महिंद्रा और जीप की 15 साल लंबी लड़ाई, जानें वजह और जीता कौन

महिंद्रा एक भारतीय कंपनी है जो मुख्य रूप से SUVs बनाती है और इसकी SUVs को काफी पसंद भी किया जाता है। दूसरी तरफ जीप एक अमेरिकन कंपनी है और इस कंपनी को भी मुख्य रूप से SUVs बनाने और जबरदस्त ऑफ-रोड कारें बनाने के लिए जाना जाता है। इन दोनों ही कंपनियों के बीच एक कनेक्शन भी है और इन दोनों ही कंपनियों की लड़ाई भी हुई जो 15 साल तक चली। आइये आपको बताते हैं कि ये लड़ाई क्या थी और आखिर जीता कौन?

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महिंद्रा और जीप​

महिंद्रा को भारत में SUVs बनाने के लिए जाना जाता है तो वहीं जीप को दुनिया भर में दमदार SUVs और जबरदस्त ऑफ-रोड कारें बनाने के लिए जाना जाता है। इन दोनों ही कंपनियों के बीच एक कनेक्शन भी है और एक ऐसी लड़ाई भी जो 15 साल तक चली।

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​क्या है कनेक्शन?

जीप को पहले विलिस जीप के नाम से जाना जाता था। KC महिंद्रा और JC महिंद्रा ने 1947 में जीप से लाइसेंस लिया और भारत में जीप बनानी शुरू की और इसे रॉक्सर नाम दिया। यह जीप लोगों के बीच काफी पॉपुलर हुई और 1987 में क्रिज्लर ने जीप का अधिग्रहण कर लिया।

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​महिंद्रा की पहचान और ऐतराज

महिंद्रा को साल 1996 में मुख्य रूप से पहचान मिली जब कंपनी ने क्लासिक जीप कार निकाली। इधर साल 2009 में क्रिज्लर ने महिंद्रा के साथ समझौता किया कि अब कंपनी 7 ग्रिल डिजाइन वाली कारें नहीं बनाएगी। इसी बीच 2010 में महिंद्रा ने पहली बार थार लॉन्च की और इसके 5 साल बाद साल 2014 में फिएट ने जीप क्रिज्लर को खरीद लिया और कंपनी फिएट क्रिज्लर मोटर्स (FCA) कहलाने लगी।

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​FCA Vs महिंद्रा

फिर साल 2019 में FCA ने अमेरिकी कोर्ट में महिंद्रा के खिलाफ केस दर्ज करवाया और महिंद्रा पर जीप की कारों के डिजाइन की नकल करने का इल्जाम लगाया। FCA का दावा था कि महिंद्रा ने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी बाजारों में बिकने वाली रॉक्सर और थार का डिजाइन जीप रेंगलर रुबिकन से लिया है। आपको बता दें कि साल 2020 में महिंद्रा ने थार की दूसरी जनरेशन को लॉन्च किया था।

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​जीता कौन?

2023 में अमेरिकी कोर्ट ने महिंद्रा के पक्ष में फैसला सुनाया और महिंद्रा ये केस जीत गई। हालांकि कंपनी को अमेरिकी मार्केट में बिकने वाली रॉक्सर में कुछ बदलाव करने पड़े। इस तरह महिंद्रा और जीप की लड़ाई 2023 में खत्म हो गई।