और इसे मुगलों द्वारा भारत लाया गया था। मुगल शाही रसोई में बिरयानी को और जायकेदार बनाने का काम किया गया। मुस्लिम शासकों ने ही भारत में दावत का चलन शुरू किया। भारत में आज जितने भी मुगलई व्यंजन दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं वो मुगल शासकों की देन हैं। 15वीं शताब्दी से लेकर 19वीं शताब्दी तक मुगलों ने खाने पकाने को एक कला के रूप में पेश किया। यहीं से बिरयानी, पुलाव और कबाब जैसे कई जायकेदार डिशेज की उत्पति हुई। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि बिरयानी असल में मुगलों की देन है।

वहीं कुछ इतिहासकारों कहते हैं कि मुगल शासन काल से पहले भी भारत में बिरयानी जैसी डिश मौजूद थी जिसे लोग बड़े शौक से खाते थे। 2 ई. में तमिल में "ऊन सोरू" नाम की चावल से बनी एक डिश काफी प्रसिद्ध थी। ऊन सोरू चावल, घी, मांस, हल्दी, धनिया, काली मिर्च और तेज पत्ता से बनने वाली डिश थी, जिसे सैन्य योद्धाओं को खिलाया जाता था।

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