World War 2 में सैनिकों से कम नहीं थी Royal Enfield, गोद में उठा लेते थे

रॉयल एनफील्ड की बाइक्स का इस्तेमाल आज टशन मारने के लिए या शान की सवारी के लिए किया जाता है। लेकिन एक समय था जब ये मोटरसाइकिल किसी फैजी से कम नहीं थी। इस मोटरसाइकिल का एक मॉडल ऐसा भी बनाया गया था जिसने दूसरे विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

गोद में उठा लेते थे फौजी
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गोद में उठा लेते थे फौजी

रॉयल एनफील्ड की बाइक्स का इस्तेमाल आज टशन मारने के लिए या शान की सवारी के लिए किया जाता है। लेकिन एक समय था जब ये मोटरसाइकिल किसी फैजी से कम नहीं थी। इस मोटरसाइकिल का एक मॉडल ऐसा भी बनाया गया था जिसने दूसरे विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

फौजी से कम नहीं थी
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फौजी से कम नहीं थी

1945 में जर्मनी द्वारा सरेंडर करने के बाद दूसरा विश्वयुद्ध खत्म हुआ था। वर्ल्ड वॉर 2 में फौजियों के साथ गाड़ियों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी थी। युद्ध के दौरान अलाइड फोर्सेस के फैजियों ने रॉयल एनफील्ड फ्लाइंग फ्ली चलाई थी जो इनकी बहुत मददगार साबित हुई।

125 सीसी की थी बाइक
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125 सीसी की थी बाइक

जर्मनी की जगह इस समय रॉयल एनफील्ड की बाइक्स ऑर्डर की गई थीं जिनमें 125 सीसी का इंजन लगा हुआ था। छोटे साइज की इस हल्की बाइक का पहला ऑर्डर 4,000 यूनिट था जिसे आसानी से युद्धस्थल तक पहुंचाया जा सके।

क्यों पड़ा फ्लाइंग फ्ली नाम
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क्यों पड़ा फ्लाइंग फ्ली नाम

एक क्रैडल फ्रेम में सुरक्षित रख हवाई जहाज के जरिए पहुंचाया गया। इसीलिए इसका ये नाम पड़ा। रॉयल एनफील्ड फ्लाइंग फ्ली का भार खासतौर पर सिर्फ 56 किग्रा रखा गया था जो 60 किमी/घंटा रफ्तार पर चलती थी।

2018 में आया लिमिटेड एडिशन
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2018 में आया लिमिटेड एडिशन

रॉयल एनफील्ड ने इस फ्लाइंग फ्ली की याद में पेगासस नामक लिमिटेड एडिशन 2018 में लॉन्च किया था। रॉयल एनफील्ड ने करीब 4 साल पहले ही रॉयल एनफील्ड फ्लाइंग फ्ली और रोड्सटर नाम ट्रेडमार्क कराए हैं, यानी इनकी वापसी संभव है।

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