Tiger Parenting: क्या होती है टाइगर पैरेंटिंग, क्यों बच्चों के लिए जल्लाद बन रहे मां-बाप, इस पैरेंटिंग स्टाइल को क्यों जानलेवा मान रहे एक्सपर्ट्स

What is Tiger Parenting (टाइगर पैरेंटिंग क्या है): टाइगर पैरंटिंग जैसे शब्द को पहली बार मशहूर राइटर और लॉ के प्रोफेसर एमी चुआ ने अपनी बुक Battle Himen of Tiger Mom में इस्तेमाल किया था। यह बुक उनकी सख्त परवरिश को दर्शाती है, जो टाइगर जैसे पालन-पोषण पर आधारित थी।

What is Tiger Parenting in Hindi, Pros and Cons of Tiger Parenting

Tiger Parenting and its effects on Children: पैरेंटिंग को लेकर बहुत कुछ लिखा पढ़ा गया है। अकसर ये माना जाता है कि जब किसी कपल के यहां बच्चा पैदा होता है तो सिर्फ वहां बच्चे का जन्म नहीं होता है, पैरेंट्स का भी जन्म होता है। बच्चे के जन्म के बाद माता पिता की पूरी जिंदगी बदल जाती है और वह एक नए अवतार में आ जाते हैं। बच्चा होने के बाद मां-बाप हर मुमकिन कोशिश करते हैं कि उनके बच्चे की अच्छी परवरिश हो। वह बच्चे के पालन पोषण के कई तरीके अपनाते हैं। पैरेंटिंग का तरीका ही तय करता है कि माता पिता और बच्चे के बीच किस तरह की बॉन्डिंग होगी। कई बार हम जाने अनजाने में बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उनके दुश्मन बन बैठते हैं। हम बच्चों के साथ काफी सख्त व्यवहार करते हैं। टाइगर पैरेंटिंग कुछ ऐसी ही होती है।

क्या होती है टाइगर पैरेंटिंग (What is Tiger Parenting)

टाइगर पैरेंटिंग को समझने से पहले जानते हैं कि पैरेंटिंग कितने तरह की होती है। एक्सपर्ट्स ने पैरेंटिंग को चार हिस्सों में बांटा है:

1. परमीसिव पैरेंटिंग - परमीसिव पैरेंटिंग में मां-बाप बच्चे की हर बात मानते हैं। बच्चों की बातें उनके लिए किसी परमिशन की तरह होती है। बच्चा जो बोलता है वो उसी तरह से करते हैं।

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