Swami Vivekananda Quotes Shloka: स्वामी विवेकानंद जयंती पर पढ़ें ये जीवन बदल देने वाले संस्कृत श्लोक, देखें स्वामी विवेकानंद कोट्स, शायरी, संस्कृत श्लोक
Swami Vivekananda Quotes (स्वामी विवेकानंद जयंती): स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन ही मानवजाति के लिए प्रेरणा का सागर है। ऐसे में महान प्रेरणास्त्रोत की जन्म जयंती के उपलक्ष में उनके नेक विचार अपने जीवन में अमल करने से बेहतर क्या होगा। स्वामी विवेकानंद जयंती पर यहां पढ़े स्वामी विवेकानंद के कोट्स, शायरी और संस्कृत श्लोक जिन्हें पढ़ आपका जीवन संवर जाएगा।
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Swami Vivekananda Quotes (स्वामी विवेकानंद जयंती): स्वामी विवेकानंद ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि अपने महान विचारों के माध्यम से दुनियाभर में लाखों लोगों का मार्गदर्शन किया है। और इन्हीं विचारों को याद करके हर साल स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती यानि की 12 जनवरी के दिन नेशनल यूथ डे मनाया जाता है। स्वामी जी अपने जीवन काल से लेकर आज भी नौजवानों के लिए ज्ञान, सिद्धांत तो आदर्श का प्रतीक हैं। स्वामी विवेकांद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाए जाने का अहम कारण यह है कि उनके यही विचार, सिद्धांत और आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार करते हैं। ऐसे में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके प्रेरक विचार, कोट्स, मेसेज, शायरी तो स्वामी विवेकानंद संस्कृत श्लोक अवश्य ही आपका भी मार्गदर्शन करेंगे।
Swami Vivekananda Jayanti, Quotes, Shlok in hindi
1. सन्निमित्ते वरं त्यागो विनाशे नियते सति
अर्थ - जब मृत्यु निश्चित हो,स्वयं को अच्छे कारण के लिए समर्पित करना सर्वोत्तम है।
2. उध्दरेदात्मनात्मानम्
अर्थ - खुद को खुद से बचाओ
3. आत्मानं सततं रक्षेत्
अर्थ - समझदार व्यक्ति को हर अच्छी बुरी परिस्थिति में खुद को बचाना चाहिए।
4. सर्वशास्त्रपुराणेषु ब्यासस्य वचनं ध्रुवम्। परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्॥
अर्थ - जिंदगी में जब कोई व्यक्ति दूसरो का अच्छा करता है तो उसे पुण्य लगता है और जब कोई किसी का बुरा करता या सोचता है तो उसे पाप लगता है।
5. सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः
अर्थ - अंत में जाकर सत्य की ही जीत होती है, झूठ की नहीं और सत्य में ही भगवान का वास होता है व सत्य का मार्ग ही परमात्मा से मेल करवाता है।
6. दरिद्रदेवो भव, मुर्खदेवो भव
अर्थ - जीवन में गरीब, अनपढ़ और उस व्यक्ति को अपना भगवान बनाओं जिसे सब नजरअंदाज कर रहे हैं।
7. उतिष्ठत। जाग्रत। प्राप्य वरान्निबोधत
अर्थ - उठो। जागो। और तब तक नहीं रुकनाजब तक कि लक्ष्य हासिल न हो।
स्वामी विवेकानंद जयंती पर आपको उनके ये संस्कृत श्लोक तो प्रेरक विचारों को अपने जीवन में जरूर अपनाना ही चाहिए।
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