गोल्ड में निवेश से कैसे होगी बंपर कमाई, जाने कहां और कितना लगाएं पैसा
देश में निवेश के बहुत सारे ऑप्शन मौजूद हैं। इनमें शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और एफडी भी शामिल है। मगर एफडी में अन्य ऑप्शनों के मुकाबले कम रिटर्न मिलता है, जबकि म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में जोखिम होता है। ऐसे में गोल्ड निवेश का अच्छा ऑप्शन है।
गोल्ड एक सेफ ऑप्शन
गोल्ड एक सेफ ऑप्शन है। जब भी देश-दुनिया में किसी घटना के कारण शेयर बाजार गिरते हैं तो निवेशक गोल्ड का ही रुख करते हैं। दूसरे गोल्ड महंगाई से मुकाबला करने यानी इंफ्लेशन हेजिंग के लिए भी बेहतर है।
निवेश पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन
गोल्ड निवेश पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए भी बेहतर है, जबकि ये लिक्विडिटी भी ऑफर करता है। लिक्विडिटी यानी इसे आप बेचकर कभी भी पैसा निकाल सकते हैं। जानकार मानते हैं कि निवेशकों को अपने कुल निवेश का 10 से 15 फीसदी पैसा हमेशा गोल्ड में निवेश करना चाहिए। ये तरीका डायवर्सिफिकेशन और सेफ ऑप्शन के लिहाज से अच्छा माना जाता है।और पढ़ें
क्यों और कितना निवेश
गोल्ड में क्यों और कितना निवेश करने के बाद जानते हैं कि कहां निवेश करना चाहिए। गोल्ड में निवेश के कई ऑप्शन हैं, जिनमें फिजिकल गोल्ड पुराना तरीका है। मगर इसमें सेफ्टी का झंझट है।
गोल्ड सेविंग्स स्कीम
दूसरा तरीका है गोल्ड सेविंग्स स्कीम। पिछले कुछ सालों में, कई ज्वैलर्स गोल्ड सेविंग स्कीम चला रहे हैं। गोल्ड या ज्वैलरी सेविंग स्कीम में आपको चुनी गई अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है और जब अवधि समाप्त हो जाती है, तो आपको बोनस राशि समेत जमा की गई कुल राशि के बराबर उतनी ही ज्वैलरी मिल जाती है। ये तरीका बेटी की शादी के लिए सोना जोड़ने के लिए बेस्ट है।और पढ़ें
गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF)
पेपर गोल्ड में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) शामिल है। इसमें NSE या BSE के जरिए निवेश होता है। ये एक तरह के म्यूचुअल फंड ही है। इसमें सेफ्टी की चिंता नहीं होती।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। सरकार साल में लगभग दो बार ये बॉन्ड जारी करती है। इसमें रिटर्न के साथ-साथ ब्याज भी मिलता है। इसमें भी सेफ्टी की टेंशन नहीं।
डिजिटल गोल्ड
ग्राहक पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे भुगतान ऐप का उपयोग करके 'डिजिटल गोल्ड' खरीद सकते हैं। ग्राहक कम से कम 1 रुपये में सोना खरीद सकते हैं। इनमें से ज़्यादातर पेमेंट ऐप ने सोना बेचने के लिए MMTC - PAMP (सरकारी MMTC और स्विटज़रलैंड की PAMP SA के बीच एक जॉइंट वेंचर) या SafeGold के साथ हाथ मिलाया है।
कौन सा ऑप्शन बेहतर
बार या सिक्कों के रूप में फिजिकल सोना रखने की लागत लगभग 10 प्रतिशत है और आभूषणों के लिए यह और भी ज़्यादा है। SGB और गोल्ड ETF, दोनों ही पेपर-गोल्ड, किफ़ायती हैं क्योंकि SGB में कोई एंट्री कॉस्ट नहीं होती। जबकि गोल्ड ETF की लागत लगभग 1 प्रतिशत हो सकती है।SGB से उन लोगों के लिए बेहतर है जो लंबी अवधि के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं क्योंकि इसकी मैच्योरिटी 8 साल के बाद होती है, हालाँकि लॉक-इन पांचवें साल से समाप्त हो जाता है। मगर गोल्ड ETF SGB की तुलना में बहुत बेहतर लिक्विडिटी प्रोवाइड करते हैं। आप अपनी सुविधा के मुताबिक इनमें से ऑप्शन चुन सकते हैं।और पढ़ें
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