किसने किया था सफ़ेद, तीन इंच लंबी और एक उंगली जितनी चौड़ी चीज का अविष्कार? जानें सिगरेट का रोचक इतिहास

धूम्रपान, जिसे सिगरेट, बीड़ी, सिगार पीने के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी आदत है जो दुनियाभर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि इसका आविष्कार किसने किया और क्या है इसका इतिहास।

history of cigarette

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सिगरेट एक छोटा बेलनाकार उत्पाद है जिसे तम्बाकू के सूखे और कटे हुए पत्तों से बनाया जाता है, जिसे पतले कागज में लपेटा जाता है। धूम्रपान करने के लिए बनाया गया है। सिगरेट में निकोटीन होता है, जो एक अत्यधिक नशीला पदार्थ है। सिगरेट पीना स्वास्थ के लिए हानिकारक माना जाता, लेकिन बावजूद इसके दुनियाभर में धुम्रपान करने वालों की कोई कमी नहीं है। हमारे आसपास भी कई ऐसे लोग रहते हैं जो हर 15-20 मिनट पर धुम्रपान करते हैं। पिछले कुछ सालों में सिगरेट पीने का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। खासकर यंगस्टर्स के बीच स्मोकिंग का क्रेज देखने को मिल रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि सिगरेट की उत्पत्ति कैसे हुई थी। इसका इतिहास क्या है। चलिए जानते हैं इसका इतिहास क्या है।

सिगरेट का इतिहास

शुरुआती दौर (15वीं-18वीं शताब्दी)

तंबाकू का उपयोग सबसे पहले अमेरिका के मूल निवासियों ने किया था। वे तंबाकू के पत्तों को पाइप में भरकर पीते थे या उन्हें चबाते थे। 15वीं शताब्दी में, क्रिस्टोफर कोलंबस ने अमेरिका की यात्रा की और तंबाकू को यूरोप ले गए। 16वीं शताब्दी तक, तंबाकू यूरोप और एशिया में फैल गया और इसे औषधीय उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा। शुरुआत में, लोग तंबाकू को पाइप में भरकर पीते थे, चबाते थे या सूंघते थे। हालांकि, उस समय सिगरेट का आविष्कार नहीं हुआ था।

सिगरेट का विकास (19वीं-20वीं शताब्दी)

19वीं शताब्दी में, सिगरेट का आविष्कार हुआ। माना जाता है कि सिगरेट की उत्पत्ति 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में हुई, जब ब्राजील में सिगरेटोस का उत्पादन शुरू हुआ। ये तम्बाकू के छोटे रोल थे जिन्हें मकई के भूसे या कागज में लपेटा जाता था। सिगरेट को सबसे पहले सैनिकों के बीच लोकप्रियता मिली, क्योंकि वे आसानी से ले जाने और इस्तेमाल करने में आसान थे। 1880 के दशक में, जेम्स बुकानन ड्यूक ने सिगरेट बनाने की मशीन का आविष्कार किया, जिससे सिगरेट का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव हो गया। 20वीं शताब्दी में, सिगरेट का उपयोग दुनिया भर में फैल गया और यह एक लोकप्रिय उत्पाद बन गया।

सिगरेट का आविष्कार कब और कैसे हुआ?

जेम्स बुकानन ड्यूक को सिगरेट के आधुनिक रूप का जनक माना जाता है। उन्होंने न केवल सिगरेट उत्पादन को मशीनीकृत किया, बल्कि उन्होंने इसके विपणन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1880 में 24 साल की उम्र में सिगरेट का कारोबार शुरू किया, और उनकी मशीनों ने सिगरेट के बड़े पैमाने पर उत्पादन को संभव बनाया। उन्होंने उत्तरी कैरोलीना के कुछ लोगों के साथ मिलकर 'ड्यूक ऑफ़ डरहम' नाम से सिगरेट बनानी शुरू की थी। इसे दोनों सिरों को मोड़कर सील कर दिया जाता था। फिर कुछ दिनों बाद ड्यूक की मुलाकात जेम्स बोनसैक नाम के व्यक्ति से हुई। बोनसैक ने एक ऐसा मशीन बनाई जिससे बड़ी मात्रा में सिगरेट का उत्पादन किया जाने लगा। हालांकि उस समय सिगरेट का चलन बहुत ज्यादा नहीं था। फिर जेम्स बुकानन ड्यूक ने सिगरेट बेचने के लिए एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग पर फोकस किया। साल 1889 में ड्यूक ने सिगरेट के एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग पर तकरीबन 8 लाख डॉलर खर्च किए थे।

एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग का फायदा ड्यूक को काफी मिला और सिगरेट की ब्रिकी काफी तेज हो गई। अमेरिका में सिगरेट के बिजनेस को जमाने के बाद ड्यूक ने ब्रिटेन में इसकी स्थापना की। जेम्स ड्यूक ने 1902 में ब्रिटेन में इंपीरियल टोबैको कंपनी के साथ मिलकर ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (BAT) की स्थापना की। सिगरेट का आविष्कार 19 वीं शताब्दी में हुआ था। सिगरेट को सबसे पहले सैनिकों के बीच लोकप्रियता मिली।

कैसे लग जाती है सिगरेट की लत

सिगरेट में निकोटीन अत्यधिक नशीला होता है, और सिगरेट पीने वाले जल्दी ही इसके आदी हो जाते हैं। निकोटीन मस्तिष्क में डोपामाइन की रिहाई को उत्तेजित करता है, जो खुशी और संतुष्टि की भावनाओं को पैदा करता है। समय के साथ, मस्तिष्क निकोटीन के आदी हो जाता है, और जब निकोटीन का स्तर गिरता है तो वापसी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

सिगरेट के हानिकारक प्रभाव

फेफड़ों का कैंसर

सिगरेट के धुएं में कई कार्सिनोजेन्स होते हैं, जो फेफड़ों के कैंसर का कारण बनते हैं।

हृदय रोग

धूम्रपान हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है, जिसमें दिल का दौरा और स्ट्रोक शामिल हैं।

सांस की समस्याएं

सिगरेट धूम्रपान क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और वातस्फीति जैसी सांस की समस्याओं का कारण बन सकता है।

अन्य कैंसर

धूम्रपान मुंह, गले, गुर्दे, मूत्राशय और अग्न्याशय सहित कई अन्य प्रकार के कैंसर के खतरे को भी बढ़ाता है।

तंबाकू से हर साल जाती है इतनी जान

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू हर साल 8 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेता है। सिगरेट के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से कम से कम 250 हानिकारक होते हैं और 69 कैंसर का कारण बनते हैं। भारत सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 (COTPA) लागू किया है, जो सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है।

डिस्क्लेमर: धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होती है। ऐसे में टाइम्स नाउ नवभारत सिगरेट से बनी किसी भी उत्पाद को प्रमोट नहीं करता है।

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Ritu raj author

शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए नोएडा आय...और देखें

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