मैं म‍िसेज रश्‍म‍ि शर्मा वर्मा... लेक‍िन क्‍या मेरे पत‍ि भी ऐसा ही सरनम रख पाएंगे - जया बच्‍चन के सवाल के बहाने महिलाओं की ये सोच जानें

जया बच्चन ने अपने नाम के साथ पति अमिताभ बच्चन का नाम जोड़ने पर कड़ा एतराज क्या जताया सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि आखिर शादी के बाद महिलाओं को पति के सरनेम की क्या जरूरत है? क्या शादी के बाद लड़की का सरनेम बदलना जरूरी है? जानें क्या सोचते हैं यंगस्टर्स और सोसाइटी।

Jaya Bachchan in parliament.

Jaya Bachchan in parliament.

श्रीमती जया अमिताभ बच्चन...हाल ही में वेटरन एक्ट्रेस और समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने अपने नाम के साथ पति अमिताभ बच्चन का नाम जोड़ने पर कड़ा एतराज जताया। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को पति के नाम से पहचाने जाने के ट्रेंड को लेकर भी आपत्ति जताई। जया की इस नाराजगी के साथ ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि आखिर शादी के बाद महिलाओं को पति के सरनेम की क्या जरूरत है? क्या शादी के बाद लड़की का सरनेम बदलना जरूरी है? क्या ये परंपरा बन चुकी है या फिर न्यू सोशल मीडिया ट्रेंड? आज इस आर्टिकल के जरिए जानने की कोशिश करेंगे कि क्या सोचती है हमारी सोसाइटी।

अपने पति का सरनेम जोड़ने का इतिहास

ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे देश में कई ऐसे रिवाज हैं जिनका पालन सदियों से औरतें करती आ रही हैं। इन्हीं में से एक है शादी के बाद पति का सरनेम लगाना। हमारे देश में हमेशा से यह प्रथा रही है कि शादी के बाद लड़कियों को अपना सरनेम बदलकर पति का उपनाम लगाना पड़ता है। ये कहां से प्रारंभ हुआ, इसका कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन इसकी एक वजह ये भी मानी जाती है कि जब भी कोई लड़की शादी के बाद अपने पति का सरनेम लगाती है तभी उसे परिवार का हिस्सा माना जाता है। पुराने जमाने में पति का सरनेम लगाना एक परंपरा थी। नए जमाने में सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड चल गया है कि ज्यादातर महिलाएं शादी के बाद अपने पति का पूरा नाम जोड़ती है।
वैसे 90 के दशक तक अगर कोई मह‍िला शादी के बाद पत‍ि का सरनेम नहीं अपनाती थी तो उसे बोल्‍ड या फ‍िर संस्‍कारों का पालन न करने वाली बहू के तौर पर देखा जाता था। लेक‍िन 21वीं शताब्‍दी में वर्क‍िंग व‍िमेन कल्‍चर, तलाक के मामलों का बढ़ना और डॉक्‍युमेंट्स मेंटेन करने में आसानी होने के चलते शादी के बाद लड़क‍ियां सोशल मीड‍िया पर तो पत‍ि का नाम लगा लेती हैं लेक‍िन कागजों पर उनका शादी से पहले का नाम ही चलता रहता है।

बॉलीवुड में सरनेम का चलन

हालांक‍ि बॉलीवुड एक्‍ट्रेस खुलकर अपने नाम के साथ पत‍ि के नाम को जोड़कर चलती हैं। अगर बात बॉलीवुड एक्ट्रेसेस की करें तो कई हसीनाओं ने शादी के बाद अपने पति का सरनेम अपनाया है। करीना कपूर ने शादी के बाद करीना कपूर खान लगाया। वहीं ऐश्वर्या राय ने भी शादी के बाद अपने नाम के साथ बच्चन सरनेम ऐड किया। प्र‍ियंका चोपड़ा ने भी न‍िक जोनस का सरनेम ऐड किया। वहीं कई टॉप एक्‍ट्रेस ऐसी भी हैं ज‍िन्‍होंने नाम नहीं बदला। दीप‍िका पादुकोण, आल‍िया भट्ट, अनुष्‍का शर्मा जैसे नाम इसका उदाहरण हैं।

सोशल मीडिया पर चला चलन

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ट्रेंड चला है कि लड़कियां शादी के बाद पति का सरनेम नहीं बल्कि पूरा नाम जोड़ लेती हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों पड़ती है इसकी जरूरत। इसे लेकर जब हमने कुछ यंग लेडीज से बात की तो पता चला आपसी प्‍यार, मान और सम्‍मान के लिए वे ऐसा करती हैं। वैसे नई शादीशुदा लड़कियों में पति का नाम जोड़ने का क्रेज ज्यादा देखा गया है।
हालांकि सोशल मीडिया खंगालने से ये भी पता चलता है कि शादी में अगर थोड़ा भी मनमुटाव हो जाता है, तब महिलाएं सोशल मीडिया से अपने पति का नाम हटाने में देर नहीं करती हैं। इस तरह से वह अपने पति के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करती हैं। कई एक्ट्रेस को भी ऐसा करते देखा गया है। जिससे इस बात का आसानी से अंदाजा लगा लिया जाता है कि अमूक पति पत्नी के संबंध सही नहीं चल रहे हैं।
एक यंग कलीग ने नाम न शेयर करने की शर्त पर बताया क‍ि उसको ये देखकर दुख होता है कि 21वीं शताब्‍दी के लड़के भी भूल से भी अपनी पत्‍नी का नाम अपने नाम के साथ नहीं जोड़ते हैं। यानी टेक्‍नॉलजी भी द‍िमाग की रूढ़‍ियों को अभी तोड़ नहीं पाई है।

क्या है अनमैरिड लड़कियों की राय

पति का नाम जोड़ने वाले मुद्दे को लेकर कुछ बैंकर्स और आईटी इंडस्ट्री में काम करने वाली लड़कियों से बात की। बैंकर रूची सिंह ने बताया कि वो शादी के बाद अपना नाम बिल्कुल नहीं बदलेंगी। उनका मानना है कि वो एक स्वतंत्र लड़की हैं और मेहनत से उन्‍होंने अपनी पहचान बनाई है। प्‍यार और सम्‍मान द‍िखाने के ल‍िए उनको नाम बदलने की जरूरत तो कतई नही है। ऐसे में नाम जोड़ने की क्या जरूरत है। वहीं आईटी इंडस्ट्री में काम करने वाली रश्मि का कहना है वो भी अपने पति का नाम नहीं जोड़ेंगी। हां,अगर बात कभी इस मुद्दे को लेकर र‍िश्‍ते पर बन आई तो सोचा जा सकता है। लेक‍िन देखना ये होगा क‍ि क्‍या उस समय मेरे पत‍ि को मुझसे ज्‍यादा अपने नाम से प्‍यार होगा?

क्या है लड़कों की राय

हमने इस मुद्दे पर युवाओं से लेकर शादीशुदा पुरुषों से भी बात की। जिनमें से तमाम लोगों की राय लगभग एक जैसी थी। युवाओं से जब हमने पूछा कि शादी के बाद अगर उनकी पत्नी उनका नाम अपने नाम के साथ नहीं लगाना चाहती हैं तो इसपर उनकी क्या राय रहेगी। तमाम युवाओं का कहना था कि ये लड़की पर निर्भर करता है। अगर वो नाम नहीं बदलना चाहती हैं तो उनपर दबाव नहीं बना सकते हैं।
वहीं शादीशुदा मर्दों ने कहा कि लव मैरेज में ज्यादातर इस तरह की चीजें देखने को मिलती है। हालांकि उन लोगों का भी यही कहना था कि ये महिलाओं की मर्जी है कि वो अपने पति का नाम जोड़ना चाहती हैं या नहीं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादातर महिलाएं सामाजिक दबाव में आकर ही पति का नाम जोड़ती हैं। लेकिन अब जमाना बदल रहा है। क्योंकि पहले के जमाने में जब बेटा कोई बड़ा काम करता था तो उन्हें बेटे के नाम से एक नई पहचान मिलती थी। वहीं अब बेटियों के नाम से भी पिता को नई पहचान मिल रही है।

मुश्‍किल थी नाम बदलने की प्रकिया

पहले के जमाने में जब किसी लड़की की शादी होती थी। तो उसके तुरंत बाद ही उसका नाम बदलवा दिया जाता था, क्योंकि लोगों की ऐसी मानसिकता थी कि अब वो दूसरे परिवार से जुड़ चुकी हैं तो ऐसे में उस परिवार का सरनेम होना जरूरी है। इसके लिए कोर्ट से एफिडेविट बनवाकर इसे चेंज करवा पड़ता था। इसके साथ ही अखबारों में भी इश्तिहार निकलवाना पड़ता था। आज भी नाम बदलने की लगभग यही प्रक्रिया है लेकिन ज्यादातर मिलाएं अब अपना नाम नहीं बदलती हैं। उनका ये मानना होता है कि हमारी खुद की जो पहचान बनी है उसे हम क्यों बदलें।
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Ritu raj author

शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए नोएडा आय...और देखें

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