हर कपल की जरूरत बन गए मेरठ के ये दो भाई, बना लिए 10 हजार करोड़

Mankind Pharma Success Story: उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले राजीव जुनेजा ने कॉलेज छोड़कर 18 साल की उम्र में अपने बड़े भाई रमेश जुनेजा के साथ पारिवारिक बिजनेस में काम करना शुरू किया और मैनकाइंड जैसी फार्मा कंपनी को खड़ा कर किया। अब यह कंपनी भारत चौथी बड़ी दवा कंपनी बन गई है। आज इस कंपना रेवेन्यू बढ़कर 10,335 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक केमिस्ट की दुकान पर काम करने से की। जबकि उनके बड़े भाई दवा कंपनी में मार्केटिंग प्रतिनिधि (एमआर) थे।

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​कैसे खड़ा किया मैनकाइंड फार्मा​

जुनेजा बंधु उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैं। बड़े जुनेजा एक फार्मा कंपनी के मार्केटिंग प्रतिनिधि थे और उनके छोटे भाई एक केमिस्ट की दुकान पर काम करते थे। उनके ऑन-फील्ड अनुभव और बैकग्राउंड ने उन्हें ग्रामीण और छोटे शहरों में उपभोक्ताओं की अनूठी जरूरतों और आकांक्षाओं पर ध्यान देने में मदद की।आपको मैनकाइंड के प्रेगा न्यूज, मैनफोर्स, हेल्थओके और गैस-ओ-फास्ट जैसे बेहद लोकप्रिय उपभोक्ता हेल्थ ब्रांड याद आएंगे। राजीव के बड़े भाई 69 वर्षीय रमेश जुनेजा ने भी इन सभी ब्रांड नामों को गढ़ा है, जिन्होंने बड़े बाजार हिस्से पर कब्जा किया है। जब उन्होंने 1995 में अपनी नई फार्मा कंपनी, मैनकाइंड फार्मा के लिए नाम गढ़ा, तो उनके पास शुरुआत करने के लिए 50 लाख रुपये थे।

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​मार्केटिंग रणनीति पर किया काम​

राजीव जुनेजा ने मूल्य निर्धारण और मार्केटिंग रणनीति को लागू करने पर काम किया। वॉल्यूम बढ़ाने के लिए मैनकाइंड ने एक्सपर्ट्स की बजाय सामान्य डॉक्टरों को चुना। इसकी दवाओं की कीमत प्रतिस्पर्धा की तुलना में बहुत कम थी। विज्ञापन अभियान सेक्सुअल हेल्थ और एसिडिटी जैसे उपभोक्ता-केंद्रित विषयों पर केंद्रित थे।

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​5 साल से नंबर वन​

कंपनी पिछले पांच सालों से प्रीक्रिप्शन की संख्या के मामले में नंबर वन पर है। मैनफोर्स कंडोम, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव प्रेगा न्यूज और अनवांटेड 72, गैस-ओ-फास्ट (एंटासिड), एक्नेस्टार (स्किन ब्रांड) और मल्टीविटामिन हेल्थओके न्यूज भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले कंज्यूमर हेल्थ ब्रांड्स में से हैं।

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​15000 मार्केटिंग और सेल्स प्रतिनिधि​

मैनकाइंड अपने अधिकांश प्रतिनिधियों को छोटे शहरों से नियुक्त करता है और उन्हें बिक्री पर उदार कमीशन देता है, जिससे उन्हें करियर विकास का रास्ता दिखाई देता है। यह कम एट्रिशन दरों के साथ फील्ड फोर्स को प्रेरित रखता है। मैनकाइंड के पास 15,000 मार्केटिंग और बिक्री प्रतिनिधि हैं।

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​बिग बी भी बने ब्रांड एंबेसडर​

जैसे-जैसे इसका विस्तार हुआ, कंपनी ने बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल किया, साथ ही अन्य क्षेत्रीय फिल्म सितारों को भी शामिल किया, ताकि मैनकाइंड को घर-घर में एक ब्रांड बनाया जा सके। साथ ही, इसने एक अच्छी तरह से तैयार मार्केटिंग और बिक्री इंजन बनाया।

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रेवेन्यू बढ़कर 10,335 करोड़ रुपये

पिछले साल मई में मैनकाइंड का आईपीओ सफल रहा था, जिसकी लिस्टिंग 20% प्रीमियम पर हुई थी। तब से स्टॉक में करीब 74% की तेजी आई है। वित्त वर्ष 23 में मैनकाइंड का रेवेन्यू 8,749 करोड़ रुपये और मुनाफा 1,310 करोड़ रुपये था। घरेलू रेवेन्यू कुल रेवेन्यू का 97% रहा। वित्त वर्ष 24 में रेवेन्यू बढ़कर 10,335 करोड़ रुपये और नेट प्रॉफिट बढ़कर 1,942 करोड़ रुपये हो गया। 31 मार्च 2024 तक कंपनी के पास 3,260 करोड़ रुपये का नेट कैश बैलेंस था।

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​जेआरडी टाटा हैं आदर्श​

जेआरडी टाटा से प्रेरित राजीव जुनेजा का लक्ष्य मैनकाइंड को एक संस्था बनाना है। उन्होंने कहा कि मेरे आदर्श जेआरडी टाटा रहे हैं। मैंने उनकी किताब 'Behind The Last Blue Mountain' पढ़ी और तब से मैं सोच रहा हूं कि क्या हम किसी तरह की संस्था बना सकते हैं। उनका लक्ष्य मैनकाइंड को रेवेन्यू के मामले में भारत की नंबर 1 दवा कंपनी बनाना है।