What is Micro Wedding: अब ना फूफा नाराज होंगे ना जीजा, माइक्रो वेडिंग ने तोड़ा पुराना ट्रेंड, जानिए कैसी शादी के पीछे भाग रहे युवा

What is Micro Wedding in Hindi: भारतीय समाज में कई लोग ऐसे भी हैं जो शादी समारोह के भारी भरकम खर्चे को फिजूलखर्च मानते हैं। ऐसे लोगों की तादाद धीरे-धीरे बढ़ रही है। ये लोग शादी को एक रस्म की तरह निभा रहे है। ऐसे लोग ना तो शादी में बहुत बड़ी भीड़ जुटा रहे हैं और ना ही पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। इन्हीं लोगों की बदौलत अब भारत में तेजी से माइक्रो वेडिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है।

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Micro Wedding Meaning in Hindi: भारत में शादी बस रस्म भर नहीं है बल्कि एक सामूहिक समारोह है। इसीलिए लोग अकसर ब्याह के आयोजन को शादी समारोह कहते हैं। और कहें भी क्यों ना, हर कोई चाहता है कि उसकी शादी का आयोजन किसी भव्य समारोह की तरह हो। भारतीय समाज में शादी समारोह को लेकर तो ऐसा माहौल है कि लोग कर्जा तक लेकर शादी के आयोजन में अपनी औकात से अधिक खर्च करते हैं। कुछ लोग शौक से शादी पर दिल खोलकर खर्चा करते हैं तो वहीं कुछ लोग सामाजिक दबाव के कारण भी शादी पर अपनी जेब से अधिक पैसे खर्च कर डालते हैं। अभी पिछले साल रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपने छोटे बेटे अनंत अंबानी की भव्य शादी की। शादी पर इतना खर्चा किया कि पूरी दुनिया की मीडिया ने इसे प्रमुखता से कवर किया। एक बहस छिड़ गई थी कि क्या पैसे का इस तरह से बेजा प्रदर्शन ठीक है। लेकिन अनंत अंबानी की शादी ने भारतीय समाज की उस हकीकत को भी बयां किया जिसमें शादी को लेकर हम लोग किसी भी हद तक गुजर जाते हैं।

दूसरी तरफ इसी भारतीय समाज में कई लोग ऐसे भी हैं जो शादी समारोह के भारी भरकम खर्चे को फिजूलखर्च मानते हैं। ऐसे लोगों की तादाद धीरे-धीरे बढ़ रही है। ये लोग शादी को एक रस्म की तरह निभा रहे है। ऐसे लोग ना तो शादी में बहुत बड़ी भीड़ जुटा रहे हैं और ना ही पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। इन्हीं लोगों की बदौलत अब भारत में तेजी से माइक्रो वेडिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये माइक्रो वेडिंग क्या बला है। क्या होती है माइक्रो वेडिंग? क्यों बढ़ रहा इसका चलन? क्या हैं माइक्रो वेडिंग के फायदे और नुकसान? आपके ऐसे सभी सवालों के जवाब यहां मिल जाएंगे।

क्या है माइक्रो वेडिंग (What is Micro Wedding)

माइक्रो वेडिंग का शाब्दिक अर्थ है सूक्ष्म रूप से शादी का आयोजन। इसके शाब्दिक अर्थ में ही इसकी परिभाषा छिपी है। माइक्रो वेडिंग वह शादी है तो बहुत बड़े पैमाने पर नहीं होती। ना तो इसपर ज्यादा खर्च होता है और ना ही अधिक भीड़। इस तरह की शादी में दूल्हे और दुल्हन के अलावा बेहद करीबी परिवार के लोग व अतिथि शामिल होते हैं। कम से कम लोगों में शादी का आयोजन किया जाता है। इनकी संख्या अधिकतम 50-100 हो सकती है और कम से कम 20-25। इतने लोगों की मौजूदगी में भी होने वाली शानदार शादी की जाती है। ये एक फॉर्मल, कैजुअल या फिर एक कंबाइन सेलिब्रेशन हो सकता है जहां पारंपरिक शादी के एलिमेंट्स को शामिल किया जा सकता है लेकिन छोटे पैमाने पर।

माइक्रो वेडिंग में क्रिएटिविटी अधिक होती है। जैसा कि आपको बताया कि माइक्रो वेडिंग में कम मेहमान होते हैं तो जाहिर सी बात है खर्चा भी कम होगा। ट्रेडीशनल वेडिंग के मुकाबले माइक्रो वेडिंग काफी कम पैसों में निपट जाती है।

माइक्रो वेडिंग के फायदे (Benefits of Micro Wedding)

कोरोना काल में लोगों को भीड़ जुटाने पर पाबंदी थी। तब जिनकी शादी होनी थी उन लोगों ने बेहद कम मेहमानों और बिना किसी तामझाम के शादी रचाई। जिसने भी उस तरह की शादी देखी उसे अच्छा लगा। उन्हें माइक्रो वेडिंग के फायदों ने अपनी तरफ आकर्षित किया। जानिए क्या हैं माइक्रो वेडिंग के फायदे:

कर्ज से छुटकारा

अकसर शादी में लोग अपनी लिमिट भूल जाते हैं और शादी पर इतना खर्च कर देते हैं कि कर्ज में डूब जाते हैं। माइक्रो वेडिंग इस तरह के अनायास कर्जे से आपको दूर रखता है। माइक्रो वेडिंग पूरी तरह से बजट फ्रेंडली होते हैं।

हर किसी का ख्याल रखने की सहूलियत

ट्रेडिशनल वेडिंग के मुकाबले माइक्रो वेडिंग में आप अपने मेहमानों को खुश रख सकते हैं। दरअसल भव्य तौर पर होने वाले पारंपरिक विवाह कार्यक्रम में हर मेहमान के साथ वक्त बिताना संभव नहीं हो पाता है। इसके उलट माइक्रो वेडिंग में सीमित मेहमान होने से दूल्हा-दुल्हन समेत अन्य मेहमान भी एक दूसरे से बात करते हैं और ख्याल रखते हैं।

पूरी सजावट

ट्रेडिशनल शादियों की तरह माइक्रो वेडिंग के लिए बहुत बड़े वेन्यू की जरूरत नहीं होती। जगह छोटी होने के कारण सजावट पर भी बहुत खर्चा नहीं होता। हम कम से कम खर्च में पूरी वेडिंग डेस्टिनेशन को सजा सकते हैं।

खाने की क्वालिटी

माइक्रो वेडिंग में लोग कम होते हैं। ऐसे में खाना भी कम बनता है। और जब खाना कम बनेगा तो उसकी क्वालिटी अपने आप बेहतर होगी। इसके अलावा आप कम खर्च के कारण ढेर सारी वैराइटी भी रख सकते हैं। साथ ही खाने की बर्बादी को रोक सकते हैं।

समय की बचत

पारंपरिक शादियों में कई तरह के फंक्शन होते हैं जिनमें कई दिन लग जाते हैं। लेकिन माइक्रो वेडिंग के लिए कम से कम 2-3 दिन में मेहंदी-संगीत से लेकर विवाह की रस्म को पूरा कर दिया जाता है। ऐसे में समय की बचत भी युवाओं को माइक्रो वेडिंग की तरफ आकर्षित कर रही है।

माइक्रो वेडिंग के नुकसान (Limitations of Micro Wedding)

जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह से माइक्रो वेडिंग के फायदे के साथ ही नुकसान भी हो हैं। माइक्रो वेडिंग्स की भी अपनी कुछ सीमाएं हैं। आइए डालते हैं इस तरह की शादी के कुछ संभावित नुकसान पर एक नजर:

माइक्रो वेडिंग शादी का छोटा सा समारोह होता है। लोगों को समझ नहीं आता कि किसे बुलाएं और किसे छोड़ें। कई बार यह भी होता है कि वह किसी को बुलाना चाह रहे हैं लेकिन माइक्रो वेडिंग की सीमा के कारण उसे उसका नाम निमंत्रण से हटाना पड़ता है। ऐसे में माइक्रो वेडिंग का कॉन्सेप्ट में करीबियों की नाराजगी का भी खतरा होता है।

जैसा कि आपको इस आर्टिकल के शुरू में ही बताया था कि भारत में शादी सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि सामूहिक आयोजन है। इसे किसी उत्सव की तरह मनाया जाता है। ऐसे में माइक्रो वेडिंग चुनने वाले परिवार को समाज कई तरह की मुश्किलों का सामना पड़ सकता है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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