4 January - World Braille Day — World Braille Day 2023 Theme- जानिए कब मनाया जाता है वर्ल्ड ब्रेल डे और क्या है इसकी थीम
World Braille Day 2023 Theme- दुनिया में करीब 39 मिलियन नेत्रहीन हैं, वहीं 253 मिलियन लोगों दृष्टि विकार से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने और जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस ब्रेल लिपि का आविष्कार करने वाले लुइस ब्रेल के जन्मदिवस पर उनके सम्मान में मनाया जाता है।
वर्ल्ड ब्रेल डे 2023: जानिए कब और क्यों मनाया जाता है यह दिवस
मुख्य बातें
- ब्रेल लिपि का आविष्कारक लुइस ब्रेल को समर्पित यह दिन
- दुनिया में करीब 39 मिलियन लोग हैं पूरी तरह नेत्रहीन
- 4 जनवरी 2019 से हर साल मनाया जा रहा विश्व ब्रेल दिवस
World Braille Day 2023 Theme- ईश्वर से मिली सबसे कीमती उपहारों में से एक इस रंगीन और खूबसूरत दुनिया को देखने की क्षमता है। अफसोस की बात है कि दुनिया के करीब 39 मिलियन ऐसे लोग हैं, जो इस उपहार से वंचित हैं। संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में जहां 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते, वहीं 253 मिलियन लोगों दृष्टि विकार से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है। 4 जनवरी को ही ब्रेल लिपि का अविष्कार करने वाले लुइस ब्रेल का जन्म हुआ था। इस लिपि के माध्यम से दृष्टिहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन व्यक्ति पढ़ सकते हैं। संबंधित खबरें
ब्रेल दिवस मनाने का उद्देश्यसंबंधित खबरें
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके बाद विश्व पहली बार 04 जनवरी, 2019 को ब्रेल दिवस मनाया गया था। जिसके बाद हर साल 4 जनवरी को को ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिवस को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। जिसके बाद से इसे सभी देशों पर मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्धेश्य संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना, दृष्टि-बाधित लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ उनके अधिकार प्रदान करना। साथ ही ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है।संबंधित खबरें
विश्व ब्रेल दिवस थीम 2023संबंधित खबरें
विश्व ब्रेल दिवस की थीम साल-दर-साल बदलता रहता है। विश्व ब्रेल दिवस 2023 की थीम अभी घोषित नहीं किया गई है। विश्व ब्रेल दिवस 2022 का थीम "ब्रेल: ए ब्रिज टू लिटरेसी एंड अपॉर्चुनिटी" था। ये थीम ब्रेल के महत्व पर ध्यान केंद्रित करने और इसके उपयोग को समर्थन और बढ़ावा देने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए काम करते हैं।संबंधित खबरें
जानें, क्या है ब्रेल लिपि?संबंधित खबरें
नेत्र विकारों से पीड़ित व्यक्तियों और दृष्टि दिव्यांग लोगों के लिए पढ़ने और लिखने के लिए ब्रेल लिपि स्पर्शनीय प्रणाली है। इसकी खोज 4 जनवरी 1809 को फ्रांस के कूपवरे में जन्में लुई ब्रेल ने की थी। लुई खुद बचपन में एक हादसे का शिकार होने के बाद नेत्रहीन हो गए थे और महज 15 वर्ष की आयु में इस लिपि का अविष्कार किया। ब्रेल लिपि कोई भाषा नहीं, बल्कि एक तरह का खास कोड है। इस लिपि को एक विशेष प्रकार के उभरे हुए कागज पर लिखा जाता है और इसमें उभरे हुए बिंदुओं की श्रृंखला पर उंगलियां से छूकर पढ़ा जा सकता है। ब्रेल लिपि को टाइपराइटर जैसी दिखने वाली एक मशीन 'ब्रेलराइटर' के जरिए प्रिंट किया जाता है। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को 'सेल' के नाम से जाना जाता है।संबंधित खबरें
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