हर मिनट 158 प्लेट बिरयानी खा जाते हैं भारतीय, क्यों Biryani के दीवाने हैं इंडियन्स, जानिए ईरानी बिरयानी कैसे बन गई हिंदुस्तानी
Popularity of Biryani among Indians: इतिहासकार बताते हैं कि बिरयानी ईरान का व्यंजन है। इन लोगों का तर्क है कि कि बिरयानी की उत्पत्ति फारसी शब्द बिरिंज बिरयानी से हुई है। बिरिंज बिरयानी का मतलब है भुना हुआ चावल।
Why Do Indians Love Biryani So Much? (इतनी बिरयानी क्यों खाते हैं भारतीय)
Why do Indians eat so much Biryani (इतनी बिरयानी क्यों खाते हैं भारतीय): हाल ही में फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े के मुताबिक इस साल भारत में लोगों ने सबसे ज्यादा बिरयानी ऑर्डर की। स्विगी की मानें तो साल 2024 में करीब 83 मिलियन बिरयानी के ऑर्डर आए। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस साल प्रति मिनट 158 बिरयानी ऑर्डर की गई। और बारीकी से समझें तो हर सेकेंड दो बिरयानी ऑर्डर की गई। स्विगी के पास साल 2024 का पहला ऑर्डर भी बिरयानी का ही आया था जो कि 1 जनवरी की सुबह 4 बजे कोलकाता से ऑर्डर किया गया था। इस ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी के मुताबिक रात 12 से 2 बजे के बीच भूख मिटाने के लिए भारतीयों ने सबसे ज्यादा बिरयानी को ही चुना। बिरयानी में भारतीयों ने सबसे ज्यादा चिकन बिरयानी ऑर्डर की। स्विगी से पहले जोमैटो की 2023 की रिपोर्ट ने भी दिखाया था कि बिरयानी भारतीयों की सबसे पसंदीदा डिश है।
अब सवाल ये बनता है कि आखिर बिरयानी पर भारतीय इतने फिदा क्यों है? आखिर क्यों भारतीयों को बिरयानी इतनी पसंद आती है? लेकिन इससे पहले हम ये जानते हैं कि आखिर इस बिरयानी की शुरुआत कैसे हुई? भारत में बिरयानी कैसे आई? कैसे देखते ही देखते हर हिंदुस्तानी की पहली पसंद बन गई बिरयानी?
History of Biryani
बिरयानी का इतिहास (History Of Biryani in India)
कुछ लोगों का मानना है कि बिरयानी भारत का अपना व्यंजन है जिसे पुलाव कहा जाता रहा है। हालांकि तमाम जानकार बताते हैं कि पुलाव और बिरयानी एकदम जुदा हैं। देश के विख्यात फूड हिस्टोरियन पुष्पेश पंत कहते हैं कि ये बिरयानी का मध्य कालीन भारत और प्राचीन भारत से कोई लेना देना था। कई इतिहासकार बताते हैं कि बिरयानी ईरान का व्यंजन है। इन लोगों का तर्क है कि कि बिरयानी की उत्पत्ति फारसी शब्द बिरिंज बिरयानी से हुई है। बिरिंज बिरयानी का मतलब है भुना हुआ चावल।
बीबीसी ने भारत में इस्लामिक खानों की विशेषज्ञा सलमा हुसैन के हवाले से रिपोर्ट किया है कि बिरयानी मुगलों के साथ भारत नहीं आई थी। ज्यादा संभावना है कि ये तीर्थयात्रियों और राजवंश के सैनिकों-नेताओं के साथ दक्षिण भारत आया। भारत में आने के बाद बिरयानी अलग-अलग प्रांतों में पहुंची और वहां का स्थानीय जायका बिरयानी के स्वाद में घुलता गया। जिस जगह का स्वाद इस बिरयानी में मिला यह वहीं के नाम से मशहूर हो गई। जैसे हैदराबादी बिरयानी, मुरादाबादी बिरयानी, भोपाली बिरयानी या राजस्थानी बिरयानी।
भारत की बिरयानी में क्या है खास
भारत में बिरयानी भले बाहर से आई हो लेकिन यह व्यंजन भारत में खूब विकसित हुआ और आज इसकी खुशबू पूरी दुनिया में अपना स्वाद बिखेर रही है। भारत शुरू से अपने मसालों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात रहा है। यहां के मसालों में जो स्वाद है वैसा पूरे विश्व में कहीं नहीं है। जब बिरयानी भारत पहुंची तो अलग-अलग राज्यों ने अपने तरीके से उसमें अपने मसाले डाले। इन मसालों ने ईरान की बिरयानी के स्वाद में चार चांद लगा दिये। वैसे भी बिरयानी की सबसे खास और जरूरी बात उसकी खुशबू ही है।
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भारतीय क्यों खाते हैं इतनी बिरयानी
भारत का कोई आधिकारिक राष्ट्रीय व्यंजन तो नहीं है लेकिन सबसे ज्यादा बिरयानी पसंद करते हैं हिंदुस्तानी। कई आंकड़े इस बात की पुष्टि भी कर चुके हैं। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर भारतीयों के बीच बिरयानी इतनी पॉपुलर क्यों है और वह क्यों इतनी बिरयानी खाते हैं। इसके पीछे कई कारण है:
वर्ड टू माउथ पब्लिसिटी:
आज सोशल मीडिया में फूट ब्लॉगर्स की बाढ़ सी है। आपको 10 में से 6 ब्लगर्स बिरयानी की बात करते नजर आ जाते हैं। फेसबुक हो या फिर ट्विटर या इंस्टाग्राम, जहां भी भोजन की बात खासतौर पर नॉनवेज की होती है तो वहां आपको बिरयानी की फोटो दिख जाएगी। फैमिली फेसबुक ग्रुप से लेकर ऑफिस ब्रेक्स तक में लोग बिरयानी की बातें करते नजर आ जाएंगे। बतौर ग्राहक आप बिरयानी शब्द से दिनभर में इतनी बार टकराते हैं कि वह आपके जेहन में बैठ जाती है।
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क्षेत्रीय सीमाओं से परे हैं बिरयानी:
बिरयानी की सबसे खास बात ये है कि यह किसी क्षेत्र से जुड़ी नहीं है। जैसे कि आप अगर सांभर की बात करें तो वह दक्षिण भारतीय व्यंजन है। वहीं पावभाजी की बात करें तो उसके तार महाराष्ट्र से जुड़े हैं। बाटी चोखा की बात करें तो बिहार का नाम जुड़ता है। लेकिन बिरयानी के साथ ऐसा नहीं है। बिरयानी जहां बनती है वहीं की पहचान अपने में समेट लेती है। जैसे हैदराबाद में बनी बिरयानी हैदराबादी बिरयानी कहलाती है तो मुरादाबाद की बिरयानी मुरादाबादी कहलाती है। देश के हर राज्य में वहां के खानपान के जायके से भरी बिरयानी बनती है।
अपने आप में संपूर्ण है बिरयानी:
बिरयानी स्वादिष्ट होने के साथ ही ऐसी डिश है जो अपने आप में पूर्ण है। आसान शब्दों में समझा जाए तो बिरयानी के साथ किसी और चीज की जरूरत नहीं है। जैसे अगर आप इडली या डोसा खाते हैं तो आपको सांभर और चटनी लगेगी। बाटी खाते हैं तो चोखा लगेगा। रोटी खाते हो तो उसके साथ सब्जी लगेगी। लेकिन बिरयानी खाते हैं तो वह अपने आप में पूरी डिश है। बस आपके परोसना है खा लेना है।
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इन कारणों से कोई भी समझ सकता है कि आखिर बिरयानी भारत में इतनी पॉपुलर क्यों है और आखिर क्यों भारतीय सबसे ज्यादा बिरयानी खाते हैं।
भारत की कुछ मशहूर बिरयानीभारत में यूं तो कई तरह की बिरयानी मशहूर है। कहीं मटन की बिरयानी मशहूर है तो कहीं लोग चिकन बिरयानी खाते हैं। कुछ लोग मछली और अंडे वाली बिरयानी भी खाते हैं। आइए जानते हैं भारत की कुछ पॉपुलर बिरयानी के नाम:
- हैदराबादी बिरयानी
- लखनवी बिरयानी
- मालाबार चिकन बिरयानी
- फिश बिरयानी
- मुग़लई बिरयानी
- डिंडिगुल बिरयानी
- मुरादाबादी बिरयानी
वैसे मूल रूप से दो तरह ही बिरयानी बनती है। पुष्पेश पंत भी बताते हैं कि बिरयानी दो तरह की ही होती है। एक कच्चे गोश्त की और दूसरी पके गोश्त की बिरयानी। कच्चे गोश्त की बिरयानी में मांस को अलग मैरीनेट करने के बाद चावल के साथ दम दिया जाता है। वहीं पके गोश्त की बिरयानी में चावल और गोश्त को अलग अलग पका कर फिर परत बना कर साथ दम दिया जाता है। मसाले के जायके इन दो तरह की बिरयानी को अलग अलग नाम, रंग और रूप से मशहूर करते हैं।
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ऑनलाइन ऑर्डर में अव्वल क्यों है बिरयानी
बिरयानी ऐसा व्यंजन है जो हमेशा से बाजारों में ही मिलता रहा है। दरअसल इसे घर पर बनाने की तकनीक ऐसी है जिसमें काफी समय और नफासत की जरूरत होती है। आप घर पर ढंग की बिरयानी तभी बना सकते हैं जब आप फुर्सत में हों। इसके अलाव इसमें वो चीज़ें पड़ती हैं जो घर में आमतौर इस्तेमाल नहीं होती है। जैसे कई खड़े मसाले और इत्र। बिरयानी का असली मजा मिट्टी की हांडी में है। लेकिन हांडी हर किसी घर में नहीं होती। यही कारण है कि बिरयानी के शौकीन बाहर से ही बिरयानी ऑर्डर करते हैं।
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Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
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