कहलाते हैं भारतीय आईटी इंडस्ट्री के जनक, रहा है पाकिस्तान से नाता
Father of Indian IT Success Story: टाटा समूह करीब-करीब हर इंडस्ट्री सेक्टर में कदम रख चुका है। इस ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) भारतीय आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी है। 13.78 लाख करोड़ रुपये की मौजूदा नेटवर्थ वाली TCS की स्थापना एक ऐसे व्यक्ति ने की जिसकी जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हैं। उन्हें भारतीय आईटी इंडस्ट्री के जनक के रूप में जाना जाता है। इनका नाम फकीर चंद कोहली (Faqir Chand Kohli) है। आइए जानते हैं उनके बारे में। 1924 में पाकिस्तान के पेशावर में जन्मे कोहली का जीवन और उपलब्धियां इंफॉर्मेशन टैक्नोलॉजी सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
कौन हैं फकीर चंद कोहली?
फकीर चंद कोहली (Faqir Chand Kohli) का जन्म 1924 में पेशावर भारत (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। जहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद वे पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर के अंतर्गत गवर्नमेंट कॉलेज फॉर मेन में पढ़ने गए। वहां से उन्होंने बीए और बीएससी (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की। कोहली ने यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल भी जीता। उसके बाद वे कनाडा चले गए और 1948 में क्वीन्स यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीएससी (ऑनर्स) पूरा किया। 1950 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कोहली ने कनाडाई जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ काम करना शुरू कर दिया था। काम करते हुए वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एमएस की पढ़ाई पूरी की।और पढ़ें
फकीर चंद कोहली के करियर की शुरुआत
फकीर चंद कोहली ने 1951 में टाटा इलेक्ट्रिक में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की। 1969 तक जेआरडी टाटा के सहयोग से वे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ जुड़ गए। 1968 में टाटा संस ने यह नया वेंचर लॉन्च किया था। हालांकि कोहली को शुरू में संदेह था लेकिन पावर इंजीनियरिंग के सेक्टर में कंप्यूटर के उनके इंवेंटिव यूज ने उन्हें TCS का नेतृत्व करने के लिए एक आदर्श व्यक्ति साबित कर दिया।और पढ़ें
जनरल मैनेजर के तौर पर टीसीएस में हुए थे शामिल
कोहली ने मुंबई और पुणे के बीच बिजली लाइनों को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर सिस्टम को सफलतापूर्वक डिजाइन करने के लिए मेनफ्रेम तकनीक का इस्तेमाल किया था। यह एक प्रमुख कारण था कि कोहली को 1969 में टीसीएस में जनरल मैनेजर के रूप में शामिल होने के लिए राजी किया गया था क्योंकि वह टाटा इलेक्ट्रिक को छोड़ने के लिए अनिच्छुक थे। यह पद उनके लिए बनाया गया था।और पढ़ें
फकीर चंद कोहली और टीसीएस
टीसीएस के लिए कोहली का सपना भारत की सामाजिक-आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में टैक्नोलॉजी का लाभ उठाना था। उनके नेतृत्व में टीसीएस ने तेजी से विकास किया और अंतरराष्ट्रीय आईटी सेक्टर में अपने लिए एक अलग जगह बनाई। उन्होंने पूरे दिल से कंपनी के विकास दर को 5 साल में दोगुना करने का बीड़ा उठाया, जिससे बैंकिंग और यूटिलिटी जैसे कई सेक्टर्स में व्यापक समाधान प्रदान करने वाले के रूप में टीसीएस की छवि मजबूत हुई।और पढ़ें
फकीर चंद कोहली के नेतृत्व में टीसीएस का वैश्विक प्रदर्शन
कोहली की अमेरिका की रणनीतिक यात्राओं ने टीसीएस के दुनिया भर में अपने पंख फैलाने की शुरुआत की, अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी उद्योग की दिग्गज कंपनियों से महत्वपूर्ण सॉफ़्टवेयर समझौते हासिल किए। इतना ही नहीं उन्होंने 90 के दशक की शुरुआत में Y2K मुद्दे में वृद्धि के अवसर भी देखे। इस कदम ने टीसीएस को इस समस्या से निपटने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी होने का विशिष्ट सम्मान दिलाया। यह एक प्रमुख विकास चालक बन गया जिसने कंपनी के विस्तार को आगे बढ़ाया और 2003 तक अरबों डॉलर के राजस्व मील के पत्थर को छूने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोहली का 26 नवंबर 2020 को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। और पढ़ें
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