Sleep Divorce: क्यों रोज रात 'डिवोर्स' ले रहे कपल्स, शादी बचाने के लिए जरूरी मान रहे एक्सपर्ट्स, जानिए क्या होता है स्लीप डिवोर्स

What is Sleep Divorce: ऐसा माना जाता है और लंबे समय से होता भी आ रहा है कि कपल्स शादी के बाद एक साथ एक ही कमरे और एक बिस्तर पर सोते हैं। लेकिन जब कपल अलग-अलग कमरे, अलग बिस्तर, या अलग-अलग समय पर सोने लगते हैं तो उसे स्लीप डिवोर्स कहते हैं।

Sleep Divorce

What is Sleep Divorce, Know Sleep Divorce pro and cons

Sleep Divorce Trend: भारत में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है। शादीशुदा कपल्स हर मुमकिन कोशिश करते हैं कि उनका रिश्ता जीवन भर चले। इसके लिए वह सबकुछ करते हैं जो वो कर सकते हैं। अपने रिश्ते में रोमांस और मिठास बनाए रखने के लिए कपल्स पुरानी परंपराओं को भी तोड़ रहे हैं। इन दिनों कपल्स अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए एक खास तरह का तलाक ले रहे हैं। यह चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस खास तरह के डिवोर्स का नाम है स्लीप डिवोर्स। आखिर क्या होता है स्लीप डिवोर्स, क्यों कपल्स से रहे स्लीप डिवोर्स, क्या है इसके फायदे और नुकसान? आपको इन सारे सवालों के जवाब यहां मिल जाएंगे।

क्या होता है स्लीप डिवोर्स (What is Sleep Divorce)

ऐसा माना जाता है और लंबे समय से होता भी आ रहा है कि कपल्स शादी के बाद एक साथ एक ही कमरे और एक बिस्तर पर सोते हैं। लेकिन जब कपल अलग-अलग कमरे, अलग बिस्तर, या अलग-अलग समय पर सोने लगते हैं तो उसे स्लीप डिवोर्स कहते हैं। स्लीप डिवॉर्स में, कपल शारीरिक रूप से एक-दूसरे से अलग होते हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं। स्लीप डिवोर्स में अलग-अलग सोने का मूल उद्देश्य अच्छी नींद लेना होता है।

ट्रेंड में है स्लीप डिवोर्स

स्लीप डिवोर्स को लेकर जो आंकड़े इंटरनेट पर मौजूद हैं वो काफी हैरान करने वाले हैं। फ्रांस का शहर पेरिस जो अपने रोमांटिक माहौल के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है, वहां भी कपल्स घूमने जा रहे हैं तो होटल में एक की जगह दो कमरे बुक करा रहे हैं ताकि वह अपनी नींद पूरी कर सकें। भारत में भी स्लीप डिवोर्स की दर तेजी से बढ़ रही है।

भारत में क्यों बढ़ रहा Sleep Divorce का चलन

स्लीप सॉल्यूशन्स देने वाली कंपनी वेकफिट ने ग्रेट इंडियन स्लीप स्कोरकार्ड (GISS) ने एक सर्वे किया। अपने इस सर्वे में उन लोगों ने पाया कि भारत में 55% से ज्यादा लोग रात 11 बजे के बाद सोने जाते हैं। 8 घंटे से कम नींद लिए बगैर जाग जाते हैं। इसी तरह हेल्थ टेक्नोलॉजी कंपनी फिलिप्स इंडिया की रिसर्च कहती है कि 93% भारतीय पूरी नींद नहीं लेते। नींद के इतने खराब आंकड़ों के कारण ही भारत में भी स्लीप डिवोर्स का चलन बढ़ रहा है।

किन कारणों से स्लीप डिवोर्स ले रहे कपल

अकसर देखने को मिलता है कि कपल्स के सोने का पैटर्न एक दूसरे से काफी अलग होता है। कई केस में ऐसा भी होता है कि एक पार्टनर का स्लीपिंग पैटर्न दूसरे की नींद को प्रभावित करता है। स्लीप डिवोर्स लेने के कई कारण हो सकते हैं:

1. तेज खर्राटे लेना: अगर पति या पत्नी रात में सोते समय तेज खर्राटे लेता है तो वह जाने अनजाने अपने पार्टनर की नींद खराब कर रहा है। और अगर ये रोज ही होता है तो यह बड़ी समस्या है।

2. अलग अलग शेड्यूल: कपल्स के सोने का अलग अलग शेड्यूल होना भी स्लीप डिवोर्स को बढ़ा रहा है। जैसे कि अगर एक पार्टनर जल्दी सोता है तो दूसरा देर रात में या फिर एक पार्टनर की नाइट शिफ्ट होने के कारण वह सुबह सोता है।

3. बेचैनी: एक साथी जो करवटें बदलता है, बार-बार उठता है या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से पीड़ित है, वह दूसरे की नींद में खलल डाल सकता है।

4. स्लीप एप्निया: जिन पार्टनर्स को स्लीप एपनिया है, वे न केवल जोर से खर्राटे लेते हैं, बल्कि उनके सांस लेने के पैटर्न भी अनियमित हो सकते हैं। जिससे दूसरे को चिंता और परेशानी हो सकती है।

ऐसे मामलों में सोने के लिए अलग बिस्तर या यहां तक कि अलग कमरे को चुनना न केवल किसी की नींद पूरी कर सकता है बल्कि कपल्स के रिश्ते को भी बेहतर बना सकता है। इसी कारण से कपल्स स्लीप डिवोर्स लेना पसंद कर रहे हैं।

क्यों जरूरी है स्लीप डिवोर्स

सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनैलिटी साइंस की एक रिसर्च अच्छी नींद और पार्टनर्स के रिश्ते के बीच के संबंध का पता चलता है। इस अध्ययन में पता चला कि रात में नींद पूरी ना होने के कारण कपल्स के बीच मनमुटाव बढ़ रहा है। पार्टनर्स चिड़चिड़े से हो रहे हैं। इस कारण वह अपने पार्टनर से कुछ भी बोल दे रहे हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि रात को नींद पूरी न हो, तो इससे इमोशंस को कंट्रोल करने की क्षमता कम हो जाती है।

खराब नींद ना सिर्फ कपल्स के मूड को डिस्टर्ब करती हैं बल्कि वह रिश्तों की सबसे खास चीज सहानुभूति को भी खत्म कर रही है। स्टडी में पता चला कि खराब नींद के कारण कपल्स एक दूसरे की बातों पर तुरंत चिढ़ जाते हैं। रोज के ये छोटे-छोटे झगड़े रिश्ते को खत्म करने के कगार पर ला सकते हैं। ऐसे में रिश्तों की मिठास को बनाए रखने के लिए स्लीप डिवोर्स एक अच्छा ऑप्शन है।

स्लीप डिवोर्स लेने के तरीके

यदि आप अपने साथी के साथ नींद-तलाक की व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं, तो बातचीत को खुले दिमाग, समझ और सहानुभूति के साथ करना महत्वपूर्ण है। स्लीप डिवोर्स को अपनाने के ये दो तरीके बेहद कारगर हैं।

1.वीकेंड में साथ सोएं:

वीक डेज में जब रूटीन टाइट होता है और काम का तनाव भी होता है। ऐसे में स्लीप डिवोर्स अच्छा ऑप्शन हो सकता है। लेकिन वीकेंड में कोशिश करें कि साथ सोएं। यह आपके पार्टनर के साथ आपके रिश्ते को मजबूती देगा।

2. एक-एक दिन के गैप पर अलग सोएं:

स्लीप डिवोर्स अपनाने के शुरुआती दिनों में अचानक से एक दूसरे के साथ रात में अलग हो जाना तकलीफ देह हो सकता है। आप ऐसा भी कर सकते हैं कि एक रात साथ सोएं और एक रात अलग।

स्लीप डिवोर्स के फायदे

- स्लीप डिवोर्स अपनाकर अनियमित नींद की समस्या को कम किया जा सकता है। नींद की क्वालिटी इम्प्रूव होने से मानसिक स्वास्थ्य भी सही रहता है। सोने की वजह से हमारी एनर्जी रिस्टोर हो जाती है और हम दोबारा नई ऊर्जा के साथ काम कर सकते हैं।

- स्लीप डिवोर्स से कपल्स को पर्सनल स्पेस मिलता है। एक दूसरे के लिए प्यार बना रहता है। इससे दो लोगों के बीच रिलेशनशिप भी पहले से बेहतर होता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

देश दुनिया के तमाम रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का मानना है कि कपल्स के बीच जो स्लीप डिवोर्स का कॉन्सेप्ट वो उन लोगों सेहत से लेकर रिलेशनशिप तक को को बूस्ट कर रहा है। उनका भी मानना है कि स्लीप डिवोर्स से मैरिड लाइफ में नई रौनक आ सकती है और लोगों का रिश्ता ज्यादा मजबूत हो सकता है।

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Suneet Singh author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

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