AI ने दिखा दिया कितनी खतरनाक हुई होगी पानीपत की लड़ाई

साल 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई हुई थी। बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुई इस लड़ाई में बाबर ने लोदी को हराकर दिल्ली सल्तनत पर कब्जा किया था। इसी के साथ भारत में मुगलों के लंबे शासन की शुरुआत हुई। बाबर के बाद हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब जैसे उसके वंशजों ने यहां राज किया। साल 1526 में पानीपत वजह पहली लड़ाई कितनी खतरनाक रही होगी AI ने बता दिया।

कब हुई लड़ाई
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कब हुई लड़ाई

पानीपत की पहली लड़ाई 21 अप्रैल 1526 को हुई। यह लड़ाई बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुई और इसमें इब्राहिम लोदी की हार हुई और वह युद्ध में मारे गए। बाबार ने अपनी विशाल सेना और तोपखाने के साथ लोदी की सेना के पैर उखाड़ दिए। तस्वीर Microsoft Copilot से बनाई गई है

कहां से आया बाबर
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कहां से आया बाबर

बाबर काबुलिस्तान पर राज करता था और साल 1526 में उसने दिल्ली सल्तनत पर हमला किया। पानीपत की लड़ाई में उसने इब्राहिम लोदी की बहुत बड़ी सेना को शिकस्त दे दी। इसके साथ ही भारत में मुगल शासन की शुरुआत हुई। तस्वीर Meta AI से बनाई गई है

बाबर के पास कितनी सेना थी
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बाबर के पास कितनी सेना थी

पानीपत की पहली लड़ानी के समय बाबर के पास करीब 15 हजार सैनिकों के साथ 20-24 तोपें थीं। उस समय बाबर को अंदाजा था कि इब्राहिम लोदी के पास 1 लाख की सेना होगी। लेकिन लोदी के पास असल में 30-40 हजार सैनिक ही थे। लोदी की सेना में 1000 हाथी भी थे। तस्वीर leonardo.ai से बनाई गई है

तोप की आवाज से डर गए लोदी के सैनिक
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तोप की आवाज से डर गए लोदी के सैनिक

पानीपत की इस लड़ाई में बाबर की तोपों ने जमकर कहर ढाया। बाबर की तोप के गोलों से इब्राहिम लोदी के जितने सैनिक मर या घायल हो रहे थे, उससे कहीं ज्यादा हाथी तोप की आवाज से डर गए और उन्होंने लोदी के अपने सैनिकों को ही कुचल दिया। तस्वीर Meta AI से बनाई गई है

बाबर की रणनीति आई काम
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बाबर की रणनीति आई काम

इतिहास के अनुसार बाबर की तोपों ने उसे यह युद्ध जिताने में अहम भूमिका भूमिका निभाई। समकालीन स्रोतों के अनुसार बाबर की नई युद्ध नीति तुलुगमा और अरबा ने उसे यह युद्ध जीतने में मदद की। तस्वीर leonardo.ai से बनाई गई है

तुलुगमा क्या है
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तुलुगमा क्या है?

तुलुगमा का मतलब पूरी सेना को कई टुकड़ियों में बांटने से है। जैसे कुछ सैनिकों को केंद्र में रखने के अलावा बाकी को दाएं और बाएं से भेजना। इसके बाद आगे भी उन्हें फॉर्वर्ड और बैकवर्ड डिवीजन में बांटना। इससे छोटी सेना होते हुए भी बाबर ने लोदी की सेना को घेर लिया। तस्वीर leonardo.ai से बनाई गई है

अरबा का मतलब
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अरबा का मतलब?

सेना की सेंट्रल डिवीजन को गाड़ियां दी गई, जिन्हें अरबा कहा जाता था। इन गाड़ियों को चमड़े की रस्सियों से एक साथ बांधकर दुश्मन की तरफ मुंह करके रखा जाता था और इनके पीछे तोपें रखी जाती थीं। इन्हें मैंटलेट्स से सुरक्षित किया जाता था, ताकि उन्हें आसानी से ऑपरेट किया जा सके। तस्वीर Microsoft Copilot से बनाई गई हैऔर पढ़ें

इतिहास बदलने वाला युद्ध
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इतिहास बदलने वाला युद्ध

पानीपत की इस पहली लड़ाई ने भारत का इतिहास बदलने के साथ ही नए युग की शुरुआत कर दी। हालांकि, माना जाता है कि अगर इब्राहिम लोग एक घंटे भी और टिक जाता तो बाबर युद्ध हार जाता, क्योंकि उसके सैनिक थक रहे थे और उसके पास रिजर्व सैनिक नहीं थे। तस्वीर leonardo.ai से बनाई गई है

भारत में इस्लामी शासन मजबूत हुआ
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भारत में इस्लामी शासन मजबूत हुआ

पानीपत की इस पहली लड़ाई में बाबर की जीत के बात भारत में इस्लामी शासन मजबूत हुआ। इब्राहिम लोदी के लिए लड़ने वाले कई सैनिक बाबर की सेना में शामिल हो गए और दिल्ली सल्तनत पर मुगल साम्राज्य स्थापित हो गया। तस्वीर leonardo.ai से बनाई गई है

बाबर के बाद इन मुगलों ने किया राज
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बाबर के बाद इन मुगलों ने किया राज

बाबर के बाद भारत पर हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब जैसे मुगल बादशाहों ने राज किया। भारत पर राज करने वाले अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर थे। तस्वीर Microsoft Copilot से बनाई गई है

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