चैत्र नवरात्री 2025
नवरात्रि नौ रातों के समूह को कहते हैं जिसमें देवी मां का व्रत-पूजन किया जाता है। ये पर्व आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के साथ-साथ तन-मन के शुद्धिकरण का भी होता है। शक्ति के विभिन्न रूप जीवन के विभिन्न पहलुओं और ऊर्जा के अलग-अलग रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनकी आराधना से मनुष्य को सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। नवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये आत्म शुद्धि, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का कारक भी माना जाता है, जिसे पूरे भारतवर्ष में धूम-धाम से मनाया जाता है।और पढ़ें
प्रतिपदा
30
माता शैलपुत्री


द्वितीया
31
माता ब्रह्मचारिणी


तृतीया
01
मां चंद्रघण्टा


चतुर्थी
02
माता कुष्मांडा


पंचमी
03
स्कंदमाता


षष्ठी
04
कात्यायनी


सप्तमी
05
कालरात्रि


अष्टमी
06
महागौरी


नवमी
07
सिद्धिदात्री


FAQs
माता शैलपुत्री की पूजा क्यों की जाती है?
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व क्या है?
माता ब्रह्मचारिणी को कौन सा भोग प्रिय है?
माता ब्रह्मचारिणी का मंत्र क्या है?
Navratri में कौन-कौन से रंग पहने जाते हैं?
Navratri में उपवास कैसे किया जाता है?
Navratri में कौन-कौन से देवी की पूजा होती है?

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