Automatic Car: ऑटोमैटिक कार खुद ब खुद कैसे बदल लेती है गेयर, जान लीजिये सीक्रेट

Automatic Car: कारों में दो तरह के गेयरबॉक्स मिलते हैं। मैन्युअल गेयरबॉक्स के साथ-साथ कारों में ऑटोमैटिक गेयरबॉक्स का ऑप्शन भी मिलता है। ऑटोमैटिक कार को चलाना मैन्युअल कार के मुकाबले काफी आसान होता है। मैन्युअल की तरह इसमें आपको बार-बार गेयर नहीं बदलने पड़ते और ऑटोमैटिक कार अपने आप अपने गेयर बदल लेता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऑटोमैटिक कार को पता कैसे चलता है कि कब गेयर बदलना है? आज हम आपको इसी सीक्रेट जानकारी के बारे में बताएंगे।

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ऑटोमैटिक और मैन्युअल

कारों में आपको मैन्युअल के साथ-साथ ऑटोमैटिक गेयरबॉक्स का ऑप्शन भी मिलता है। मैन्युअल कार में आपको बार बार गेयर बदलने पड़ते हैं जबकि ऑटोमैटिक कार को चलाना ज्यादा आसान है और यह खुद ब खुद गेयर बदल लेती है।

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इस बात का रखें ध्यान

ऑटोमैटिक कार को चलाना आसान तो होता है लेकिन मैन्युअल के मुकाबले यह ज्यादा फ्यूल इस्तेमाल करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑटोमैटिक कार में गेयर कई बार बदलते हैं जिस वजह से ज्यादा तेल का इस्तेमाल होता है।

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सोचा है?

ऑटोमैटिक कार को चलाना आसान होता है और यह खुद ब खुद परिस्थिति के हिसाब से गेयर बदल लेती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऑटोमैटिक कार खुद ब खुद गेयर कैसे बदल लेती है? आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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टॉर्क कन्वर्टर

यह पार्ट इंजन को ट्रांसमिशन से जोड़ता है और गेयर बदलने के लिए प्रेशर वाले फ्लूइड का इस्तेमाल करता है। जब गाड़ी का टॉर्क बढ़ता है तो टॉर्क कन्वर्टर में मौजूद लिक्विड तेज प्रेशर से गेयर पड़ पड़ता है और गेयर बदल जाता है।

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जरूरी बात

ऑटोमैटिक कार में गेयर एक लाइन में नहीं होते बल्कि गोल प्लेनेटरी सिस्टम में लगे हुए होते हैं। इंटरनल क्लच और फ्रिक्शन बैंड गेयर्स को लॉक करने का काम करते हैं। इस तरह एक ऑटोमैटिक कार गेयर बदलती है।