OPS, NPS और UPS, इन तीनों पेंशन स्कीम्स में क्या है अंतर, कैसे मिलेगा फायदा
मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऐलान कर दिया है। नई पेंशन स्कीम करीब-करीब ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी ही है। इसमें पुरानी पेंशन स्कीम की तरह सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा फैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन में महंगाई भत्ते को भी शामिल कर लिया गया है। बस अंतर इतना है कि पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को कंट्रीब्यूशन नहीं करना पड़ता था।
OPS, NPS और UPS
UPS में न्यू पेंशन स्कीम की तरह 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन करना पड़ेगा। लेकिन कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिले इसके लिए सरकार ने अपने कंट्रीब्यूशन 14 फीसदी को बढ़ाकर 18.5 फीसदी कर दिया है। यानी कर्मचारियों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। नई स्कीम एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। तो अब सवाल उठता है कि UPS, NPS, OPS में अंतर क्या है। और नई यूनीफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS का फायदा किसे और कैसे मिलेगा। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।और पढ़ें
UPS VS NPS VS OPS में अंतर
यूनीफाइड पेंशन स्कीम , ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम में सबसे बड़ा अंतर कर्मचारियों के कंट्रीब्यूशन का है। यूनीफाइड पेंशन स्कीम किसी भी सरकार के लिए बोझ नहीं बनेगी। क्योंकि इसमें कर्मचारियों को 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन करना होगा। जबकि सरकार ने अपने कंट्रीब्यूशन को 14 फीसदी से बढ़ाकर 18.5 फीसदी कर दिया है। इसकी वजह से पेंशन के लिए फंड बनता रहेगा। इस आधार पर पहले साल एरियर के रूप में 800 करोड़ और यूपीएस के रूप में 6250 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम में ऐसा नहीं था। और इसी वजह से वह सरकारों के लिए बोझ बन गई थी। और पढ़ें
NPS में क्या था?
साल 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार NPS लेकर आई थी। लेकिन NPS में सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन की गारंटी नहीं मिलती थी। साथ ही फैमिली पेंशन की व्यवस्था भी नहीं थी। वह एन्युटी आधारित थी। और उसमें UPS 60 फीसदी पेंशन की गारंटी नहीं थी। तो कुल मिलाकर मोदी सरकार ने 20 साल बाद NPS की विदाई कर दी है। और अगर देखा जाय तो OPS के 80-90 फीसदी प्रावधानों को लागू कर दिया है।और पढ़ें
UPS का फायदा
यूनीफाइड पेंशन स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकारी कर्मचारी अब रिटायरमेंट के समय एक गारंटेड पेंशन के हकदार होंगे। यानी रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिली अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। हालांकि यह मूल वेतन का 50 फीसदी होगा। यानी किसी कर्मचारी का औसत मूल वेतन रिटायरमेंट के समय अगर 50,000 रुपये है तो उसे 25000 रुपये पेंशन मिलना तय है। और उस पर DR (डियरनेंस रिलीफ ) भी मिलेगा। लेकिन 50 फीसदी एश्योर्ड पेंशन पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी जरूरी होगी।और पढ़ें
किसे मिलेगा फायदा
सरकार का कहना है कि इस कदम से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। यही नहीं यदि राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होती हैं तो कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी।इसके अलावा UPS का लाभ नई पेंशन स्कीमा यानी NPS के आधार पर रिटायरमेंट ले चुके कर्मचारी भी ले सकेंगे। और उन्हें स्विच करने का मौका मिलेगा। यही नहीं रकम के अंतर को भी सरकार ब्याज सहित चुकाएगी। जो पीपीएफ के ब्याज के बराबर होगा।और पढ़ें
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