Second Potato in Relationship: भूलकर भी ना बनें किसी का 'सेकेंड पोटैटो', आखिर क्या बला है ये, जानिए सेकेंड पोटैटे बनने के नुकसान और उबरने के उपाय

What is Second Potato in Relationship: यह वह स्थिति होती है जब आप अपने पार्टनर के लिए महज एक विकल्प होते हैं। उसकी प्राथमिकता कोई और होता है। वह आपके साथ रहते हुए भी मानसिक और भावनात्मक तौर पर अपने पुराने पार्टनर के साथ जुड़ा होता है।

What is Second Potato in Relationship

What is Second Potato in Relationship

Second Potato in Relationship (क्या है रिश्ते में सेकेंड पोटैटो): सबसे पहले इस स्थिति को समझिए- राजेश नीता के साथ रिलेशनशिप में है। नीता के साथ राजेश को वो सारी खुशियां मिल रही हैं जो कोई किसी रिलेशनशिप से उम्मीद करता है। दोनों के बीच बेहद कमाल की इमोशनल, मेंटल और फिजिकल बॉन्डिंग है। एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि नीता को कोई और पसंद आ गया। उसने राजेश से ब्रेकअप कर लिया। ब्रेकअप के दर्द से उबरने के लिए राजेश रेखा के साथ रिलेशनशिप में आ गया या फिर उससे शादी कर ली। रेखा के साथ आने के बाद भी राजेश कहीं ना कहीं भावनात्मक रूप से नीता से जुड़ा है। राजेश ने नीता का गम भुलाने के लिए रेखा से संबंध तो बना लिया लेकिन वह अब भी नीता के बारे में सोचता है। इस प्रेम त्रिकोण में रेखा की जो स्थिति है वही आजकल किसी का 'सेकेंड पोटैटो' बनना कहलाती है।

क्या होता है सेकेंड पोटैटो ( What is Second Potato in Relationship)

आसान शब्दों में समझा जाए तो यह वह स्थिति होती है जब आप अपने पार्टनर के लिए महज एक विकल्प होते हैं। उसकी प्राथमिकता कोई और होता है। वह आपके साथ रहते हुए भी मानसिक और भावनात्मक तौर पर अपने पुराने पार्टनर के साथ जुड़ा होता है। वह अपने दिल में आपको वह स्थान नहीं देता है जिसके आप हकदार हैं। वह आपको पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रहा है। यहां पर आप उसके लिए सेकेंड पोटैटो हैं।

सेकेंड पोटैटो बनने के नुकसान ( Harmful Effects of being Second Potato)

रिलेशनशिप में सेकेंड पोटैटो बनना किसी भी इंसान को अंदर से तोड़ देता है। मानसिक और भावनात्मक तौर पर वह ठगा महसूस करता है। आप बुरी तरह से टूट जाते हैं। आपके अंदर तनाव और असुरक्षा जैसी चीजें घर कर लेती हैं। इसके नुकसान ऐसे हैं कि वह इंसान को पूरी तरह से बदल कर रख देता है। आइए डालते हैं एक नजर:

अपना अस्तित्व खो देना:

जब आप किसी के सेकेंड पोटैटो बनते हैं तो आप अपनी नजर में ही अपना सम्मान खोने लगते हैं। आपके अंदर खुद के लिए ऐसी भावना पैदा होने लगती है कि आपकी तो कोई अहमियत ही नहीं है। आप सिर्फ किसी के लिए एक विकल्प भर हैं। आप तनाव से भर जाते हैं। आप इस रिश्ते में रहते हुए धीरे-धीरे अपनी पहचान खोने लगते हैं।

मन में बैठ जाता है शक:

जब आप महसूस करते हैं कि आप किसी के लिए सेकेंड पोटैटो हैं तो आप उसकी हर बात पर शक करने लगते हैं। आपको महसूस करने लगते हैं कि सामने वाला आपको चीट कर रहा है। आपको उसकी किसी बात पर ऐतबार नहीं होता। धीरे-धीरे ये शक इतना बढ़ जाता है कि आपकी मानसिक हालत बिगड़ने लगती है।

आत्मसम्मान पर लगती है चोट:

जब आप ये जान जाते हैं कि आपका पार्टनर अभी भी अपने पुराने रिलेशनशिप को भूल नहीं पाया है तो आप बेचारगी का अनुभव करते हैं। आपको लगने लगता है कि मेरी तो कोई अहमियत ही नहीं है। आप अपनी नजरों में खुद को कमतर आंकने लगते हैं। आपका आत्मसम्मान बुरी तरह से चोटिल हो जाता है।

असुरक्षा की भावना:

किसी के लिए सेकेंड पोटैटो बनना आपके अंदर असुरक्षा की भावना पैदा कर देता है। आपको लगता है कि अगर आपका पार्टनर अब भी अपने पुराने रिश्ते को लेकर इतना ज्यादा भावुक और अटैच है तो वह कभी भी उसे छोड़ फिर से अपने पुराने साथी के साथ जा सकता है। आप बुरी तरह से इनसिक्योर फील करते हैं। आपकी यही असुरक्षा की भावना आपको मानसिक रूप से बीमार बनाने लगती है।

तनाव का शिकार:

आप किसी का सेकेंड पोटैटो बनने के बाद कभी शांत नहीं रह सकते हैं। आपके अंदर इतनी तरह के ख्याल चलते रहते हैं जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह आघात पहुंचाते हैं। आप दिनभर तनाव में रहते हैं। चिड़चिड़ापन आपके व्यवहार में आ जाता है। बेचैनी आपका साथी बन जाता है। आप कब डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं आपको पता भी नहीं चलता।

सेकेंड पोटैटो बनने का अंजाम

ऊपर हमने आपको रिलेशनशिप में सेकेंड पोटैटो बनने के नुकसान बताए हैं। इसका अंजाम इन नुकसानों से भी बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। आपका रिश्ता हमेशा के लिए टूट जाता है। अगर आप साथ बने हुए हैं तब भी रिश्ते को चलाने के लिए आपको रोज संघर्ष करना पड़ता है। ठगा हुआ महसूस करने के बाद आप जिस तनाव के शिकार हो जाते हैं उसे बहुत से लोग हैंडल नहीं कर पाते हैं और सुसाइड कर लेते हैं। इंटरनेट और खबरों की दुनिया खंगालेंगे तो आपको ऐसे तमाम आंकड़े और खबरें मिल जाएंगी। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए आपको ये जानना जरूरी है कि सेकेंड पोटैटो बनने से कैसा बचा जाए।

किसी का सेकेंड पोटैटो बनने से कैसे बचें ( How to Deal With Second Potato Feeling)

जब हम किसी रिश्ते में जाते हैं तो हम हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते हैं। लेकिन जब हमें पता चलता है कि हमारा पार्टनर तो अभी भी किसी और के बारे में सोचता है तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। आपके पास दो विकल्प होते हैं। पहला ये कि दिल पर पत्थर रखें और इस रिश्ते से मूव ऑन कर जाएं। ये बात अलग है कि ऐसा करना हर किसी के लिए आसान नहीं है। लेकिन डिप्रेशन का शिकार होने से बेहतर है कि आप अपनी राहें जुदा कर लें और कहीं और खुशी तलाशें।

इस स्थिति से बचने का दूसरा उपाय है कि आप कोशिश करें। हार ना मानें। अगर आपको पता भी चल जाए कि आप अपने पार्टनर के लिए महज एक विकल्प भर हैं और वह अब भी किसी और के साथ इमोशनली अटैच है तब भी टूटे ना। इससे उबरने के ये कुछ उपाय अपनाएं:

रिश्ते का आकलन करें:

सबसे जरूरी है आप ये समझें कि आप अगर किसी का सेकेंड पोटैटो हैं तो वो क्या हमेशा के लिए हैं या फिर स्थिति सुधर सकती है। अगर आपको लगता है कि आपकी कोशिश से या फिर बात करने से आप अपने लिए वो जगह हासिल कर सकते हैं जिसके आप हकदार हैं तो कोशिश जरूर करें।

पार्टनर से खुलकर बात करें:

अगर आप ये फील करते हैं कि आपका पार्टनर अभी भी किसी और के साथ जुड़ा महसूस करता है तो उससे बात करें। उसे बताएं कि ये ठीक नहीं है। उसे समझाने की कोशिश करें कि पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ना ही उनके नए रिश्ते को बचा सकता है। उनसे कहें कि आप पुराने रिश्ते को भूलें और वर्तमान रिलेशनशिप पर ध्यान दें।

विश्वास बनाएं और समर्थन दें

विश्वास किसी भी रिश्ते की रीढ़ होती है। आप अपने पार्टनर को बताएं कि आप उनपर पूरा विश्वास करते या करती हैं। उन्हें महसूस कराएं कि हम हमेशा आपके साथ हैं। अपना सपोर्ट दें। इमोशनल कनेक्ट बनाएं। आपके पार्टनर को धीरे-धीरे लगने लगेगा कि जब मुझे इसी रिश्ते में हर तरह का सुख मिल रहा है तो फिर मैं क्यों अपने अतीत से घिरा हुआ हूं। वह धीरे-धीरे वर्तमान को जीने लगेगा।

..और अंत में

आपकी लाख कोशिशों के बाद भी अगर आपको लगता है कि आप अपने आत्मसम्मान से सौदा कर रहे हैं, अपनी सेल्फ रेस्पेक्ट खो रहे हैं तो सावधान हो जाएं। किसी का सेकेंड पोटैटो बनने के बाद आपकी कोशिशों का सामने वाले पर कोई असर नहीं पड़ रहा है तो उससे दूरी बनाना ही सही है। तनाव और डिप्रेशन में खुद को बर्बाद करने से बेहतर है कि आप अपनी राहें जुदा कर लें। अपने पार्टनर से बात करें और उसे बताएं कि मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मुझे वह स्थान या प्यार नहीं मिल रहा जिसकी मैं हकदार हूं। आपका ऐसे रिश्ते से निकल जाना ही सबसे बेहतर उपाय है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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