Swami Vivekananda Jayanti 2024 Speech, Quotes: स्वामी विवेकानंद जयंती के लिए बेस्ट है ये आसान हिंदी स्पीच, सुनते ही बज उठेंगी तालियां

Swami Vivekananda Jayanti 2024 Speech, Bhashan, Quotes in Hindi: स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर हर साल 12 जनवरी को नेशनल यूथ डे मनाया जाता है। यह युवाओं को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिवस है। आइए देखते हैं कैसे इस अवसर के लिए एक अच्छी स्पीच तैयार करें।

Swami Vivekananda Jayanti Speech

Swami Vivekananda Jayanti Speech, Quotes: 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की याद में नेशनल यूथ डे मनाया जाता है। वे एक अकैडमिशियन थे और युवा पीढ़ी के आदर्श हैं। स्वामी विवेकानंद ने सदा ही युवा पीढ़ी को उत्साहित किया है। स्वामी जी ने अपने जीवन में उसके बाद भी युवाओं को प्रेरणा दी है। और यह दिन युवाओं के लिए अपनी शक्ति को महसूस करने और अपने विचारों को सबके सामने रखने के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। ऐसे में अगर आप भी इस दिवस पर एक अच्छा भाषण तैयार करना चाहते हैं तो नीचे दी गई स्पीच से उदाहरण ले सकते हैं।

यहां देखें भाषण का एक उदाहरण-यहां उपस्थित प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों।

आज 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। उठो, जागो और तब तक नहीं रूके जबतक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। जोश से भर देने वाली ये पंक्ति स्वामी विवेकानंद जी की ही हैं। स्वामी जी वो शख्सियत हैं जिससे आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिभाभर के करोड़ो युवा जीवन जीने की सीख लेते हैं। उनके प्रेरणादायी और जोशीले विचार युवाओं में जोश फूंकने का काम करते हैं और आगे भी शताब्दियों तक करते रहेंगे। यही वजह है कि 12 जनवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। सिर्फ 25 साल की उम्र में ही नरेंद्रनाथ ने अध्यात्म का मार्ग अपना लिया था। अध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद उनको स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। विज्ञान का छात्र होते हुए भी उनकी दर्शन में काफी रूचि थी।

स्वामी विवेकानंद पुरोहितवाद, धार्मिक आडंबरों, कठमुल्लापन और रूढ़ियों के सख्त खिलाफ थे। उनना मानना था कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत भी उतनी ही शानदार होगी। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो तो तुम कमजोर हो जाओगे। अगर खुद को ताकतवर सोचते हो तो तुम ताकतवर हो जाओगे। वेदों और उपनिषदों में उनकी आस्था थी। उनका मानना था कि केवल पूजा पाठ से ही धर्म संभव नहीं होता बल्कि मनुष्यत्व व सत्यनिष्ठा से ही संभव होता है।

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