जब गैंगस्टर से भिड़ गए थे रतन टाटा, कर्मचारियों पर छिड़कते थे जान

देश के दिग्गज बिजनेस टाइकून और टाटा मोटर्स के मुखिया रतन टाटा का मुंबई के एक अस्पताल में 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। इस खबर को सुनकर पूरा देश दु:खी है। टाटा ग्रुप के सभी कर्मचारियों पर वो जान छिड़कते थे और यही वजह थी कि एक बार वो टाटा मोटर्स के वर्कर्स को बचाने के लिए एक गैंगस्टर से भिड़ गए थे।

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बड़े दिल वाले रतन टाटा

रतन टाटा के निधन पर लोगों को इतना फर्क इसीलिए पड़ रहा है, क्योंकि वो बड़े दिल वाले थे। जीवित रहते उन्होंने मानव कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किया जो एक खरबपति बिजनेसमैन को करना चाहिए। इन्होंने ही टाटा मोटर्स को ग्लोबल ब्रांड बनाया है।

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जान छिड़कते थे

टाटा ग्रुप को इतना बड़ा बनाने वाले रतन टाटा को दुनिया भर से प्यार मिलता था। वो अपने कर्मचारियों पर जान छिड़कते थे। रतन टाटा अपने स्टाफ के लिए हर संभव मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे, एक बार तो उन्होंने मुसीबत मोल ले ली थी।

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गैंगस्टर से भिडे़े

रतन टाटा के कई किस्से आपको पता होंगे, लेकिन अपने प्लांट के कर्मचारियों के लिए वो एक बार गैंगस्टर से भिड़ गए थे। एक इंटरव्यू के दौरान रतन टाटा ने बताया कि गैंगस्टर टाटा मोटर्स पर कब्जा करने के लिए कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर करता था।

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कर्मचारियों से मारपीट

टाटा मोटर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए ये गैंगस्टर कंपनी के कर्मचारियों से मारपीट करता था, तब रतन टाटा की एंट्री हुई। गैंगस्टर की गुंडागर्दी और रंगदारी के कारण धीरे-धीरे प्लांट के कर्मचारियों ने काम करना बंद कर दिया, इसके बाद रतन टाटा ने खुद मोर्चा संभाला।

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निडर थे रतन टाटा

रतन टाटा डरते नहीं, उन्होंने खुद कई दिनों तक प्लांट में रहकर कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाया कि उन्हें कुछ भी नहीं होगा। रतन टाटा की कोशिशों के बाद ये गैंगस्टर पुलिस द्वारा पकड़ा लिया गया और प्लांट में दोबारा से काम शुरू हुआ।