क्या है ट्रैफिक सिग्नल का इतिहास, जानें क्यों चुने गए ये रंग
ट्रैफिक सिग्नल यातायात को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दृश्य संकेत हैं। वे आमतौर पर चौराहों, पैदल यात्री क्रॉसिंग और अन्य स्थानों पर स्थित होते हैं जहां यातायात प्रवाह को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। जानें इसका इतिहास।



एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने के लिए हमें किसी न किसी साधन की जरूरत होती है। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए हमें सड़कों के जरिए रास्ते तय करने होते हैं। सड़कों पर गाड़ी, घोड़े की आवाजाही को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। ट्रैफिक सिग्नल एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। ट्रैफिक सिग्नल आमतौर पर चौराहों, पैदल यात्री क्रॉसिंग और अन्य स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं जहां यातायात की भीड़ होती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि ट्रैफिक सिग्नल का आविष्कार किसने किया था? यहां हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि ट्रैफिक सिग्नल का आविष्कार, कब, क्यों और किसने किया था।
कब हुई थी ट्रैफिक सिग्नल की शुरुआत



traffic signals
समय के साथ ट्रैफिक सिग्नल में काफी बदलाव आए हैं। ट्रैफिक सिग्नल का इतिहास काफी दिलचस्प है, जो समय के साथ विकसित हुआ है। पहला ट्रैफिक सिग्नल 1868 में लंदन में ब्रिटिश संसद के बाहर स्थापित किया गया था। इसे रेलवे इंजीनियर जॉन पीक नाइट ने डिजाइन किया था, जो रेलवे सिग्नल प्रणाली से प्रेरित था। यह गैस से चलने वाला सिग्नल था जिसमें दो रंग थे: लाल और हरा। इस सिग्नल को एक पुलिसकर्मी मैन्युअल रूप से संचालित करता था। उस जमाने में यातायात को नियंत्रित करना काफी मुश्किल होता था, इसके लिए ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम तैयार किया। शुरुआती दौर में ट्रैफिक सिग्नल में लाल और हरे रंग की बत्तियां होती थी, जो गैस की रोशनी से जलती थीं। इसे पुलिस अधिकारी द्वारा मैन्युअली संचालित किया जाता था। लेकिन समय के साथ इसमें काफी बदलाव आए।
कैसे काम करता था पहला ट्रैफिक सिग्नल?
How did the first traffic signal work
दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल 10 दिसंबर 1868 को लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगाया गया था। उस समय इसे मैन्युअल ऑपरेट करना पड़ता था। एक खंभेनुमा पाइप में दो तरह की लाइट्स रेड और ग्रीन लगी होती थीं। एक पुलिसकर्मी पाइप से इनमें गैस भरकर इसे ऑपरेट करता था। शुरुआती ट्रैफिक सिग्नल का काम करने का तरीका भी काफी अलग था। दिन के समय इसे ऑपरेट करने के लिए सड़क पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए सेमाफोर आर्म्स (एक तरह की झंडी) का इस्तेमाल किया जाता था। जब हाथ ऊपर उठाया जाता था, तो गाड़ियां रुक जाती थीं। वहीं जब हाथ नीचे किया जाता था, तो गाड़ियां आगे बढ़ जाती थीं।
रात के समय ऐसे ऑपरेट किया जाता था ट्रैफिक सिग्नल
रात के समय लाल और हरी रोशनी का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे रोशन करने के लिए गैस लैंप का इस्तेमाल किया जाता था। इन लैंपों को ऑपरेट करने के लिए हर खंभे पर पुलिसवाले तैनात किए जाते थे। गैस वाली ट्रैफिक लाइट बहुत खतरनाक भी थीं। एक बार इनमें विस्फोट भी हुआ था जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत भी हो गयी थी। यह सिग्नल मैनुअली काम करता था। फिर बाद में ट्रैफिक सिग्नल में काफी बदलाव हुआ।
इलेक्ट्रिक सिग्नल का आगमन (20वीं सदी)
This is how traffic signals were operated at night
1912 में, साल्ट लेक सिटी, यूटा में लेस्टर वायर नामक एक पुलिस अधिकारी ने पहली इलेक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट विकसित की। 1914 में, क्लीवलैंड, ओहियो में पहली इलेक्ट्रिक ट्रैफिक लाइट लगाई गई। वहीं 1920 में, डेट्रॉइट के पुलिस अधिकारी विलियम पॉट्स ने तीन-रंग (लाल, पीला और हरा) ट्रैफिक लाइट का आविष्कार किया। 1920 के दशक में, स्वचालित टाइमर का उपयोग करके ट्रैफिक सिग्नल को नियंत्रित करना शुरू किया गया। इससे ट्रैफिक प्रवाह में सुधार हुआ और मानव त्रुटि कम हुई। आज, ट्रैफिक सिग्नल कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित होते हैं और ट्रैफिक प्रवाह को अनुकूलित करने के लिए सेंसर का उपयोग करते हैं। कुछ ट्रैफिक सिग्नल में पैदल चलने वालों के लिए बटन और साइकिल चालकों के लिए विशेष सिग्नल भी शामिल हैं। ट्रैफिक सिग्नल समय के साथ बहुत विकसित हुए हैं, और वे आज भी सड़कों को सुरक्षित और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्वचालित टाइमर की शुरुआत कब हुई
1920 के दशक में, स्वचालित टाइमर का उपयोग करके ट्रैफिक सिग्नल को नियंत्रित करना शुरू किया गया। 1922 में ह्यूस्टन शहर में ट्रैफिक सिग्नल को नियंत्रित करने के लिए स्वचालित टाइमर लगाए गए थे। 1926 में वॉल्वरहैम्प्टन में एक समय अंतराल पर काम करने वाले स्वचालित सिग्नल स्थापित किए गए थे।
Countdown Timers का आविष्कार
The Invention of Countdown Timers
समय के साथ आधुनिकरण होता है और नए नए तकनीक की खोज होने लगी। 1950 के दशक में कम्प्यूटर तकनीक का विकास हुआ और 1990 के दशक में Countdown Timers का आविष्कार हुआ, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलने लगी। इससे दुर्घटना में भी काफी कमी आई। Countdown Timers की मदद से पैदल यात्रियों और ड्राइवरों दोनों को ट्रैफिक लाइट्स के बदलने का अनुमान लगाने में मदद मिलने लगी।
ट्रैफिक सिग्नल के आविष्कार से पहले हुई इतनी मौतें
ट्रैफिक सिग्नल के आविष्कार से पहले सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्थित प्रणाली नहीं थी, जिसके कारण बहुत सी दुर्घटनाएँ होती थीं और लोगों की जानें जाती थीं। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, कारों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, जिससे सड़कों पर यातायात बहुत बढ़ गया। घोड़ागाड़ी और पैदल चलने वालों के साथ मोटर गाड़ियों के आने से सडकों पर अराजकता की स्थिति बनने लगी थी। यातायात नियंत्रण की कमी के कारण, सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। 1913 में अमेरिका में कार एक्सीडेंट से 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। लाइफस्टाइल (Lifestyle News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा ...और देखें
हर कोई हो जाएगा आपकी खूबसूरती का दीवाना, अगर आपने भी अपना लिया दादी-नानी का ये नुस्खा
Long Distance Relationship shayari: प्यार में मिले फासले का दर्द बताती हैं ये शायरी, दूर बैठे महबूब को भेज करें इजहार-ए-मोहब्बत
Raja Ram Mohan Roy Jayanti 2025: राजा राम मोहन रॉय की जयंती पर यहां पढ़ें उनके अनमोल विचार
Best Mangoes For Pickle: कच्चे आम से बनाएं स्वादिष्ट अचार, देखें आम का अचार बनाने के लिए सीजन के बेस्ट आम कौन से हैं
Orbitting: रिलेशनशिप में क्या होती है ऑर्बिटिंग? क्यों अपने एक्स को भूल नहीं पा रहे कपल्स
दिल्ली में घर खरीदने का सपना होगा पूरा; DDA ने लॉन्च की बंपर छूट के साथ नई स्कीम
PM मोदी की दहाड़- परमाणु बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं, पाकिस्तान को बार बार मुंह की खानी पड़ती है
अब सिर्फ PoK पर बात... Operation Sindoor पर PM मोदी की 10 बड़ी बातें, जिससे उड़ जाएगी शहबाज-मुनीर की नींद
Cannes 2025: सुहागन अदिति राव हैदरी ने लाल साड़ी में दिए पोज, पति सिद्धार्थ बोले 'मेरा प्यार...'
काजोल ने दी शाहरुख खान की लाडली को जन्मदिन की बधाई, नई फिल्म को लेकर दिया बड़ा हिंट
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited