Cleopatra: भारतीय मसालों की दीवानी थीं दुनिया की सबसे सुंदर महारानी क्लियोपेट्रा, इस खास मसाले के तेल से बढ़ाती थीं खूबसूरती
Beauty Secrets of Queen Cleopatra: क्लियोपेट्रा के सौंदर्य प्रसाधनों और सजने संवरने को लेकर बहुत ढेर सारी बातें प्रचलित हैं। उनके पास सौंदर्य के इतने तरह के गुप्त रहस्य थे कि उन्होंने इस पर एक किताब ही लिख दी थी। कहा जाता है कि क्लियोपेट्रा ने अपने मंत्रिमंडल में एक अलग विभाग बना रखा था, जो अपनी रानी को सुंदर और युवा बनाए रखने के लिए तमाम तरह कें शोध करता रहे।
Beauty Secrets of Queen Cleopatra
Most Beautiful Queen in the History: मानव सभ्यता के इतिहास में कई ऐसे राजा महाराजा और शासक हुए जो अपनी अलग पहचान रखते थे। कोई अपनी वीरता के लिए इतिहास में दर्ज हुआ तो कोई अपनी क्रूरता के कारण। किसी की बुद्धिमत्ता ने पूरे विश्व में अपना लोहा मनवाया तो किसी की सुंदरता ने। सुंदरता - यह एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ हर किसी के लिए अलग होता है। लेकिन इतिहास में एक ऐसी महारानी रहीं जो हमेशा के लिए सुंदरता का पर्याय बन गईं। वह इतनी सुंदर थीं कि बड़े से बड़े योद्धा भी उसके हुस्न के आगे हथियार डाल देते थे। हम जिस की बात कर रहे हैं उनका नाम है क्लियोपेट्रा सप्तम सिया फ्लोर पैटर्न। आज भी जब बात सौंदर्य की चलती है तो सहज ही पैमाना बनकर क्लियोपेट्रा सामने आ जाती हैं।
कौन थीं क्लियोपेट्रा? (Who Was Cleopatra)
क्लियोपेट्रा से जुड़े ना जाने कितने किस्से इतिहास में बिखरे हुए हैं। तमाम इतिहासकारों के मुताबिक वह मिस्र की महारानी थीं। क्लियोपैट्रा का जन्म मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में जनवरी ईसा-पूर्व 69 में हुआ था। उन्होंने 51 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक मिस्र पर शासन किया। बताया जाता है कि उनका पूरा नाम क्लियोपेट्रा सप्तम सिया फ्लोर पैटर्न था। वह प्राचीन मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम औरत फैरो थी।
दुनियाभर के तमाम कलाकारों ने क्लियोपेट्रा की सुंदरता और कामुकता पर कई चित्रकारी और मूर्तियां गढ़ीं। साहित्य की दुनिया में भी क्लियोपेट्रा की सुंदरता ने कई भाषाओं के साहित्यकारों को मजबूर किया कि उन्होंने इतिहास की सबसे सुंदर महिला को अपनी कृतियों में नायिका बनाया। क्लियोपेट्रा पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं।
क्लियोपेट्रा के सौंदर्य प्रसाधनों और सजने संवरने को लेकर बहुत ढेर सारी बातें प्रचलित हैं। उनके पास सौंदर्य के इतने तरह के गुप्त रहस्य थे कि उन्होंने इस पर एक किताब ही लिख दी थी। कहा जाता है कि क्लियोपेट्रा ने अपने मंत्रिमंडल में एक अलग विभाग बना रखा था, जो अपनी रानी को सुंदर और युवा बनाए रखने के लिए तमाम तरह कें शोध करता रहे।
कई इतिहासकारों की माने तो खूबसूरत दिखने के लिए क्लियोपैट्रा रोजाना सुबह गधी के दूध से नहाती थीं। बताया जाता है कि क्लियोपैट्रा को नहाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गधी के दूध में हर दिन गुलाब के 300 फूल डाले जाते थे। क्लियोपेट्रा का संबंध भारत से भी था। वे भारत के गरम मसाले, मलमल और मोती भरे जहाज सिकंदरिया के बंदरगाह में खरीद लिया करती थीं।
चेहरे पर लगाती थीं चमत्कारी मसाला
इतिहास की किताबों में दर्ज क्लियोपेट्रा के ब्यूटी सीक्रेट के तहत जिन-जिन नुस्खों का जिक्र है उनमें सबसे चमत्कारी एक खास मसाले का तेल है। इस मसाले का जिक्र आयुर्वेद और ईसाई ग्रंथों में भी है। हम जिस मसाले की बात कर रहे हैं वह है कलौंजी। कलौंजी को रोम में पेनेशिया कहा जाता है। पेनेशिया का मतलब होता है हर मर्ज की दवा।
कलौंजी का इतिहास (History of Kalonji)
निगेला सैटिवा पौधे से मिलने वाला कलौंजी एक औषधी है, जिसका इस्तेमाल सदियों से कई तरह के उपचार के लिए किया जाता रहा है। मिस्र के इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं का मानना है कि कलौंजी 3000 साल पहले मिस्र में तूतनखामेन के मकबरे में पाई गई। कलौंजी को मिस्र के शासकों की ममी के साथ उनके इस्तेमाल की जाने वाली चीजें रखी जाती थीं जिनमें कलौंजी भी शामिल था। प्राचीन काल में मिस्र के राजा महाराजाओं के शाही चिकित्सक कलौंजी का प्रयोग जुकाम, सिरदर्द, दांत के दर्द, संक्रमण, एलर्जी आदि रोगों के उपचार में करते थे।
आयुर्वेद और बाइबिल में भी इसका जिक्र है। ईस्टन के बाइबल शब्दकोश में हेब्र्यू शब्द का मतलब कलौंजी लिखा है। इस्लाम के अनुसार हज़रत मुहम्मद कलौंजी को मौत के सिवा हर मर्ज की दवा बताते थे। इसका ज़िक्र कई जगह हदीसों में मिलता है। कलौंजी मिस्र के बाहर भी सदियों से दवा और मसाले के तौर पर इस्तेमाल होती रही है। एशिया, अफ्रीका समेत अरब देशों में भी कलौंजी को कई तरह से उपयोग में लाया जाता है।
सुंदरता कैसे बढ़ाती है कलौंजी (Beauty Benefits of Kalonji)
कलौंजी विटामिन, फाइबर, अमीनो एसिड, प्रोटीन, फैटी एसिड और भी तमाम जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। कलौंजी में कलौंजी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासों और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं।
इंटरनेट पर उपलब्ध तमाम स्किन केयर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कलौंजी के पानी से पीने से त्वचा के दाग-धब्बे कम होते हैं और चेहरे पर चमक आती है। कलौंजी का तेल बालों की समस्याओं में रामबाण की तरह काम करता है। यह ना सिर्फ बालों की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि उसे रूखा होने और झड़ने से भी बचाते हैं। कलौंजी के तेल से मालिश करने से बालों को दूसरे तरह के नुकसान से भी बचाया जा सकता है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कलौंजी के बीज और तेल से मुंहासे दूर होते हैं और त्वचा का रंग साफ होता है। कलौंजी से त्वचा निखरी और कोमल बनती है। कलौंजी के बीजों में ऐसा गुण होता है कि वह सोरायसिस, मुंहासों के लक्षणों में सुधार और विटिलिगो के घाव भी कम कर सकता है।
कलौंजी के पौष्टिक गुण
इन छोटे काले कलौंजी के दानों में पोषक तत्वों का अंबार है। कलौंजी में सौ से अधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। कलौंजी के कंपोजिशन की बात करें तो इसमें 35% कार्बोहाइड्रेट, 21% प्रोटीन और 35-38% वसा होता है। कलौंजी के बारे में पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि 58% ओमेगा-6, 0.2% ओमेगा-3 और 24% ओमेगा-9 होते हैं।
भारत और कलौंजी
कलौंजी भारतीय मसालों में खास स्थान रखता है। यह ना सिर्फ भारतीय व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि कई तरह के आयुर्वेदिक उपचारों में भी इस्तेमाल किया जाता है। कलौंजी के हेयर ऑयल, शैंपू और कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स भारती बाजारों में उपलब्ध हैं। क्लियोपेट्रा जिन भारतीय मसालों की दीवानी थीं उनमें यहां की कलौंजी का भी नाम आता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। लाइफस्टाइल (Lifestyle News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
Suneet Singh author
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया क...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited