Full Moon Week: पूर्णिमा वाले सप्ताह का सामने आया एक चौंकाने वाला सच, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

Full Moon Week: विश्लेषण करने पर पता चला कि जो लोग पूर्णिमा वाले सप्ताह में दोपहर तीन से चार बजे के बीच सितंबर महीने में आत्महत्या कर सकते हैं, उनमें ब्लड बायोमार्कर एक जीन होता है जो शरीर की जैविक घड़ी को नियंत्रित करता है।

Full Moon Week Suicides: पूर्णिमा वाले हफ्ते में ज्यादा होती है आत्महत्या।

Full Moon Week: सदियों से लोगों को संदेह है कि पूर्णिमा (Full Moon) के दौरान लोगों में रहस्यमय परिवर्तन हो सकते हैं। अमेरिका के इंडियाना यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के मनोचिकित्सकों ने पाया है कि पूर्णिमा के दौरान आत्महत्या से होने वाली मौतें (Suicides Deaths Cases) बढ़ जाती हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार पूर्णिमा से बढ़ी हुई रोशनी उस अवधि के दौरान आत्महत्याओं में वृद्धि का कारण हो सकती है। परिवेश की रौशनी की शरीर, दिमाग और व्यवहार की जैव घड़ी तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिससे यह तय होता है कि हम कब जागते और कब सोते हैं।

रात के समय, जब अंधेरा होना चाहिए, पूर्णिमा में प्रकाश बढ़ने से लोगों पर उसका प्रभाव पड़ता है। टीम ने 2012-2016 के बीच इंडियाना प्रांत में हुई आत्महत्याओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि पूर्णिमा के सप्ताह के दौरान आत्महत्या से होने वाली मौतें काफी बढ़ गई थीं। उन्होंने ये भी पाया कि 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में इस दौरान आत्महत्या की घटनाएं और भी ज्यादा तेजी से बढ़ी हैं।

दोपहर बाद 3 से 4 बजे के बीच के समय और सितंबर में होती हैं ज्यादा आत्महत्याएं

साथ ही उन्होंने आत्महत्या के समय और महीनों पर भी ध्यान दिया और पाया कि दोपहर बाद 3 बजे से 4 बजे के बीच के समय और सितंबर के महीने में आत्महत्याएं ज्यादा होती हैं। डिस्कवर मेंटल हेल्थ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में अध्ययन के लेखक अलेक्जेंडर निकुलेस्कु ने लिखा, हम इस परिकल्पना का विश्लेषण करना चाहते थे कि पूर्णिमा के आसपास की अवधि के दौरान आत्महत्याएं बढ़ जाती हैं और यह जानना चाहते थे कि क्या उस दौरान आत्महत्या के जोखिम वाले मरीजों का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।

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