7 देश बन सकते हैं डिफॉल्टर, कहीं महंगाई 236% तो कहीं कर्ज GDP का 70.6%, जानें लिस्ट में कौन-कौन

दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल जारी है। बहुत जल्द इसका एक बड़ा नकारात्मक नतीजा दिख सकता है। दरअसल ये चिंता संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक बयान के बाद बढ़ी है, जिसमें कहा गया है कि 50 ऐसे गरीब देश हैं, जो दिवालिया हो सकते हैं।

बिजली संकट और कर्ज का बोझ
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बिजली संकट और कर्ज का बोझ

इन देशों के दिवालिया होने की कगार पर पहुंचने की बड़ी वजहों में बहुत ज्यादा महंगाई, बिजली संकट और कर्ज का बोझ शामिल है।

पाकिस्तान
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पाकिस्तान

इन देशों में पाकिस्तान शामिल है। पाकिस्तान की GDP 2023-24 में 374.904 अरब डॉलर रही, जो 2021-22 में 375.44 अरब डॉलर थी। इसका कर्ज के मुकाबले जीडीपी यानी Debt to GDP रेशियो 80% है। इससे देश की करीब 60% कमाई आर्थिक हालात बेहतर बनाने के बजाय कर्ज चुकाने में ही जा रही है। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि IMF के बेल-आउट के कारण फिलहाल तो पाकिस्तान बचा हुआ है। मगर आर्थिक सुधार से ही ये डिफॉल्टर होने से बच सकता है।

श्रीलंका
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श्रीलंका

श्रीलंका पहले ही अप्रैल 2022 में 83 अरब डॉलर के कर्ज पर डिफॉल्‍ट कर चुका है। इस देश की जीडीपी और विदेशी मुद्रा भंडार घटे हैं। बढ़ती गरीबी और कर्ज का बोझ इसके आर्थिक सुधार के लिए बड़ी बाधा हैं।

बांग्लादेश
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बांग्लादेश

बांग्लादेश पर 156 अरब डॉलर का कर्ज है, जो 2008 के मुकाबले 5 गुना हो गया है। इसका विदेशी मुद्रा भंडार 20 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल जनवरी में 32 अरब डॉलर था। बांग्लादेश का सेंट्रल बैंक देश की करेंसी टका का डीवैल्युएशन भी कर चुका। मगर हालत नहीं सुधरे। आगे यहां महंगाई बढ़ने की भी संभावना है।

वेनेजुएला
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वेनेजुएला

वेनेजुएला पर 154 अरब डॉलर का कर्ज है। इसकी GDP 2012 में 372.59 अरब डॉलर से एक तिहाई रह गई और अब 102.33 अरब डॉलर पर है। देश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और फिर से प्रतिबंध इसके कर्ज चुकाने की राह में बड़ा संकट हैं।

अर्जेंटीना
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अर्जेंटीना

अर्जेंटीना 21वीं सदी में तीन बार कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट कर चुका है। महंगाई दर घटने के बावजूद 236 फीसदी है। गरीबी का आंकड़ा 50% से अधिक है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने अनुमान जताया है कि 2025 से 2027 के बीच अर्जेंटीना के डिफाल्टर होने की 75% संभावना है।

जाम्बिया
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जाम्बिया

ये अफ्रीकी देश 2020 में यूरो बॉन्ड कर्ज पर डिफॉल्ट हो चुका है। 2023 में इसका कर्ज जीडीपी के 26% पर था। इसे IMF अस्थिर मानता है। देश 3.3 अरब डॉलर के कमर्शियल लोन को रीस्‍ट्रक्‍चर कराना चाहता है। अगर ऐसा न हुआ तो इसके डिफॉल्‍ट की संभावना बन जाएगी।

घाना
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घाना

घाना पर कुल 44 अरब डॉलर का कर्ज है, जो इसकी GDP का 70.6% है। दिसंबर 2022 से ये अधिकतर विदेशी कर्जों को चुकाने में डिफॉल्‍ट कर चुका। देश की अर्थव्यवस्था भी गहरे संकट में है। कर्ज की लागत और बढ़ती महंगाई देश के लिए चिंता का सबब है।

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