होम लाइव टीवी citiesशहर फोटोज अगली
खबर

कचरे से खाद, टाइल्स, कुर्सी और टेबल बना रहा ये शख्स, लाखों नहीं करोड़ों में है कमाई

बड़े-बड़े शहरों में कचरे के बड़े-बड़े ढेर होते हैं। लोग उसे देखकर गुजर जाते हैं। मगर एक शख्स ऐसा है जिसने कूढ़े का ढेर देखा और उससे निजात पाने की ठान ली। ये हैं दिल्ली के प्रवीण नायक, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। मगर कचरे के ढेर में बिजनेस अवसर दिखने पर उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ दी और वेस्ट मैनेजमेंट को अपनी लाइफ का मकसद बना लिया।

कचरे का प्रबंधन कचरे का प्रबंधन
01 / 05
Share

कचरे का प्रबंधन

प्रवीण ने कम्प्यूटर की अपनी एक्सपर्टाइज को कचरे का प्रबंधन (Waste Management) करने में लगाया। पर समस्या ये थी कि उनके पास मकसद तो था, मगर जानकारी, पैसा और तरीका नहीं था।

स्वयं सहायता समूह स्वयं सहायता समूह
02 / 05
Share

स्वयं सहायता समूह

उन्होंने शहर भर से कचरा बीनने वालों को इकट्ठा किया। वहीं उनकी पत्नी प्रगति ने अंबिकापुर में आदिवासी महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के बीच रह कर कचरा प्रबंधन मॉडल का अध्ययन किया।

03 / 05
Share

गार्बेज क्लीनिक

फिर प्रवीण ने 'गार्बेज क्लीनिक' नाम से एक वेंचर शुरू किया। अब उनका ये वेंचर घरों और कई अन्य जगहों से कचरा इकट्ठा करता है। फिर उसे रीसाइकिल करके खाद, टाइल्स, कुर्सी, टेबल और इसी तरह के अन्य सामान बनाता है।

04 / 05
Share

500 से अधिक लोगों को रोजगार

रिपोर्ट्स के अनुसार गार्बेज क्लीनिक का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है। वहीं गार्बेज क्लीनिक ने 500 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रखा है।

05 / 05
Share

एक महीने की ट्रेनिंग

खास बात ये है कि उन्होंने बहुत सारे भीख मांगने वालों, अकेली बेसहारा महिलाओं और कचरा बीनने वाले लोगों को एक महीने की ट्रेनिंग दी और उन्हें अपने वेंचर से जोड़कर कचरा प्रबंधन में एक प्रोफेशनल बना दिया।