इसलिए रिश्तेदारों के घर जाने से बचते हैं युवा, सर्वे में सामने आया सच, देख आप भी हो जाएंगे हैरान
Relatives Issue: कई ऐसे युवा वर्ग हैं, जिन्हें अपने रिश्तेदारों या पेरेंट्स के फ्रेंड से घर जाना पसंद नहीं होता है? क्या आपने इस बारे में सोचा है, आखिर ऐसा क्यों होता है? अगर नहीं, तो हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में आपको इसका जबाव मिल सकता है। आइए जानते हैं युवाओं को रिश्तेदारों के यहां जाना क्यों नहीं पसंद है?
युवाओं को क्यों नहीं पसंद है रिश्तेदारों के घर जाना? जानें सच्चाई
- रिश्तेदारों द्वारा लव लाइफ से जुड़े सवाल नहीं होते हैं पसंद
- करियर को लेकर बातचीज नहीं होती है पसंद
- पर्सनल सवालों से भी होता है परहेज
व्यक्तिगत सवाल से होती है परेशानी
सर्वे में बताया गया है कि युवा वर्ग रिश्तेदारों के यहां जाने से परहेज करते हैं। इसका अहम कारण रिश्तेदारों के द्वारा पूछे गए पर्सनल सवाल हैं, उदाहरण के लिए आपने कई बार देखा होगा कि अविवाहित लोगों से अक्सर लोग पूछते हैं कि आप शादी कब करोगे, कितना कमाते हो, पसंद का पार्टनर नहीं मिला क्या, बच्चे कब करोगे इत्यादि ऐसे सवाल युवा वर्ग को पसंद नहीं आते हैं, जिसकी वजह से उन्हें रिश्तेदारों के यहां जाने से परेशानी होती है। आश्चर्य की बात यह है कि करीब 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि लगभग हर रिश्तेदार इसी तरह के सवाल करते हैं, जिसका जबाव देना उन्हे असहज महसूस कराता है।
लव लाइफ के बारे में पूछना
सर्वे में 41 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कई रिश्तेदार उनकी लव लाइफ की जानकारी लेने की कोशिश करते हैं, जो उनके लिए काफी अजीब है। युवा वर्ग नहीं चाहते हैं कि उनके रिश्तेदार उनसे इस तरह के सवाल करें। इसलिए वे ऐसी जगह जाना ही पसंद नहीं करते।
बालों और कपड़ों के रंग पर बोलना
युवा वर्ग का कहना है कि कई रिश्तेदार तो उनके बालों और कपड़ों के रंग पर भी कमेंट्स पास करते हैं, जो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आता है। युवाओं का कहना है कि यह उनकी चॉइस की बात है कि वे क्या पहनें। इस तरह की बातों से बचने के लिए वह रिश्तेदारों से मिलने से परहेज करते हैं।
करियर के बारे में पूछना
सर्वे में यह भी सामना आया है कि रिश्तेदारों द्वारा करियर को लेकर बात करना भी युवा वर्ग को पसंद नहीं आता है। वहीं, 30 प्रतिशत लोगों का कहना है कि किसी भी उत्सव और परिवारिक प्रोग्राम में इस तरह के सवाल उन्हें पसंद नहीं आते हैँ। वह नहीं चाहते हैं कि ऐसे मौकों पर पैसे और राजनीति को लेकर किसी भी तरह की बातें हों। इसलिए उन्हें अपने रिश्तेदारों के यहां जाना पसंद नहीं है।
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक?
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ.मनीषा गौड़ का कहना है कि ब्रिटेन की नहीं भारत में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। टीनएज बच्चों और यंगस्टर्स को रिश्तेदारों के सवालों से परेशानी होती है। वे करियर को लेकर कुछ भी नहीं बोलना चाहते, ये स्टेज इमोशनल होती है। वो अपने आपको स्थिर करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में करियर, फैशन आदि को लेकर वे किसी से बात नहीं करना चाहते। वे इन सवालों से परेशान होते हैं, कई बार डिप्रेशन में चले जाते हैं। जरूरी ये है कि परिवार इन बातों पर ध्यान दे और बच्चों से पूरी बात करे। उन्हें समझे और समझाए। जिन बच्चों के नंबर कम आते हैं उनमें ये परेशानियां और ज्यादा होती है। ऐसे में हम सवालों को कम नहीं कर सकते। लेकिन इन सबसे निकालने के लिए बच्चे को तैयार करना जरूरी है। बैलेंस पेरेटिंग की जरूरत है। डू एंड डॉन्ट न लगाएं। उनकी रुचियों को समझें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लाइफस्टाइल (lifestyle News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited