Nanoship Trend: ना साथ जीने का वादा ना साथ मरने की कसम, रिश्तों में आया 'नैनोशिप' का चलन, जानिए प्यार की दुनिया में क्या होता है Nanoship
What is Nanoship ( क्या होता है नैनोशिप रिलेशन): आजकल के युवाओं को हर चीज बहुत जल्दी चाहिए रहती है। फिर चाहे वह नौकरी हो या फिर घर या गाड़ी। रिश्तों को लेकर भी वह वैसे ही राय रखते हैं। यही कारण नैनोशिप जैसे ट्रेंड को बढ़ा रहे हैं।
What is Nanoship ( क्या होता है नैनोशिप)
Nanoship Trend in Relationship: मोहब्बत में साथ जीने मरने की कसमें खाई जाती रही हैं। इसी धरती पर लोगों ने लैला मजनूं और रोमियो जूलियट जैसी प्रेम कहानियां सुनी हैं। इश्क की ना जाने कितनी ही अमर कहानियां आज भी फिज़ाओं में एहसास की तितली बनकर तैर रही हैं। लेकिन इस रंग बदलती दुनिया में रिश्तों के भी रंग तेजी से बदल रहे हैं। लोग अब एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में तो आ रहे हैं लेकिन अब उन्हें सात जन्मों का कमिटमेंट नहीं चाहिए। इंटरनेट और सोशल मीडिया की दुनिया के परवान चढ़ने के साथ ही रिलेशनशिप के भी कई नए ट्रेंड सामने आए हैं। आजकल की युवा पीढ़ी ही इन ट्रेंड को सेट करती है और ऐसे ट्रेंड इतनी तेजी से वायरल होते हैं कि लोग इसका हिस्सा बनते जाते हैं।
इन दिनों रिलेशनशिप का नया ट्रेंड चलन में है। इस नए ट्रेंड का नाम है नैनोशिप (Nanoship)। इसे कई जगह 'नो स्ट्रिंग्स अटैच्ड' रिलेशनशिप भी कहा जा रहा है। इस नैनोशिप को आजकल के युवा काफी पसंद कर रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से यह ट्रेंड दुनियाभर के तमाम देशों में फैल चुका है। इस तरह के रिलेशनशिप के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। फायदे नुकसान जानने से पहले आइए समझते हैं कि आखिर क्या है नैनोशिप ट्रेंड और युवाओं को क्यों इस तरह का रिश्ता अपनी ओर आकर्षित कर रहा है?
क्या होता है नैनोशिप (What is Nanoship)
नैनोशिप अंग्रेजी के दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला नैनो और दूसरा रिलेशनशिप। नैनो मतलब होता है बहुत छोटा और रिलेशनशिप मतलब रिश्ता। तो इसका शाब्दिक अर्थ निकालें तो नैनोशिप का मतलब होता है एक छोटा सा रिश्ता। यह रिश्ता कुछ घंटों का, दिन का या फिर सप्ताह का हो सकता है। बहुत छोटे समय के लिए बनने वाले ऐसे रोमांटिक रिश्ते को इंटरनेट और डेटिंग की दुनिया में नैनोशिप कहा जा रहा है। नैनोशिप में गंभीरता नहीं होती। कभी-कभी तो दो लोग एक-दूसरा का नाम तक नहीं जानते।
इस तरह के रिश्ते में होता ये है कि सोशल मीडिया या फिर किसी डेटिंग ऐप के तहत लोग एक दूसरे से मिलते हैं। कुछ दिन साथ रहते हैं, मौज मस्ती करते हैं और फिर अपने अपने रास्ते निकल जाते हैं। इस तरह के रोमांटिक रिश्तों में कोई भावनात्मक बंधन नहीं होता है। कुछ नैनोशिप वाले रिश्ते तो चंद घंटों या फिर एक रात के लिए ही बनते हैं। इन्हें आम बोलचाल में वन नाइट स्टैंड भी कहा जा सकता है। डिजिटल युग के इस रोमांस को नैनोशिप नाम दिया गया है।
क्यों युवाओं की पसंद बन रहा नैनोशिप
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 18 से 34 वर्ष तक ये युवाओं को नैनोशिप बेहद आकर्षित कर रहा है। इसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। मशहूर डेटिंग ऐप टिंडर ने 2024 की एक रिपोर्ट में बताया कि युवाओं को कम समय के लिए रिलेशनशिप सबसे ज्यादा पसंद आ रहे हैं। आजकल के युवाओं को इस बात का फर्क नहीं पड़ता कि उनका रोमांटिक रिश्ता कितना छोटा है। वह जल्दी-जल्दी नए लोगों के साथ डेट करना चाहते हैं।
इस रिलेशनशिप की खासियत ही इसके लोकप्रिय होने का कारण है। दरअसल नैनोशिप बिना किसी कमिटमेंट के रिश्ते में रहने की आजादी देती है। इस तरह के रिश्ते में पार्टनर के माता-पिता से मिलने, अपने रिश्ते को परिभाषित करने या भविष्य के लिए योजना बनाने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। यह रिश्ता तो सिर्फ और सिर्फ मौज मस्ती भरा होता है। इसके अलावा भी नैनोशिप की कई ऐसी बातें हैं जो युवाओं को अपनी ओर खींच रही है।
इस तरह के रिश्ते में फ्रीडम युवाओं को खूब पसंद आ रही है। वो बिना किसी दबाव के साथ आते हैं और कुछ समय के बाद बिना किसी टीस के साथ अलग हो जाते हैं। नैनोशिप में युवाओं को कई तरह के लोगों से मिलने और उनके साथ रिश्ता रखने का अनुभव मिलता है। सोशल मीडिया की दुनिया ने भी इस तरह के रिश्तों को पॉपुलर बनाने में महत्वपूर्ण किरदार निभाया है। सोशल मीडिया के जरिए आसानी से लोग एक दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं।
नैनोशिप रिलेशनशिप के फायदे (Benefits of Nanoship)
इस तरह के रिश्ते में मोटे तौर पर तीन तरह के फायदे मिलते हैं।
1. नए लोगों से मिलना: नैनोशिप उन लोगों के लिए काफी मुफीद है जो नए-नए लोगों के साथ मिलना चाहते हैं। इस तरह के रिश्ते में आप अपना सामाजिक दायरा बढ़ा सकते हैं। युवा नए लोगों से मिलते हैं और अगर वह उन्हें पसंद आते हैं तो वह उनके साथ आगे भी रिश्ता रखते हैं।
2. तनाव से मुक्ति: इस तरह के रिश्ते आजकल के युवाओं को तनाव से मुक्ति दिलाने में भी मदद कर रहे हैं। दरअसल इस दौड़-भाग और गलाकाट प्रतियोगिता वाले वक्त में युवा सुकून के पल तलाशते हैं और थोड़ी बहुत मौज मस्ती करके खुद को स्ट्रेस फ्री रखने की कोशिश करते हैं। नैनोशिप यहां पर उनकी काफी मदद करता है।
3. बढ़ता है आत्मविश्वास: इस तरह का रिश्ता आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। लोगों को लगता है कि वह अपनी भावनाओं पर काबू कर सकते हैं। नैनोशिप बिना किसी कमिटमेंट के भी खुश रहने का आत्मविश्वास दे रहा है।
नैनोशिप के नुकसान (Bad Effects of Nanoship)
जैसा कि हर चीज में होता है, अगर कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी होंगे। नैनोशिप के भी कुछ नुकसान हैं। जिसे युवा शायद पहले समझ नहीं पाते हैं। बाद में उन्हें एहसास होता है कि उन्होंने गलती कर दी। नुकसान भी प्रमुख तौर पर तीन तरह के ही होते हैं।
1. भावनात्मक नुकसान: कई बार नैनोशिप आपको इमोशनली चोट पहुंचा सकते हैं। ऐसा कब होता है कि जब आप किसी के साथ मौज मस्ती के लिए जुड़ें और आपको उससे भावनात्मक लगाव हो जाए। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि सामने वाला भी वैसा ही महसूस करे। इस स्थिति में आप भावनात्मक तौर पर काफी आहत हो जाते हैं।
2. फिजूल का तनाव: इस तरह का रिश्ता आपके जीवन में फिजूल का तनाव भी ला सकता है। दरअशल कई बार ऐसा होता है कि आपका पार्टनर नैनोशिप की शर्तों को भूल आपके पीछे ही पड़ जाता है। ऐसी चीजें अनायास तनाव में डाल सकती हैं।
3. सामाजिक मान्यता: अभी भी कई जगह इस तरह के रिश्ते को गलत नजर से देखता है। भारत जैसे देश में तो इस तरह के रिश्ते को कोई खुल कर बयां भी नहीं कर पाता। आज भी ऐसी जगहों में अगर कोई लड़की किसी के साथ रिश्ते में है तो उसे ठीक नजर से नहीं देखा जाता।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
यूं तो किस के साथ किसे किस तरह का रिश्ता रखना है ये बेहद निजी राय है। लेकिन फिर भी रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स नैनोशिप जैसे रिलेशनशिप ट्रेंड को युवाओं के लिए खतरनाक बताते हैं। इनका मानना है कि आजकल के युवाओं को हर चीज बहुत जल्दी चाहिए रहती है। फिर चाहे वह नौकरी हो या फिर घर या गाड़ी। रिश्तों को लेकर भी वह वैसे ही राय रखते हैं। यही कारण नैनोशिप जैसे ट्रेंड को बढ़ा रहे हैं। कोई भी रिश्ता विश्वास और आपसी समझ पर टिका होता है लेकिन नैनोशिप से यह शब्द पूरी तरह से गायब होते हैं। इस तरह के रिलेशनशिप की वजह से आजकल के युवा डिप्रेशन को दावत दे रहे हैं।
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Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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