बुजुर्गों के लिए पावर बूस्टर हैं नाती—पोते, तनाव कम होने के साथ ही मेंटल हेल्थ को रखते हैं फिट
Mental Health : बुजुर्गों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए आपको किसी दवा की जरूरत नहीं है। इसके लिए बस आप उन्हें अपने नाती-पोतों के साथ कुछ समय बिताने दें। जी हां, हाल ही में हुए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग अगर अपने नाती-पोतों के साथ रहते हैं, तो इससे उनका अकेलापन कम होता है। आइए जानते हैं इस अध्ययन के बारे में विस्तार से-
बुजुर्गों के लिए नाती-पोते होते हैं मेंटल पावूर बूस्टर, जानें कैसे?
- सप्ताह में 12 घंटे नाती-पोतों के साथ बिताएं समय
- बुजुर्ग बीमार साथी की केयर करना होता है स्ट्रेसफुल
- बच्चों के साथ समय बिताने से अकेलापन होता है दूर
क्या कहती है रिसर्च
लंदन के किंग्स कॉलेज में हाल ही में एक रिसर्च किया गया है। इस रिसर्च के शोधकर्ताओं का कहना है कि बुजुर्गों को नाती-पोतों को पार्क ले जाना, बाजार ले जाना, स्कूल ले जाना काफी पसंद होता है। इस तरह की एक्टिविटी उनके अकेलापन को दूर कर सकती है। साथ ही इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इसके अलावा बुजुर्ग अगर अपने बीमार साथी की देखभाल करते हैं, तो इससे उनका स्ट्रेस लेवल बढ़ सकता है।
21 देशों के बुजुर्गों पर हुआ रिसर्च
दरअसल, 21 देशों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर रिसर्च किया गया है। इस रिसर्च में करीब 1 लाख 90 हजार बुजुर्गों को शामिल किया गया। इस रिसर्च में बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर रिसर्च किया गया है।
सामाजिक काम से दूर होता है स्ट्रेस
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बुजुर्गों को सामाजिक भलाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों से काफी रिलैक्स फील होता है। इससे उनका अकेलापन दूर होता है।
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नाती-पोतों के साथ दूर होता है अकेलापन
इस अध्ययन में सामने आया है कि नाती-पोतों के साथ खेलने वाले बुजुर्गों का अकेलापन दूर होता है। रिसर्च में कहा गया है कि ऐसे बुजुर्ग जो अपने नाती-पोतों के साथ हर सप्ताह 12 घंटे से अधिक समय बिताते हैं, तो उन्हें बाकि बुजुर्गों की तुलना में कम अकेलापन महसूस होता है। ऐसे में शोधकर्ताओं का कहना है कि बुजुर्गों को देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन उन्हें अपने नाती-पोतों की देखभाल करना काफी ज्यादा अच्छा लगता है।
ध्यान रखें कि बुजुर्गों की अगर आप देखभाल करना चाहते हैं तो कोशिश करें कि उन्हें अकेला न छोड़ें। उन्हें आप अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों के साथ रहने दें। इससे उनका और आपका दोनों का ही मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।
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