ये है भारत का टोल किंग, जो आधे भारत के ड्राइवर्स से वसूलता है पैसा

India largest toll Collector: सफर के दौरान सड़को पर आपने टोल प्लाजा तो देखें होंगे जहां लोग पैसे दिए बिना गाड़ी आगे नहीं बढ़ा पाते। पर क्या आप जानते हैं सबसे ज्यादा टोल कलेक्ट करने वाली कंपनी कौन सी है और उस कंपनी का मालिक कौन है।

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देश के करीब आधे राज्य में टोल

दरअसल सहकार ग्रुप लिमिटेड (SGL) भारत में सड़कों के टोल कलेक्शन के मामले में सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। कंपनी की पहुंच 13 राज्यों में (देश के करीब आधे राज्य में टोल) हैं और इसके 200 से अधिक टोलिंग प्लाजा हैं। सहकार ग्रुप लिमिटेड (एसजीएल) भारत में सड़कों के टोल संग्रह में सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।

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​सहकार ग्रुप के फाउंडर किशोर अग्रवाल ​

इसके प्रमुख ग्राहकों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) और विभिन्न राज्यों के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) शामिल हैं। सहकार ग्रुप के फाउंडर किशोर अग्रवाल है। जिन्होंने वित्त वर्ष 2011-12 में 30 करोड़ रुपये के रेवेन्यू को वित्त वर्ष 2022-23 में 2,700+ करोड़ रुपये तक पहुंचाया।

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कब शुरू हुई थी ये कंपनी

एसजीएल की स्थापना 1996 में हुई थी। इस कंपनी ने सरकार के निजीकरण अभियान से मिले अवसरों का लाभ उठाया। कंपनी ने मुंबई के आसपास नगर परिषदों के लिए चुंगी संग्रह के साथ अपना परिचालन शुरू किया और महाराष्ट्र राज्य में अन्य नगर निगमों में धीरे-धीरे विस्तार किया।

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​टोल कलेक्शन के प्राइवेटाइजेशन से मिला फायदा​

इसने 2008 में नागपुर में एक परियोजना के साथ एक संघ के हिस्से के रूप में सड़क टोल कलेक्शन में एंट्री की। 2010-11 में NHAI द्वारा टोल कलेक्शन के प्राइवेटाइजेशन के बाद, कंपनी ने 2011 में NHAI के लिए अपनी पहली सड़क टोल कलेक्शन प्रोजेक्ट हासिल किया। ​​तब से, इसने NHAI, MSRDC, MCD और UPEIDA जैसे प्रमुख ग्राहकों सहित अपने प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो का तेजी से विस्तार किया है।

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​ 4000 से ज्यादा कर्मचारी​

वित्तीय वर्ष 2010 में, कंपनी ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करना शुरू किया उसे अहमदनगर नगर निगम (यूआईडीएसएसएमटी) की तरफ से सम्मान भी मिल चुका है। इसमें 4000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।