कमाती थी 2 रुपए रोज, ऐसे खड़ी कर दी 2000 करोड़ की कंपनी

Kalpana Saroj Success Story: अगर आपने ठान लिया कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए सफल होकर रहना है तो कितनी भी मुश्किलें क्यों ना सामने आ जाए। आप सफल होकर ही रहेंगे। देश और दुनिया कई ऐसे लोग मिल जाएंगे। जो जिंदगी की तमाम परेशानियों को झेलते हुए वो मुकाम हासिल किया जिसे दुनिया देखती रह गई। ऐसा ही एक नाम कल्पना सरोज का है। जो दलित परिवार में जन्म लेकर सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक मुश्किलों का सामना करते हुए सफल बिजनेसवुमन बनी और 2000 करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर दिया।

कभी खाने तक के लिए होना पड़ा था मोहताज
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​कभी खाने तक के लिए होना पड़ा था मोहताज​

कल्पना सरोज का जन्म महाराष्ट्र के विदर्भ में बेहद गरीब परिवार हुआ। इतना ही नहीं दलित परिवार से भी आती है। उन्हें सामाजिक और आर्थिक दोनों स्तर पर काफी संघर्ष करना पड़ा। परिवार की माली हालत ऐसी थी कि दो वक्त की रोटी के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता था। कल्पना सरोज तीन बहनें थी और उनके दो भाई थे। (तस्वीर-instagram)और पढ़ें

दलित होने से स्कूल में हुआ था भेदभाव
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​दलित होने से स्कूल में हुआ था भेदभाव​

कल्पना सरोज दलित परिवार से थीं। इसकी वजह उन्हें छुआछूत का भी सामना करना पड़ता था। समाज और स्कूल में उन्हें भेदभाव झेलना पड़ा। दलित होने की वजह से बाकी बच्चे के माता-पिता उनसे बात करने तक की मनाही करते थे। स्कूल के शिक्षक उन्हें दूसरे छात्रों से अलग बैठाते थे। (तस्वीर-instagram)

12 साल में शादी ससुराल में जिंदगी बन गई थी नरक
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​12 साल में शादी, ससुराल में जिंदगी बन गई थी नरक​

कल्पना सरोज जब 12 साल की थी तब उनकी शादी हो गई। वो भी उनसे 10 बड़े लड़के के साथ उनकी शादी हुई। इतना ही नहीं ससुराल में उन पर अत्याचार होने लगा। घर का सारा काम, बर्तन धोना, पूरे परिवार का कपड़ा धोना, खाना पकाने समेत सभी काम करने से जीवन नरक में बदल गया। उसके साथ मारपीट भी की जाती थी। यह सब देख कर पिता उसे 6 महीने बाद ही ससुराल से घर ले आए। (तस्वीर-instagram)और पढ़ें

जान देने की भी की थी कोशिश
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​जान देने की भी की थी कोशिश​

ससुराल से वापसी के बाद सामाजिक ताने ने उन्हें खुदकुशी के लिए मजबूर कर दिया। चूहे मारने के जहर पीने के बाद उसकी चाची की मदद उसे अस्पताल ले जाया गया और उसकी जान बच गई। इस घटना के बाद उसकी जिंदगी में बदलाव आया। उनके कुछ करने का संकल्प लिया। (तस्वीर-instagram)

मुंबई में 2 रुपए रोज पर शु्रू की थी मजदूरी
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​मुंबई में 2 रुपए रोज पर शु्रू की थी मजदूरी​

कल्पना सरोज 16 साल की उम्र में चाचा के साथ मुंबई चली गई। कपड़ा फैक्ट्री में काम करने लगी। वहां उन्हें दिन 2 रुपए मजदूरी मिलती थी। जब वह कपड़ा सिलने में एक्सपर्ट हो गई तो उन्हें 10 रुपए प्रति दिन मजदूरी मिलने लगी। फिर वह एक फ्लैट लेकर रहने लगी। इसी दौरान इलाज के बिना उसकी छोटी बहन का देहांत हो गया। (तस्वीर-instagram)और पढ़ें

फिर ऐसे खड़ा किया 2000 करोड़ का साम्राज्य
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​फिर ऐसे खड़ा किया 2000 करोड़ का साम्राज्य​

बहन की मौत के बाद उसने अधिक से अधिक पैसा कमाने का फैसला किया। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर फर्नीचर का बिजनेस शु्रू किया। साथ में कपड़े सिलाई का भी काम करती थीं। उन्होंने ठान लिया था कि वह सफल होकर रहेंगी। इसी बीच कर्ज में डूबी मेटल इंजीनियरिंग कंपनी कमानी ट्यूब्स ने इसका कार्यभार संभालने के लिए उनसे संपर्क किया। कल्पना ने इस काम को अपने हाथ में लिया। धीरे-धीरे यह कंपनी पटरी पर आ गई। अच्छी कमाई होने लगी। उन्होंने अपने बिजनेस को 2000 करोड़ साम्राज्य स्थापित कर दिया। (तस्वीर-instagram)और पढ़ें

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