पॉलिटिकल बाबा: तन पे मलमल, हाथ में 'लेडीज पर्स', इस योग गुरु की मुट्ठी में थीं इंदिरा गांधी, खुद उड़ाता था अपना जहाज

Dhirendra Brahmachari: राजनेताओं और आध्यात्मिक गुरुओं के बीच की जुगलबंदी भारतीय राजनीति के लिए कोई नई बात नहीं है। ये कहानी भारत के उस कंट्रोवर्शियल ब्रह्मचारी की है जो ऐसे पहले शख्स नहीं थे जिन्होंने आध्यामिकता के बल पर सत्ता का लाभ उठाया लेकिन उनसे पहले कोई संन्यासी इतने लंबे समय तक और इतने विश्वास के साथ राजनीतिक पटल पर नहीं छाया रहा। 'द ग्रेट इंडियन पॉलिटिकल बाबा' के आज के अंक में हम बात करेंगे आचार्य धीरेंद्र ब्रह्मचारी की:

Political Baba: Acharya Dhirendra Brahmchari

Acharya Dhirendra Brahmchari: 12 फरवरी 1924 को बिहार के मधुबनी जिले में गांव चानपुरा बासैठ के सामान्य परिवार में एक बालक का जन्म हुआ। माता-पिता ने बालक का नाम रखा धीरेंद्र चौधरी। धीरेंद्र जब 13 साल का हुआ तो वह घर से भागकर लखनऊ चला गया। लखनऊ के पास गोपालखेड़ा में महर्षि कार्तिकेय के सानिध्य में पहुंच धीरेंद्र ने योग सीखना शुरू कर दिया। यहीं पर धीरेंद्र चौधरी को नया नाम मिला- धीरेंद्र ब्रह्मचारी। धीरेंद्र ब्रह्मचारी आगे चलकर इंदिरा गांधी के इतने करीबी बन गए कि देश की प्रधानमंत्री उनपर अंधा विश्वास करने लगीं। इन्हीं धीरेंद्र ब्रह्मचारी को नवंबर 1980 में वरिष्ठ पत्रकार दिलीप बॉब ने इंडिया टुडे में एक कंट्रोवर्शियल शख्सियत करार देते हुए लिखा था कि, 'वह एक ऐसे संत हैं जिनके कई चेहरे हैं। उनके पास कोई सरकारी पद नहीं है लेकिन उनके पास असीम शक्ति है। वो ऐसे स्वामी हैं, जो शान-शौकत से रहते हैं। वो ऐसे योग गुरु हैं जिनकी पहुंच सीधे प्रधानमंत्री तक है। उनसे लोग डरते हैं, लेकिन उनका सम्मान भी करते हैं।'

Source: facebook/dhirendrabrahmachari

देश के 4 प्रधानमंत्री बने ब्रह्मचारी के शिष्य

साल 1958 में धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने दिल्ली को अपनी कर्मभूमि बनाई। इंदिरा गांधी की ऑफिशियल जीवनी में ऑथर कैथरीन फ्रैंक ने बताया है कि दिल्ली में धीरेंद्र ब्रह्मचारी देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को योग सिखाने लगे। नेहरू के अलावा कई और बड़े नेता भी उनसे योग सीखने लगे। इनमें लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद जैसे देश के बड़े नाम शामिल थे। 1959 में धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने दिल्ली में अपना योग आश्रम खोला तो उसका उद्घाटन स्वयं पीएम नेहरू ने किया था। वो जवाहर लाल नेहरू ही थे जिन्होंने इंदिरा गांधी और धीरेंद्र ब्रह्मचारी को करीब लाया था। नेहरू ने धीरेंद्र ब्रह्मचारी को अपनी बेटी इंदिरा को योग सिखाने की जिम्मेदारी सौंपी। 60 के दशक में हर बदलते दिन के साथ इंदिरा और धीरेंद्र ब्रह्मचारी की घनिष्ठता बढ़ती गई। (नोट: धीरेंद्र ब्रह्मचारी के शिष्य रहे नेहरू, इंदिरा, मोरारजी और लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।)

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