यहां बनते हैं वंदे भारत-महाराजा एक्सप्रेस के डिब्बे, 7.5 करोड़ रु में हुआ बड़ा कारनामा

भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। रोज भारत में करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा कि जिन ट्रेनों में लोग सफर करते हैं, उनके कोच कहां बनते हैं। आज यहां जान लीजिए कि भारत की किस फैक्ट्री में सबसे अधिक ट्रेन कोच बनते हैं।

चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री
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​चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री​

चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी रेल कोच मैन्युफैक्चरिंग फैक्‍ट्री है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस फैक्ट्री में सालाना 3-4 हजार कोच बनते हैं।

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इसी साल जून में इस इंटीग्रल कोच फैक्ट्री से बनाए कुल कोचों की संख्या 75000 हो गई। इसकी शुरुआत 1955 में हुई थी।

1957-58 में यहां 74 कोच तैयार हुए
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​1957-58 में यहां 74 कोच तैयार हुए​

चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में एक समय बहुत कम रेल कोच बनते थे। चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के अनुसार 1957-58 में यहां 74 कोच तैयार हुए थे।

लग्जरी टूरिज्म कोच भी बनाए
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​लग्जरी टूरिज्म कोच भी बनाए ​

इस फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट्स, डीजल मल्टीपल यूनिट्स, हाई स्पीड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन्स, एसी ईएमयू और गोल्डन चैरियट और महाराजा एक्सप्रेस के अलावा कोलकाता मेट्रो जैसे लग्जरी टूरिज्म कोच भी बनाए हैं।

सेमी-हाई स्पीड ट्रेनसेट
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​सेमी-हाई स्पीड ट्रेनसेट ​

यहां वंदे भारत के सेमी-हाई स्पीड ट्रेनसेट के कई वेरिएंट भी बन रहे है। इस फैक्ट्री के बने कोच विदेशों को भी निर्यात किए जाते हैं।

747 करोड़ रु में तैयार
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​7.47 करोड़ रु में तैयार ​

बता दें कि चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री भारत की सबसे शुरुआती प्रोडक्शन यूनिट्स में से एक है। इसे 7.47 करोड़ रु में तैयार किया गया था।

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