लेफ्ट हैंड ड्राइव और राइट हैंड ड्राइव में क्या है अंतर, नेपोलियन से कनेक्शन

भारत के साथ दुनिया के बहुत सारे ऐसे देश हैं जहां राइट हैंड ड्राइव कारें चलाई जाती हैं। राइट हैंड ड्राइव यानी जिन कारों में स्टीयरिंग सीधे हाथ ही तरफ होता है। दूसरी तरफ ज्यादातर देश ऐसे हैं जहां लेफ्ट हैंड ड्राइव कारें इस्तेमाल की जाती हैं। आज हम आपको इन दोनों कारों के बीच का फर्क समझा रहे हैं।

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LHD बनाम RHD

राइट हैंड ड्राइव कारें भारत के साथ कुछ पड़ोसी देश और दुनिया भर में अन्य कई जगहों पर यूज होती हैं। हालांकि दुनिया के ज्यादातर देशों में लेफ्ट हैंड ड्राइव कारों का इस्तेमाल किया जाता है। यहां इन्हीं के बारे में हम आपको बता रहे हैं।

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राइट हैंड ड्राइव

हमारे देश में सभी कारों की स्टीयरिंग राइट साइड यानी दाईं ओर होती है यानी ये वाहन राइट हैंड ड्राइव हैं। इसका गियरबॉक्स बाईं ओर होता है, मतलब चालक उल्टे हाथ से गाड़ी का गियर बदलते हैं और सीधे हाथ से स्टीयरिंग कंट्रोल करते हैं।

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लेफ्ट हैंड ड्राइव

विदेशों में अमूमन लेफ्ट हैंड ड्राइव कारें चलाई जाती हैं। इसमें उल्टे हाथ की ओर स्टीयरिंग व्हील होता है और सीधे हाथ से चालक गाड़ी के गियर बदलता है। ये कारें एक दूसरे से काफी अलग होती हैं और नियम भी इसी हिसाब से बनाए जाते हैं।

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क्या होता है मतलब

राइट हैंड ड्राइव कारों में स्टीयरिंग सीधे हाथ पर मिलता है, यानी ये कारें सड़क के लेफ्ट हैंड पर चलाई जाएंगी। दूसरी तरफ लेफ्ट हैंड ड्राइव कारों में बाईं ओर स्टीयरिंग होता है, इसका मतलब ये कारें सड़क के राइट हैंड साइड चलाई जाएंगी।

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नेपोलियन कनेक्शन

कहा जाता है कि नेपोलियन बोनापार्ट लेफ्ट हैंडेड था और उसने अपने सिपाहियों को सीधी तरफ चलने का आदेश दिया था ताकि हमले के समय उसका दायां हाथ सही से काम कर सके। माना जाता है कि लेफ्ट हैंड ड्राइव की शुरुआती भी वहीं से हुई।